Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET UG 2025: Why Government refused to hold NTA NEET online despite paper leak controversy

NEET UG : सिफारिश के बावजूद नीट परीक्षा ऑनलाइन क्यों नहीं करवा रही सरकार, 2 बड़ी वजह

  • NEET UG 2025: नीट के मोड के संबंध में शिक्षा मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी), स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के बीच गहन चर्चाएं चल रही थीं। एनएमसी में शामिल सूत्रों ने बताया कि छात्रों के हित में यह फैसला लिया गया है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 17 Jan 2025 06:14 PM
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NEET UG : सिफारिश के बावजूद नीट परीक्षा ऑनलाइन क्यों नहीं करवा रही सरकार, 2 बड़ी वजह

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2025 (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट 2025) को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित करने का फैसला किया है। इस बार भी नीट यूजी का आयोजन पेन एंड पेपर मोड में किया जाएगा जबकि सुधार कमिटी की सिफारिशों के बाद उम्मीद की जा रही थी कि नीट एग्जाम ऑनलाइन मोड (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) में कई चरणों में होगा। देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट को फिर से पेन पेपर मोड पर करवाने का केंद्र सरकार का फैसला चौंकाने वाला है। एक दिन और एक शिफ्ट में परीक्षा का फैसला इस संबंध में गठित समिति की सिफारिशों पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद किया गया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी), स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के बीच गहन चर्चाएं चल रही थीं। एनएमसी में शामिल सूत्रों ने बताया कि छात्रों के हित में यह फैसला लिया गया है।

एनटीए की ओर से आयोजित की जाने वाली नीट यूजी परीक्षा के जरिए ही देश भर में एमबीबीएस, बीडीएस, बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस), बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस), बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) जैसे कोर्सेज में एडमिशन होता है। वर्तमान में देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1.10 लाख से ज्यादा सीटें एडमिशन के लिए उपलब्ध हैं।

केंद्र सरकार ने यह फैसला दो वजहों से लिया है

पहली वजह- लॉजिस्टिक्स

नीट यूजी देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा है। पिछले साल लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। ग्रामीण इलाकों से भी भारी तादाद में स्टूडेंट्स ने एप्लाई किया था। सूत्रों ने कहा कि इस साल अधिकारियों को उम्मीद है कि 28 लाख से 30 लाख विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। नीट जैसी बड़ी परीक्षा को इतनी जल्दी पेन-एंड-पेपर मोड से कंप्यूटर बेस्ट मोड यानी ऑनलाइन मोड में स्विच करना अधिकारियों के लिए एक दूर की कौड़ी होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लॉजिस्टिक के नजरिए से इतनी जल्दी ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा।

सरकारी के एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'ऑनलाइन मोड में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए हम एक शिफ्ट में लगभग 1.5 लाख उम्मीदवारों का एग्जाम ले सकते हैं। 30 लाख उम्मीदवारों के लिए परीक्षा कई शिफ्टों में 10 दिनों तक खिंचेगी। इतने कम समय में अलग अलग तरह के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराना और विश्वसनीय परीक्षा केंद्र ढूंढना आसान नहीं है । लॉजिस्टिक्स एक बड़ा कारण था जिसके कारण सरकार ने पहले जैसा एग्जाम मोड बनाए रखना पसंद किया। यह बात सही है कि ऑनलाइन परीक्षा में प्रश्नपत्र बहुत कम हाथों से होकर गुजरता है लेकिन एनटीए पहले सीयूईटी के शर्मनाक अनुभव को दोहराने का जोखिम नहीं उठा सकता, जिसमें काफी तकनीकी गड़बड़ियां (अच्छी तरह से तैयार नहीं किए गए परीक्षा केंद्रों के कारण) देखी गईं, जिसके कारण कई दिनों तक अंतिम समय में परीक्षा रद्द करनी पड़ी।

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दूसरी वजह- बड़ी संख्या में ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र

हर साल भारी संख्या में ग्रामीण इलाकों के छात्र डॉक्टर बनने का ख्वाब लिए नीट यूजी का फॉर्म भरते हैं। हालांकि सरकार ने पहले यह खुलासा नहीं किया है कि NEET-UG उम्मीदवारों का कितना अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों से है, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी अक्सर दावा करते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण संख्या है।

सरकार के एक अन्य सूत्र ने कहा, 'शहरी क्षेत्रों में रहने वाले और पले-बढ़े उम्मीदवार कंप्यूटर का इस्तेमाल करना जानते हैं , जबकि ग्रामीण स्कूलों और क्षेत्रों के छात्र इस मोड से परिचित नहीं हैं और जाहिर तौर पर अगर हम परीक्षा आयोजित होने से तीन महीने पहले मोड में बदलाव करते हैं तो वे नुकसान में रहेंगे।"

सरकार में शामिल सूत्रों ने बताया कि एनटीए, एनएमसी, स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्रालय सभी इस बात पर सहमत थे कि ऑनलाइन मोड से परीक्षा देने की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

भले ही नीट यूजी एक और साल के लिए पारंपरिक मोड में आयोजित किया जाएगा, लेकिन सरकारी अधिकारी लंबी अवधि में बदलाव की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, 'यह तभी संभव होगा जब हमारे पास केंद्रों की एक मजबूत सूची तैयार हो और अभ्यर्थियों को प्रारूप में बदलाव के बारे में अग्रिम सूचना दे दी गई हो।'

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नीट आवेदन से पहले आधार कार्ड और अपार को अपडेट कराना जरूरी

नीट के लिए रजिस्ट्रेशन करते समय अभ्यर्थियों को आधार कार्ड और अपार आईडी कार्ड प्रयोग करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने निर्देश दिए हैं। एनटीए ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है, इसके अनुसार अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन से पहले अपने आधार या अपार आईडी में यदि कोई त्रुटि (मोबाइल नंबर) आदि है तो उसे अपडेट कराना अनिवार्य है। एनटीए ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन करने के लिए अभ्यर्थी की प्रमाणिकता आवश्यक है। जिस आधार नंबर या अपार आईडी को आवेदन के समय छात्र दे रहे हैं, उसमें दिए गए नंबर पर ही ओटीपी भेजा जाएगा, इसलिए एनटीए ने इसे अपडेट करने के लिए कहा है।

एनटीए ने यह भी कहा है कि अभ्यर्थी जब रजिस्ट्रेशन कराएंगे तब इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि उनका नाम और जन्मतिथि वही हो, जो 10वीं बोर्ड के प्रमाणपत्र में दिया गया है। इसके अनुसार कोई संशोधन है तो उसे अपडेट करा लेना है।

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