छत्तीसगढ़ के कांग्रेस दफ्तर पहुंची ईडी, समन दे पूछा- किस पैसे से हुआ राजीव भवन का निर्माण?
छत्तीसगढ़ में ईडी की टीम ने राजधानी रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में दबिश दी। ईडी के चार अधिकारियों ने कांग्रेस प्रभारी महामंत्री (संगठन) मलकीत सिंह गैदू से बातचीत कर उन्हें समन सौंपा।
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छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने राजधानी रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में दबिश दी। ईडी के चार अधिकारियों ने कांग्रेस प्रभारी महामंत्री (संगठन) मलकीत सिंह गैदू से बातचीत कर उन्हें समन सौंपा। यह समन नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के राजीव भवन (कांग्रेस जिला कार्यालय) निर्माण को लेकर दिया गया है। कांग्रेस के महामंत्री ने 27 फरवरी तक जानकारी उपलब्ध कराने की बात अधिकारियों से कही है। ऐसी चर्चा है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ईडी सुकमा के राजीव भवन को कुर्क कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सुकमा स्थित राजीव भवन और हरीश कवासी का मकान कुर्क किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कांग्रेस के प्रभारी महासचिव मलकीत गैदू से चार बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। ईडी ने पूछा है कि सुकमा जिले के कांग्रेस कार्यालय के निर्माण में लगे पैसों कहां से आए? पीसीसी से पैसा जारी किया गया है क्या? यदि ऐसा हुआ है तो रकम कब और कैसे दी गई है। बता दें कि 28 दिसंबर को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के रायपुर के धरमपुरा स्थित बंगले में रेड मारी थी।
इस दौरान पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई थी। कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर और सुकमा में लखमा के बेटे हरीश लखमा और राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई थी। ईडी की छापे के बाद कवासी लखमा का कहना था कि घोटाला हुआ है या नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी मुझे जहां साइन करने को कहते थे, मैं कर देता था। गरीब आदिवासी को फंसाया गया है। ईडी ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। उनसे पहले दो बार 8-8 घंटे तक पूछताछ की गई थी।
कवासी लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी ED के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। इधर डिप्टी विजय सीएम शर्मा ने कहा कि ईडी का छापा वहां पड़ा है, जहां भ्रष्टाचार का पैसा लगा है। कोई व्यक्ति बड़ा है तो उसके सामने कानून छोटा नहीं होता। जितना नोट छापा है, उसके विरुद्ध ये छापा है। शराब घोटाला को छत्तीसगढ़ के बच्चे-बच्चे जानते हैं। ईडी अपनी कार्रवाई कर रही है। भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को जेल भेजा जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ईडी के पहुंचने पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के इशारे पर ईडी अपनी सीमाओं को लांघ रही है। हमने जन सहयोग से कांग्रेस कार्यालय बनाया है। हम तो एक-एक पैसे का हिसाब दे देंगे। यदि ईडी में साहस है तो डेढ़ सौ करोड़ से बने कुशाभाऊ ठाकरे परिसर की जांच करके बताए। ED उन्हें समन दे। ईडी आरएसएस के पांच सौ करोड़ के दफ्तर के लिए लगी राशि का हिसाब पूछे। एकात्म परिसर की जमीन एक रुपये में लेकर वहां से हर महीने करोड़ों रुपये किराया वसूल रहे हैं। ईडी इसकी जांच का साहस दिखाएगी क्या?
रिपोर्ट- संदीप दीवान
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