अब नक्सलियों पर होगा और करारा वार, CRPF ने छत्तीसगढ़ में उनके गढ़ में बनाया नया ऑपरेशन बेस
- नक्सली TCOC का इस्तेमाल गर्मियों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए उन पर हमला करने के लिए करते हैं। क्योंकि इस वक्त जंगल सूख जाते हैं और पेड़ों से पत्ते भी गिर जाते हैं, जिससे दूर तक का नजारा साफ दिखता है।
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केंद्र सरकार ने अगले साल मार्च तक देश से नक्सलवाद का सफाया करने का लक्ष्य रखा है और इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में CRPF ने एक बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में अपना एक नया ऑपरेशन बेस खोला है। यह बेस नक्सलियों के गढ़ यानी दक्षिणी बस्तर में बनाया गया है, जो कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य का सबसे प्रमुख हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि 13 फरवरी को बीजापुर जिले के 'पुजारी कांकेर' में बल की 196वीं और 205वीं कोबरा बटालियन ने क्षेत्र में और उसके आसपास तैनात अर्धसैनिक बल की विभिन्न इकाइयों की सहायता से इस ऑपरेशन बेस की स्थापना की गई।
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सुदूर क्षेत्र जहां इस FOB की स्थापना की गई है, वह पहाड़ियों से घिरा हुआ है और वहां दक्षिण तथा पश्चिम बस्तर संभागों के नक्सलियों के प्रशिक्षण शिविर, हथियार और गोला-बारूद तथा राशन भंडार स्थित हैं। उन्होंने बताया कि जब यह बेस बनाया जा रहा था, तब एक IED (इ्म्पूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में सीआरपीएफ की कोबरा इकाई का एक कमांडो घायल हो गया था।
इलाके में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है, क्योंकि यह सशस्त्र माओवादी कैडरों की पहली बटालियन के संचालन केंद्र के रूप में कार्य करता है। उन्होंने बताया कि इलाके में नक्सलियों ने अपने मारे गए साथियों की याद में एक ऊंचा लाल रंग का स्मारक भी बना रखा था, जिसे सीआरपीएफ ने भारी मिट्टी हटाने वाली मशीन की मदद से ध्वस्त कर दिया है।
अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद के खतरे को खत्म करने की घोषणा की है, और यह बेस उसी घोषणा को पूरा करने के लिए इन केंद्रों की नवीनतम श्रृंखला में 13वां FOB है।
TCOC शुरू होने से पहले सुरक्षाबल करेंगे और हमले
अधिकारी का कहना है कि माओवादियों के वार्षिक सामरिक जवाबी आक्रामक अभियान (TCOC) के शुरू होने से पहले यह बेस उनके कुछ और ठिकानों पर हमला करेगा। बता दें कि TCOC का इस्तेमाल नक्सली गर्मियों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए उन पर हमला करने के लिए करते हैं। क्योंकि इस वक्त जंगल सूख जाते हैं और पेड़ों से पत्ते भी गिर जाते हैं, जिससे दूर तक का नजारा दिखाई देने लगता है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि CRPF की जिस इकाई ने बेस की स्थापना की है, उसने स्थानीय लोगों से जुड़ने का काम शुरू कर दिया है। उसने एक मेडिकल कैम्प का आयोजन किया है, जिसमें लगभग 70 लोगों का इलाज किया गया।
बता दें कि दूरदराज के इलाकों में माओवादियों का प्रभाव कम करने और सुरक्षाबलों व प्रशासन की पहुंच का अधिकाधिक विस्तार करने के लिए CRPF छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा FOB खोल रही है। इसी वजह से पिछले 3-4 सालों के दौरान उसने प्रदेश में 40 से ज्यादा FOB बनाए हैं।
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