Allahabad university: अब यूजीसी नेट के स्कोर पर पीएचडी में होगा दाखिला
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (AU) में अब पीएचडी में दाखिले के लिए संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) नहीं होगा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अब पीएचडी में दाखिले के लिए संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) नहीं होगी। इसके बजाए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नेट के स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों को पीएचडी में दाखिला दिया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को सीनेट हॉल में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में लिया गया है।
पीआरओ प्रो. जया कपूर की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, यूजीसी के 27 मार्च 2024 के पीएचडी उपाधि प्रदान करने के लिए मानक और प्रक्रिया संबंधी अधिसूचना पर विचार करते हुए परिषद की ओर से सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि क्रेट फिलहाल आयोजित नहीं होगा। शोध में प्रवेश के लिए यूजीसी-नेट स्कोर आधार होगा। जिन विभागों में नेट योग्यता वाले पर्याप्त उम्मीदवार नहीं मिलेंगे, उन विभागों में रिक्त सीटों के सापेक्ष विश्वविद्यालय क्रेट आयोजित करेगा। विदित हो कि इविवि एवं संबद्ध कॉलेजों में संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा के तहत पीएचडी में प्रवेश दिया जाता है।
यह दो चरणों में आयोजित की जाती है। प्रथम चरण में लिखित परीक्षा और द्वितीय चरण में इंटरव्यू (साक्षात्कार) होता है। बैठक में विजिटर के दो नामित नवनियुक्त सदस्य बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो. दीपा द्विवेदी, मधुसूदन लॉ यूनिवर्सिटी कटक के कुलपति प्रो. कमलजीत सिंह मौजूद रहे।
जेके इंस्टीट्यूट के प्रो. आशीष खरे नियमित रजिस्ट्रार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जेके इंस्टीट्यूट के प्रो. आशीष खरे नियमित रजिस्ट्रार बनाए गए। कार्य परिषद की बैठक में कुलसचिव के पद के लिए चयन समिति की सिफारिशों के लिफाफे खोले गए और प्रो. आशीष खरे के नाम की सिफारिश को पद के लिए अनुमोदित किया गया।
प्रो. खरे इविवि के तीसरे शिक्षक हैं जे नियमित रजिस्ट्रार बनाए गए हैं। वह कार्यवाहक रजिस्ट्रार के तौर पर काम देख रहे थे। इससे पहले जेके इंस्टीट्यूट के प्रो. एनके शुक्ल और कॉमर्स विभाग के प्रो. जेएन मिश्र नियमित रजिस्ट्रार रह चुके हैं। केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद विश्वविद्यालय को यह पांचवां नियमित रजिस्ट्रार मिला है। पहले फिरदोस वानी, प्रो. जेएन मिश्र, कर्नल हितेश लव, प्रो. एनके शुक्ल और प्रो. आशीष खरे। मननोविज्ञान विभाग के लिए कैश के तहत पदोन्नति के लिए समिति की सिफारिशों के लिफाफे खोले गए। डॉ. चंद्रांशु सिन्हा, डॉ. संदीप आनंद और डॉ. संजय कुमार को एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति के लिए अनुमोदित किया। सदन को सूचित किया गया कि आंतरिक लेखा परीक्षक के साक्षात्कार के लिए कोई उम्मीदवार उपस्थित नहीं हुआ था। वहीं, एक प्रोफेसर, आठ एसोसिएट प्रोफेसर, 45 असिस्टेंट प्रोफेसर, 6 गैर-शिक्षण कर्मचारियों को 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद स्थायी किया गया।