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टैक्स पर मिडिल क्लास को कैसे होगा फायदा, खत्म हो जाएगा ओल्ड टैक्स का सिस्टम? वित्त मंत्री ने समझाया

  • आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर दरों में छूट देकर मध्य वर्ग को बड़ी राहत प्रदान की है। वित्त मंत्री का कहना है कि सरकार के बजट के केंद्र बिंदु में मध्य वर्ग के साथ गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं तथा तमाम आवंटन और योजनाएं उन्हें ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।

Hindustan हिन्दुस्तान टीमMon, 3 Feb 2025 01:22 PM
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टैक्स पर मिडिल क्लास को कैसे होगा फायदा, खत्म हो जाएगा ओल्ड टैक्स का सिस्टम? वित्त मंत्री ने समझाया

Nirmala Sitharaman Interview on Budget 2025: आठवीं बार आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर दरों में छूट देकर मध्य वर्ग को बड़ी राहत प्रदान की है। वित्त मंत्री का कहना है कि सरकार के बजट के केंद्र बिंदु में मध्य वर्ग के साथ गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं तथा तमाम आवंटन और योजनाएं उन्हें ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। बजट के अहम प्रावधानों, विपक्ष के दावों और अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर ‘हिन्दुस्तान’ के राजनीतिक संपादक मदन जैड़ा और विशेष संवाददाता अरुण चट्ठा ने रविवार को उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश...

1.नई कर व्यवस्था में आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख किए जाने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि सरकार पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करने जा रही है। क्या सरकार इस तरह का कोई विचार कर रही है?

मेरे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है, जिसमें पुरानी आयकर व्यवस्था को बंद किया जाए। ऐसे में पुरानी कर व्यवस्था भी चलती रहेगी। सरकार और प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान था कि जो लोग ईमानदारी से आयकर अदा कर रहे हैं, ऐसे करदाताओं को राहत देनी है। इसलिए गहन चर्चा के बाद हमने फैसला लिया कि 12 लाख तक की सालाना आय को कर मुक्त कर दिया जाए। साथ ही, उससे अधिक की आय वर्ग के लोगों के लिए भी कर दरों में परिवर्तन किया, जिससे कि लोगों पर आयकर का बोझ कम हो। इससे निश्चित तौर पर मध्य वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही कृषि और एमएसएमई क्षेत्र को बड़ा लाभ दिया गया है।

2.विपक्ष खासकर आम आदमी पार्टी कह रही है कि उन्होंने मध्य वर्ग पर करों का बोझ अधिक होने का मुद्दा उठाया था, जिस कारण से सरकार को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा?

सबसे पहले तो उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने दिल्ली-पंजाब में जनता से जो वादे किए थे, क्या उन्हें पूरा किया। उन्होंने दिल्ली को पेरिस-लंदन बनाने तक का वादा जनता से किया था। उन्हें बताना चाहिए कि दिल्ली-पंजाब में प्रदूषण का समाधान क्यों नहीं किया गया। आज पंजाब में ड्रग तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार और वहां के मुख्यमंत्री पर यमुना में जहर मिलाने के बेबुनियाद आरोप लगाए। आखिरकार ऐसे राज्य के मुख्यमंत्री पर कौन विश्वास करेगा। खासकर जब भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री स्वयं और उनके मंत्री जेल जा चुके हों। इसलिए मध्य वर्ग को आयकर से राहत देने का फैसला प्रधानमंत्री का विजन है। उनका लगातार कहना था कि आयकर देने वाले नागरिकों को लाभ दिया जाना है। ऐसे नागरिक जो ईमानदारी के साथ कर अदा कर रहे हैं, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। इसलिए आयकर सीमा को बढ़ाने का फैसला आयकरदाता और मध्य वर्ग के सम्मान में लिया गया है।

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3.सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 74 से 100 फीसदी कर दिया है। इसको बढ़ाने के पीछे क्या कारण है और क्या इससे बीमा प्रीमियम सस्ता होगा?

पहला, सामान्य तौर पर जब प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, तो उससे चीजें सस्ती होती है। अब बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) होने से देश में बीमा क्षेत्र के अंदर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसका लाभ बीमा कराने वाले लोगों को मिलेगा। मुझे विश्वास है कि इससे बीमा प्रीमियम सस्ता होगा। दूसरा, विदेशी निवेशकों को बीमा क्षेत्र में घरेलू स्तर पर कोई सहयोगी नहीं मिल रहा था, जिसके साथ वे भारत में बीमा क्षेत्र के अंदर काम कर पाएं। जबकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में निवेश आने की संभावना है। हालांकि, हमने यह प्रावधान किया है कि विदेशी कंपनी प्रीमियम से प्राप्त धनराशि को यहीं पर निवेश करेगी। इससे देश के अंदर बीमा क्षेत्र में कारोबार, रोजगार और निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।

4.सरकार ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। आगामी वित्तीय वर्ष में देश की जीडीपी 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमने सालाना आठ से नौ फीसदी की दर की जरूरत है। आखिरकार यह लक्ष्य कैसे हासिल होगा?

आर्थिक विकास में सुस्ती सीमित समय के लिए है। हमारा पूरा बजट देश में लोगों की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना और उन क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित रहा है, जो विनिर्माण और रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएंगे। भारत के पास भविष्य में आर्थिक विकास को गति देने के लिए व्यापाक संभावना हैं। परंपरागत क्षेत्र के अतिरिक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर उद्योग, नवीनीकरण ऊर्जा, निर्यात और वैश्विक स्तर पर बड़े बाजार की तलाश करने की बड़ी संभावना है, जिनके जरिए भारत ने केवल वैश्विक स्तर पर अपने कारोबार को बढ़ाएगा। साथ ही, देश में विनिर्माण क्षेत्र तेजी से अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेगी। भारत में एआई और सेमीकंडक्टर के जरिए विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

5.वैश्विक स्तर पर तमाम सारी चुनौतियां है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तमाम देशों पर टैरिफ लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत वैश्विक स्तर पर अपने कारोबार को कैसे देखता है?

देखिए, भारत व्यापार सुगमता को लेकर निरंतर कार्य कर रहा है। हमने सीमा शुल्क से संबंधित गैर जरूरी या व्यापार में रुकावट पैदा करने वाले करों को हटाया है। यह प्रक्रिया बीते करीब दो वर्षों से चल रही है। भारत के लिए वैश्विक स्तर पर काफी बाजारों में संभावनाएं है। हमने बजट में विकास यात्रा के चार इंजन चिह्नित किए हैं, जिसमें निर्यात भी शामिल है। निर्यात के लिए भारत वैश्विक स्तर पर नए बाजार तलाश रहा है। निरंतर ऐसे बाजारों में भारतीय सामानों की पहुंच बन रही है और भविष्य में नए बाजारों में बड़ी संभावनाए हैं। भारत ने वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए ही कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को अपने एजेंडे में रखा है, जिससे कि कृषि उत्पादकता, भंडार क्षमता का विकास, विनिर्माण को बढ़ाने, देश में निवेश के लिए नए रास्ते खोलने और निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके।

6. बिहार के लिए बजट में काफी ऐलान किए गए हैं लेकिन वहां के लोग इंडस्ट्री की घोषणा का भी इंतजार कर रहे थे, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर मिलें?

केंद्रीय बजट से बिहार को लेकर की गई घोषणाओं से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनेगा तो स्थानीय लोगों को हवाई सुविधा मिल सकेगी, जिससे राज्य में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। गया को बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। बुद्धा सर्किट विकसित कर रहे हैं, जिससे राज्य में पर्यटन के रास्ते रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही गया में पहले से बड़ा औद्योगिक पार्क बनाया जा रहा है, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। आने वाले समय में बिहार के अंदर रोजगार और निवेश के बड़े रास्ते खुलेंगे। बजट में मखाना बोर्ड बनाने का भी ऐलान किया गया है। इससे राज्य में मखाना उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे मखाना उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, उत्पादों को बाजार में उचित मूल्य भी मिल सकेगा। बजट से पश्चिमी कोसी नहर के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50 हजार हेक्टेयर भूमि को लाभ मिलेगा।

7. सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया है लेकिन बैंक केसीसी पर हमेशा निर्धारित सीमा से कम ऋण देते हैं। क्या सरकार इसको लेकर भी कोई निर्देश जारी करेगी?

हमारी ऐसी कोई रोक नहीं है कि बैंक केसीसी पर निर्धारित सीमा से कम ऋण दें। अगर बैंक ऐसा करते हैं तो उन्हें नहीं करना चाहिए, जितना लिमिट है उतना ऋण किसान को प्रदान किया जाना चाहिए। हालांकि, संभव है कि बैंक ऋण चुकाने से संबंधित किसान का पुराना रिकॉर्ड देखते हों और उसके आधार पर निर्धारित सीमा से कम ऋण प्रदान करते हैं। इसलिए हमने इस बार के बजट में प्रावधान किया है कि बैंक ग्रामीण स्तर पर सिविल स्कोर तैयार करेंगे जो व्यक्ति समय पर ऋण अदा कर रहा है, उससे अच्छे क्रेडिट स्कोर के साथ ऋण की सुविधा आसानी से मिलती रहनी चाहिए। इसी तरह से बीते वर्ष जुलाई के बजट में हमने एमएसएमई के लिए भी सिविल स्कोर बैंक स्तर पर तैयार किए जाने का फैसला लिया था, जिससे छोटे उद्यमियों को अच्छा स्कोर होने पर बिना किसी रुकावट के ऋण मिल सके। ऐसे में ऋण देने की प्रक्रिया आने वाले समय में बहुत आसान हो जाएगी। समय पर ऋण अदा करने वाले किसान, ग्रामीण और छोटे उद्यमियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा।

8 आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और बजट में व्यापार सुगमता की बात की गई है। क्या सरकार इसमें राज्यों के साथ भी बात कर रही है। क्योंकि राज्यों के स्तर पर बड़ी रुकावट आती है।

देश में निवेश, निर्यात और कारोबार करने में सुगमता हो, इसके लिए सरकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के स्तर पर सुधार को लेकर काम कर रही है। आयकर अधिनियम से जुड़ी रुकावटों को दूर करने के लिए नया आयकर अधिनियम ला रहे हैं, जिसमें संशोधन का विधेयक जल्द पेश किया जाएगा। इससे लोगों को आयकर से जुड़ी व्यवस्था को समझने और रिटर्न दाखिल करने में आसानी होगी। इसके साथ ही, सरकार उन सभी प्रावधान को हटाने की दिशा में काम कर रही है, जो व्यापार व निवेश में गैरजरूरी तरीके से रुकावटें पैदा करते हैं। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का फैसला भी बजट में लिया गया है। कमेटी एक वर्ष में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके साथ ही, केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करने में विश्वास करती है। हम सभी राज्यों के संपर्क में है और व्यापार सुगमता पर मिलकर काम कर रहे हैं।

9.क्या वित्त मंत्रालय ने बजट प्रक्रिया के दौरान मुफ्त और नकदी योजनाओं के प्रभाव को लेकर कोई अध्ययन किया है?

यह सवाल अच्छा है लेकिन अभी ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया।

10. आप अपने आठ बजटों में सबसे अच्छा कौन से बजट को मानती हैं।

इसको लेकर कुछ सोचा नहीं।

11. परमाणु ऊर्जा मिशन के जरिये क्या निजी क्षेत्र को संयंत्र लगाने की अनुमति दी जाएगी।

सरकार छोटे परमाणु संयंत्रों को बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए निजी क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाने पर काम करेंगे। खासतौर पर परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी और वित्तीय भागीदार की तलाश करेंगे। उनके लिए काफी अवसर हैं।

12. आपका बजट गरीब, किसानों और मध्य वर्ग पर केंद्रित किया गया है लेकिन मनरेगा के आवंटन में पिछले वर्ष की तुलना में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। ऐसा क्यों?

मनरेगा योजना का आवंटन मांग पर आधारित है। यदि व्यय ज्यादा होता है तो संशोधित बजट में उसे मंजूरी दी जाती है। इसलिए आवंटन कितना है, उससे खास फर्क नहीं पड़ता है।

13. रक्षा आधुनिकीकरण के बजट में महज आठ हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी को कम माना जा रहा है?

मैं फिर वहीं बात कहूंगी कि यह जरूरत पर निर्भर करता है। यदि इससे ज्यादा बजट की जरूरत होती है तो संशोधित बजट में उसे अनुमति दी जाती है। यहां भी अगर संशोधित मांग आएगी तो आवंटन को बढ़ा दिया जाएगा।

14. अंत में यह बताइये कि यह बजट गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है?

क्योंकि जो भी आवंटन किया गया है या योजनाएं बनाई गई है वह इन्हीं वर्गों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।

15. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि कॉरपोरेट क्षेत्र में आय की तुलना में नई नौकरियों और श्रमिकों के वेतन वितरण में असमानता है। क्या सरकार इसको लेकर कुछ कदम उठाएगी?

यह बात सही है लेकिन कॉरपोरेट के मामले में मैं कैसे हस्तक्षेप कर सकती हैं। निश्चित तौर पर कॉरपोरेट को देश की प्रगति के लिए इस पर विचार करना चाहिए।

16. बजट पूरी तरह से खपत को बढ़ाने पर केंद्रित रहा। क्या आपको लगता है कि इससे निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा?

हम उम्मीद कर सकते हैं कि आयकर सीमा बढ़ाए जाने के बाद लोगों की जेब में बचत अधिक होगी। उससे लोगों की खर्च करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। ऐसी स्थिति में निजी क्षेत्र में निवेश और कारोबार के अवसर भी बढ़ेंगे। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तो निश्चित तौर पर निवेश के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बजट भी पूरी तरह से खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। बाकी नौकरी को प्रोत्साहन देने के लिए बीते वर्ष के जुलाई बजट में ऐलान किया गया था, जिस पर काम चल रहा है। आने वाले समय में उसके भी परिणाम देखने को मिलेंगे।

17. सरकार ने बजट में पूंजीगत खर्च को बढ़ाने की दिशा में किसी बड़ी परियोजना का ऐलान नहीं किया है। ऐसा क्यों?

देखिए, सरकार देश के ढांचागत विकास को लेकर पहले से स्पष्ट है। रेल, सड़क, बिजली, पानी से लेकर नए पोर्ट और एयरपोर्ट का निर्माण पूरी गति से चलता रहेगा। इन क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं के खर्च में कोई कमी नहीं की गई है। क्योंकि भविष्य में आधारभूत ढांचा ही तेज गति से आर्थिक विकास का आधार बनेगा। आप देखेंगे कि बीते कुछ वर्षों में देश में एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे, एयरपोर्ट, बंदरगाह का विस्तार हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों का तेजी से विस्तार किया गया है। इसके साथ ही शहरों के अंदर मेट्रो सेवा के विस्तार पर बड़ी धनराशि खर्च हुई है। इन सभी क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं पर लगातार काम होता रहेगा।

18. व्यापार सुगमता की बात हो रही है लेकिन अभी भी कई स्तर पर काम करना मुश्किल है। खासकर राज्यों में श्रम संबंधी कानूनों की रुकावटें हैं। उन्हें कैसे दूर करेंगे?

हम लगातार उन सभी रुकावटों को दूर करने का काम कर रहे हैं, जो गैर जरूरी है। बीते वर्षों में काफी प्रावधानों को दूर किया गया है। कर सुधार की दिशा में नया आयकर विधेयक लेकर आ रहें हैं, जिसमें आयकर से जुड़ी मुकदमेबाजी कम होगी। लोगों को आयकर को समझना आसान होगा। साथ ही हम यह सुनिश्चित कराने की कोशिश कर रहे हैं कि निवेश में किसी तरह की रुकावट न हो। लाइसेंस से लेकर तमाम अनुमति से जुड़ी प्रक्रिया को राज्यों के साथ मिलकर आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम चल रहा है। अगर राज्यों में कोई परेशानी है तो उसको लेकर भी हम सहयोग देन को तैयार हैं। नियमित तौर पर सुनिश्चित कराया जा रहा है कि निवेश और कारोबार के अनुकूल माहौल तैयार हो, जिसमें काफी सफलता भी मिली है।

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