57% तक चढ़ सकता यह पावर शेयर, अडानी समूह की है कंपनी, एक्सपर्ट बोले- खरीदो
- Adani Power shares: अडानी पावर लिमिटेड के शेयर में आने वाले दिनों में तेजी देखी जा सकती है। अगर आप दांव लगाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह काम की खबर हो सकती है। बता दें कि ब्रोकरेज फर्म अडानी समूह के इस पावर कंपनी के शेयर पर बुलिश हैं और इसे खरीदने की सलाह दे रहे हैं।
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Adani Power shares: अडानी पावर लिमिटेड के शेयर में आने वाले दिनों में तेजी देखी जा सकती है। अगर आप दांव लगाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह काम की खबर हो सकती है। बता दें कि ब्रोकरेज फर्म अडानी समूह के इस पावर कंपनी के शेयर पर बुलिश हैं और इसे खरीदने की सलाह दे रहे हैं। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने अडानी पावर के शेयर को खरीदने की सलाह दे रहे हैं। बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयर 2.3% गिरकर 509 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे। हालांकि, इसका बंद प्राइस 514.90 रुपये रहा।
कितना है टारगेट प्राइस
वेंचुरा सिक्योरिटीज ने अडानी पावर को 806 रुपये के रिवाइच टारगेट के साथ 'बाय' की सिफारिश की है। यह जो करीबन 57 प्रतिशत की तेजी की संभावना का संकेत देता है। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने फ्रेश नोट में कहा कि अडानी पावर लिमिटेड, भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट नेट-प्ले थर्मल पावर प्रोड्यूसर होने के नाते, महत्वपूर्ण बिजली मांग को पूरा करने के लिए मजबूत क्षमता विस्तार योजनाओं के साथ रणनीतिक रूप से तैयार है। नोट में कहा गया है कि बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज और घरों में सफेद वस्तुओं और गैजेट्स की बढ़ती स्वीकार्यता के कारण भारत में बिजली की मांग बढ़ रही है।
ब्रोकरेज की राय
घरेलू ब्रोकरेज ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) बढ़ती एनर्जी जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करने में असमर्थ है, बढ़ती मांग-आपूर्ति का अंतर बेस लोड थर्मल पावर क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। अडानी पावर थर्मल पावर क्षमता में निरंतर निवेश के माध्यम से भविष्य में विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2031 तक 30.67 गीगावॉट की कुल क्षमता है। इससे भारत के थर्मल पावर सेक्टर में कंपनी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में 6 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 31 तक 11 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।
ब्रोकरेज ने कहा कि नई क्षमताओं से जुड़ी शुरुआती ओवरहेड लागत के कारण एबिटा मार्जिन 73 आधार अंक (बीपीएस) घटकर 35.4 फीसदी रह सकता है। ब्रोकरेज ने कहा कि परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 2027 तक आरओई और आरओआईसी क्रमशः 3207 आधार अंक घटकर 16.2 प्रतिशत (शुद्ध लाभ में गिरावट के कारण) और 348 बीपीएस से 16.9 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है।
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