Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़gold price has increased by more than 11000 rupees in 54 days when will gold become cheaper

54 दिन में सोने के भाव में 11000 रुपये से अधिक का उछाल, अभी और आएगी तेजी

  • Gold Price Review: करीब 2 माह में ही यह 11.20 प्रतिशत चढ़ चुके हैं। 1 जनवरी को सोना का भाव 77,700 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 21 फरवरी तक बढ़कर 88,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। इससे पहले 20 फरवरी को सोना 89,450 रुपये नए शिखर पर पहुंचा था।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Feb 2025 08:55 AM
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54 दिन में सोने के भाव में 11000 रुपये से अधिक का उछाल, अभी और आएगी तेजी

Gold Price Review: पिछले साल निवेशकों के झोली भरने वाले सोने ने इस साल की शुरुआत में भी अपनी तेज चमक बरकरार रखी है। मजबूत वैश्विक रुझानों से घरेलू बाजार में सोना 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार हो गया है। इस साल के शुरुआती 54 दिनों में ही सोने से अपने निवेशकों को 11 फीसदी से अधिक का मुनाफा करा दिया है। इसकी घरेलू कीमतों में अब तक 11 हजार रुपये से अधिक का इजाफा हो चुका है। विशेषज्ञ आगे भी इसमें और तेजी की उम्मीद जता रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल सोने ने लगभग 30 फीसदी का रिटर्न दिया था। इस साल इसके भाव में और तेजी देखने को मिली है और करीब दो माह में ही यह 11.20 प्रतिशत चढ़ चुके हैं। 1 जनवरी को सोना का भाव 77,700 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 21 फरवरी तक बढ़कर 88,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। इससे पहले 20 फरवरी को सोना 89,450 रुपये नए शिखर पर पहुंचा था।

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साढ़े चार दशक का तोड़ा था रिकॉर्ड

पिछले साढ़े चार दशक यानी 45 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोने और चांदी ने साल 2024 में सबसे ज्‍यादा बढ़त का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले साल 2007 में सोना करीब 31% चढ़ा था। वहीं, सबसे तेज 133 फीसदी की वृद्धि वर्ष 1979 में दर्ज की गई थी। वहीं, पिछले साल सोने में लगभग 30 प्रतिशत का उछाल आया था। इसका मतलब है कि जनवरी 2024 से अब तक इसमें 35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

इसलिए आ रही तेजी

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज सर्विसेज लि. के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस शोध) मानव मोदी ने कहा, वैश्विक स्तर पर जारी तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क लगाने की चेतावनियों के बीच अनिश्चितता बढ़ने से सोने में निवेश का आकर्षण बढ़ रहा है। इसके अलावा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम होने, दिवाली के बाद से रुपये की विनिमय दर में में तीन प्रतिशत की तेज गिरावट से भी कीमतें बढ़ी हैं।

साथ ही इस वर्ष की शुरुआत से ही डिमांड और सप्लाई की स्थिति ने भी कुल मिलाकर सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीन में पुनरुद्धार की उम्मीद, केंद्रीय बैंकों के सोने की खरीद की होड़ और कुल निवेश मांग में वृद्धि से इसमें तेजी है।

निवेश के ये विकल्प उपलब्ध

विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड में इन्वेस्ट के लिए कई तरह के प्लैटफार्म उपलब्ध हैं। यह निवेश विकल्प निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता, नकदी की जरूरतों और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। अगर निवशेक को उच्च नकदी और कारोबार में आसानी चाहिए, गोल्ड ईटीएफ बेहतर है।

अगर वह एसआईपी निवेश पसंद करता है तो गोल्ड म्यूचुअल फंड अच्छा है। यदि भौतिक रूप से संपत्ति को महत्व देते हैं, सोने के सिक्के/छड़ (मेकिंग चार्ज की वजह से आभूषण नहीं) बेहतर है।

निवेशक अभी सावधानी बरतें

विशेषज्ञों का कहना है कि सोने का प्रदर्शन इक्विटी और बॉन्ड दोनों से बेहतर रहा है। वैश्विक अनिश्चितताओं और रुपये की विनिमय दर में गिरावट के साथ, यह रुख आगे भी जारी रहने की संभावना है। हालांकि, निवेश राशि का आवंटन निवेशकों के जोखिम लेने की क्षमता, उद्देश्यों और समयसीमा पर आधारित होना चाहिए। मोतीलाल ओसवाल के मानव मोदी कहते हैं कि कीमतों में तेज उछाल को देखते हुए इस स्तर पर सोने में नया निवेश करते समय कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है।''

तेजी के मुख्य कारक

- दुनियाभर में तेजी से बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव

- कई देशों के केंद्रीय बैंकों के द्वारा दरों में कटौती

- अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती

- डॉलर इंडेक्स का मजबूत प्रदर्शन

- वैश्विक और घरेलू स्तरों पर सोने में जोरदार तेजी

- भारत समेत बड़े देशों ने अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाया

- शेयर बाजारों में गिरावट की आशंका से सोने में निवेश बढ़ा

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