UPSC Success Story: नौकरी छोड़ी, लॉकडाउन में की ऑनलाइन पढ़ाई और बन गईं UPSC टॉपर, कौन हैं ये IAS ऑफिसर?
- IAS Success Story: यूपीएससी के लिए नौकरी छोड़ दी, पहले प्रयास में यूपीएससी प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। लेकिन दूसरे प्रयास में कमाल कर दिखाया और ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की। जानिए आईएएस अधिकारी जागृति अवस्थी की प्रेरणादायक कहानी।
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IAS Jagriti Awasthi Success Story: “सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान ले तो एक दिन जरूर मिलती है।” यूपीएससी परीक्षा हमारे की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में से एक है। इस परीक्षा को पास करना बहुत ही मुश्किल है। बहुत सारे लोग अगर एक बार प्रयास कर असफल हो जाते हैं तो वे हिम्मत हारकर दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं और अपना सपना बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। लेकिन विजेता वो ही बनता है जो अंत तक मैदान में डटकर खड़ा रहता है।
इंजीनियरिंग करने के बाद भेल में टेक्निकल ऑफिसर की नौकरी छोड़ दी, पहले प्रयास में यूपीएससी प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। लेकिन दूसरे प्रयास में कमाल कर दिखाया और ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की। जानिए आईएएस अधिकारी जागृति अवस्थी की प्रेरणादायक कहानी।
भेल में टेक्निकल ऑफिसर की नौकरी भी की-
जागृति अवस्थी मूल रूप से भोपाल की रहने वाली हैं। उनके पिता डॉ. सुरेश चन्द्र अवस्थी भोपाल मेडिकल कालेज में प्रोफेसर हैं। जागृति ने भोपाल के महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय से वर्ष 2010 में हाईस्कूल एवं 2012 में इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की। जागृति अवस्थी ने मौलाना आजाद नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) से पासआउट हैं। उन्हें इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री 2016 में पास की थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने गेट (GATE) की परीक्षा पास की और भेल में बतौर टेक्निकल ऑफिसर नौकरी ज्वॉइन कर ली थी।
लॉकडाउन में की ऑनलाइन पढ़ाई-
2019 में उन्होंने अपने आईएसएस अफसर बनने के बचपन के सपने को पूरा करने की ठानी। उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन ले लिया। हालाँकि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान उन्हें भोपाल लौटना पड़ा। लेकिन उनकी पढ़ाई नहीं रुकी। जागृति ने ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ाई की।
परिवार ने दिया साथ-
आईएएस बनने के लिए जागृति ने इंजीनियरिंग छोड़ी तो उनके माता पिता ने भी बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया। माँ ने बेटी की मदद के लिए टीचर की नौकरी छोड़ी तो घर पर चार सालों से टीवी को ऑन भी नहीं किया गया। ये सारे बलिदान जागृति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे। पहले प्रयास में जागृति प्रीलिम्स भी पास नहीं हो सकी थीं लेकिन उन्होंने दृढ़ निश्चय किया और दूसरे प्रयास में टॉपर बन गयीं और यूपीएससी 2020 में उन्हें 2 रैंक प्राप्त हुई। जागृति ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ भाई सुयश और पूर्व सैनिक मामा जितेंद्र नाथ को दिया है।
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