RBI ने इस बैंक के लिए दिए पॉजिटिव संकेत, शेयर पर दांव लगाने दौड़ पड़े निवेशक
चौतरफा संकट में घिरे प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ी राहत दी है। इस बीच, शुक्रवार को बैंक के शेयर 5 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 845.85 रुपये के स्तर तक पहुंच गए।
IndusInd bank share: चौतरफा संकट में घिरे प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ी राहत दी है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंक ने शासन और अनुपालन संबंधी मुद्दों को समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। आरबीआई गवर्नर के इस बयान से इंडसइंड बैंक के शेयर को खरीदने की होड़ सी मच गई है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को यह शेयर 5 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 845.85 रुपये के स्तर तक पहुंच गया। शेयर के 52 हफ्ते का लो 605.40 रुपये है। शेयर का यह भाव मार्च 2025 में था।
क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि समग्र बैंकिंग प्रणाली मजबूत बनी हुई है। इंडसइंड बैंक के मामले में उन्होंने कहा कि आरबीआई आगे के लिए जरूरी कदम उठाने का अपना दायित्व निभाने में पीछे नहीं रहेगा। मल्होत्रा ने कहा कि इंडसइंड बैंक ने अपने ऑडिटिंग और अन्य इंटरनल सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। कुल मिलाकर बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि नियामक द्वारा चिह्नित विसंगतियों को चौथी तिमाही के परिणामों में पहले ही एड्रेस किया जा चुका है। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक फोरेंसिक ऑडिट भी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मामला बहुत जल्द सुलझ जाएगा।
मुश्किलों से घिरा बैंक
पिछले दो वर्षों में डेरिवेटिव डील्स की गलत पहचान के कारण इंडसइंड बैंक की नेटवर्थ को संभावित नुकसान के बारे में खुलासा होने के बाद का समय इसके लिए उथल-पुथल भरा रहा है। मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,979 करोड़ रुपये की ऑडिट चूक की सूचना दी थी। इसके बाद बैंक की आंतरिक ऑडिट समीक्षा में पाया गया कि सूक्ष्म-वित्त व्यवसाय से ब्याज के रूप में मिले 674 करोड़ रुपये गलत तरीके से दर्ज किए गए थे। इसके अलावा बही-खाते के 'अन्य परिसंपत्तियां' मद में 595 करोड़ रुपये का 'अप्रमाणित शेष' था।
इस बीच, बाजार नियामक सेबी ने इंडसइंड बैंक के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बैंक के शेयरों में कथित इनसाइडर ट्रेडिंग के सिलसिले में प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।