किराए पर मकान देकर करते हैं कमाई? आपके लिए है बड़ी खुशखबरी
- आम बजट में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मिडिल क्लास के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स से छूट दी गई है। वहीं, आईटीआर अपडेटेशन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है।
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आम बजट में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मिडिल क्लास के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स से छूट दी गई है। वहीं, आईटीआर अपडेटेशन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने किराये पर दी गई संपत्ति से अर्जित आय पर कर कटौती की सीमा को भी बढ़ाया है। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो मकान को किराया पर देकर कमाई कर रहे हैं।
क्या हो गई है लिमिट
किराये पर दी गई संपत्ति से अर्जित आय पर कर कटौती की सीमा मौजूदा 2.4 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए किराये पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की वार्षिक सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि मैं कटौती की दरों और सीमाओं को घटाकर टीडीएस को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूं। इसके साथ बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए कर कटौती की सीमा राशि भी बढ़ाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि किराये पर टीडीएस के लिए 2.40 लाख रुपये की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जा रहा है। इससे टीडीएस के लिए उत्तरदायी लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे भुगतान लेने वाले करदाताओं को लाभ होगा।
क्या कहता है नियम
आयकर अधिनियम की धारा 194-आई के मुताबिक, किराये के तौर पर निवासी को कोई भी राशि देते समय लागू दरों पर आयकर उस वक्त काटना चाहिए, जब किराये की आय एक वित्त वर्ष में 2.4 लाख रुपये से अधिक हो। हालांकि, बजट 2025-26 में किराये के रूप में आय की इस कर कटौती सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रावधान व्यक्तिगत करदाता या अविभाजित हिंदू परिवार से इतर ही लागू होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डेलॉयट इंडिया के एक्सपर्ट आरती रावते ने कहा- इसका मतलब होगा कि अगर जमीन या मशीनरी आदि को कुछ महीनों के लिए किराये पर लिया जाता है और किराया 50,000 रुपये से अधिक है, तो फिर टीडीएस कटौती जरूरी होगी। क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष डॉमनिक रोमेल ने कहा कि किराये पर वार्षिक टीडीएस लिमिट को 6 लाख रुपये किए जाने से छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को काफी फायदा होगा और अनुपालन बोझ भी कम होगा।
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