एक अप्रैल से बढ़ सकते हैं आपके काम घंटे, घट सकती है सैलरी, जानें क्या करने जा रही है मोदी सरकार
एक अप्रैल 2021 से आपकी सैलरी स्ट्रक्चर, ईपीएफ कंट्रीब्यूशन, एलटीसी वाउचर से लेकर आईटीआर फाइलिंग तक में कुछ बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे। चूंकि सरकार 1 अप्रैल से...

एक अप्रैल 2021 से आपकी सैलरी स्ट्रक्चर, ईपीएफ कंट्रीब्यूशन, एलटीसी वाउचर से लेकर आईटीआर फाइलिंग तक में कुछ बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे। चूंकि सरकार 1 अप्रैल से न्यू वेज कोड बिल 2021 को लागू करने की योजना बना रही है, इसलिए आपके वेतन में भारी फेरबदल हो सकता है।
वहीं बजट 2021 में टैक्स से जुड़ी कुछ प्रमुख घोषणाएं भी 1 अप्रैल से लागू होने वाली हैं, जिसका मतलब है कि अगले महीने से आईटीआर दाखिल करने वाले नियम, ईपीएफ अंशदान व कराधान नियम लागू होंगे। गौरतलब है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।आइए जानें 1 अप्रैल 2021 से क्या-क्या बदलने वाला है....
पीएफ बढ़ेगा पर वेतन घटेगा
नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी। वर्तमान में, आपके मूल वेतन का 12 फीसदी अब पीएफ में चला जाता है। जब मूल वेतन सीटीसी का 50 प्रतिशत हो जाता है, तो पीएफ में योगदान भी बढ़ जाएगा। उदाहरण के लिए, 40,000 रुपये मासिक सीटीसी वाले व्यक्ति के लिए 20,000 रुपये मूल वेतन होगा और 2,400 रुपये पीएफ खाते में जाएगा।
पीएफ के ब्याज पर टैक्स
1 अप्रैल से, 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक भविष्य निधि के लिए कर्मचारी योगदान पर ब्याज कर योग्य होगा। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप है। इसका मतलब है कि 1 अप्रैल से, पीएफ खाते में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान करने वाले लोगों को 2.5 लाख रुपये की सीमा से अधिक की राशि पर अर्जित ब्याज पर कर का भुगतान करना होगा।
रिटायरमेंट की राशि में होगा इजाफा, बढ़िया कटेगा बुढ़ापा
ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा। इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी। उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इन चीजों से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।
काम के घंटे 12 घंटे करने का प्रस्ताव
नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।
बेसिक सैलरी के साथ बढ़ सकता है सीटीसी

New Wage Code यदि 1 अप्रैल को लागू किया जाता है तो मजदूरी कुल मजदूरी का कम से कम 50% होगी। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। आज ज्यादातर कंपनियों का मूल वेतन लगभग 35% से 45% है, यह उनके लिए एक बदलाव होगा। नए नियम लागू होने पर आपके मूल वेतन के साथ-साथ आपका सीटीसी भी बढ़ सकता है।
LTC योजना में छूट बंद
2020 में COVID-19 के प्रकोप के कारण केंद्र ने अवकाश यात्रा रियायत (LTC) योजना में छूट की घोषणा की थी। इस छूट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 12 अक्टूबर, 2020 के बीच किए गए खर्चों पर आयकर लाभ का दावा करने की अनुमति दी। यात्रा व्यय के बदले 12 प्रतिशत या अधिक की जीएसटी दर को आकर्षित करने वाली वस्तुओं की खरीद पर 31 मार्च, 2021 तक। यह छूट 1 अप्रैल से लागू नहीं होगी।