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NEET UG : नीट में समान अंक आने पर किसे मिलेगी बेहतर रैंक, NTA ने टाई ब्रेकिंग में जोड़ा नया नियम

  • NEET UG 2025: अगर पहले के सात मानदंड लागू करने के बाद भी टाई की समस्या बनी रहती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से से इसका हल निकालेगा।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 13 Feb 2025 08:49 AM
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NEET UG : नीट में समान अंक आने पर किसे मिलेगी बेहतर रैंक, NTA ने टाई ब्रेकिंग में जोड़ा नया नियम

नीट यूजी 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नीट यूजी से देश भर में एमबीबीएस, बीएएमस, बीयूएमस, बीएसएमएस और बीएचएमस, बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज (बीडीएस) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री (बीवीएससी एंड एएच) कोर्सेज में दाखिले होंगे। हर साल करीब 24 लाख स्टूडेंट्स नीट यूजी का फॉर्म भरते हैं, ऐसे में जाहिर है कि कई उम्मीदवारों के बीच टाई होगा। समान अंक आने पर किस उम्मीदवारों को रैंक में ऊपर रखा जाए, इसका फैसला टाई ब्रेकिंग रूल से होता है। इस बार एनटीए ने एग्जाम पैटर्न, टाइमिंग के अलावा टाई ब्रेकिंग रूल में भी बदलाव किया है। पहले इसमें 7 नियम थे इस बार इसमें 8वां नियम जोड़ा गया है। कहा गया है कि अगर सातों क्राइटेरिया से टाई की समस्या हल नहीं होती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से से इसका हल निकालेगा।

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टाई ब्रेकिंग फॉर्मूला 2025

1- जिसके बायोलॉजी (बॉटनी एंड जूलॉजी) में ज्यादा मार्क्स आएंगे, उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा।

2- अगर बॉयोलॉजी वाले फैक्टर से रैंक तय नहीं होती तो फिर केमिस्ट्री के मार्क्स देखे जाएंगे। केमिस्ट्री में जिसके ज्यादा मार्क्स आएंगे, उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा।

3- इसके बाद फिजिक्स के मार्क्स देखे जाएंगे। जिसके फिजिक्स में ज्यादा मार्क्स आएंगे, उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा।

4- जिसने सही उत्तरों की तुलना में कम गलत उत्तर दिए होंगे, उसे ऊपर रखा जाएगा।

5- इसके बाद जिस उम्मीदवार का बायोलॉजी (बॉटनी व जूलॉजी ) में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा, उसे ऊपर रखा जाएगा।

6. इसके बाद जिस उम्मीदवार का केमिस्ट्री में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा, उसे ऊपर रखा जाएगा।

7- जिस उम्मीदवार का फिजिक्स में अटेम्प्टेड गलत का प्रतिशत कम होगा।

8-अगर ये सात मानदंड लागू करने के बाद भी टाई की समस्या बनी रहती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से से इसका हल निकालेगा।

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