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पैसे का कर लीजिए इंतजाम, 5 कंपनियों का IPO लेकर आ रही सरकार

  • इन कंपनियों में से आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन और गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन फिलहाल मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की प्रक्रिया में हैं। वहीं, 3 अन्य कंपनियों का भी आईपीओ आने वाला है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 22 Feb 2025 04:54 PM
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पैसे का कर लीजिए इंतजाम, 5 कंपनियों का IPO लेकर आ रही सरकार

IPO Plan: अगर आप आईपीओ में दांव लगाकर कमाई की चाहत रखते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार पावर सेक्टर से जुड़ी 5 कंपनियों की शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना बना रही है। इन कंपनियों में से आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन और गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन फिलहाल मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की प्रक्रिया में हैं। कहने का मतलब है कि सरकार 5 कंपनियों के आईपीओ को लॉन्च करने वाली है, जिसमें दांव लगाने का मौका मिलेगा। हालांकि, इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार, पावर डिस्ट्रिब्यूटर कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण की संभावना भी तलाश रही है। यह जानकारी फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में पावर सेक्रेटरी सचिव पंकज अग्रवाल के हवाले से दी गई है।

डिस्कॉम के लिए क्या है प्लान

रिपोर्ट के मुताबिक पावर डिस्ट्रिब्यूटर कंपनियां, बढ़ती बिजली खरीद लागत, उच्च ट्रांसमिशन और वितरण (टी एंड डी) घाटे और उपभोक्ताओं से भुगतान में देरी के बावजूद टैरिफ बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। डिस्कॉम से जुड़ी वित्तीय चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने मंत्रियों का एक समूह बनाया है। सरकार कुछ डिस्कॉम के लिए स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग पर भी विचार कर रही है, बशर्ते वे अपने घाटे को कम करें।

डिस्कॉम का कुल घाटा

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक देश भर में डिस्कॉम का कुल घाटा 6.92 ट्रिलियन रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 24 के अंत तक उनका बकाया कर्ज 7.53 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया। हालांकि, राज्यों ने डिस्कॉम को सब्सिडी भुगतान में सुधार किया है और आपूर्ति की औसत लागत (एसीएस) और औसत राजस्व प्राप्त (एआरआर) के बीच का अंतर भी कम हुआ है। यह 2022-23 में 45 पैसे प्रति किलोवाट से कम होकर 2023-24 में 19 पैसे हो गया है। वहीं, जनवरी 2025 तक एसीएस-एआरआर का अंतर और कम होकर 0.10 पैसे प्रति kWh हो गया।

क्या है एक्सपर्ट की राय

विशेषज्ञों का सुझाव है कि चरणबद्ध टैरिफ समायोजन, कुल टेक्नीकल और कॉमर्शियल (एटीएंडसी) घाटे में कमी, बिजली खरीद लागत अनुकूलन सहित उपायों का एक संयोजन, डिस्कॉम के वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत कर सकता है।

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