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Alert: क्यूआर कोड से कर रहे हैं पेमेंट तो हो जाएं सावधान, धोखा होने का चांस

  • Alert: फोन-पे, पेटीएम या गूगल पे के जरिए दुकानों पर पेमेंट के लिए क्यूआर कोड स्कैन करना सबसे आसान तरीका है, लेकिन क्यूआर कोड से पेमेंट खतरनाक भी हो सकता है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Jan 2025 10:03 AM
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Alert: क्यूआर कोड से कर रहे हैं पेमेंट तो हो जाएं सावधान, धोखा होने का चांस

आजकल सभी तरह के पेमेंट के लिए लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। फोन-पे, पेटीएम या गूगल पे के जरिए दुकानों पर पेमेंट के लिए क्यूआर कोड स्कैन करना सबसे आसान तरीका है, लेकिन क्यूआर कोड से पेमेंट खतरनाक भी हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जीवाड़े से बचने का उपाय यह है कि क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट से पहले रिसीव करने वाले का नाम अवश्य देख लें।

ऐसे हो रही है धोखाधड़ी

मध्य प्रदेश के खजुराहो में जालसाजों ने रात के समय कई प्रतिष्ठानों के बाहर चिपकाए क्यूआर कोड बदल दिए। इनमें पेट्रोल पंपों, मेडिकल स्टोर और अन्य दुकानें शामिल थीं। जब ग्राहकों ने पेमेंट किया तो पैसे जालसाज के खाते में चले गए। देश के कई शहरों में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

क्या-क्या सावधानी बरतें

● क्यूआर कोड स्कैन के बाद पेमेंट प्राप्त करने वाले का नाम चेक करें

● कोड सही है या नहीं पता करने के लिए गूगल लेंस का इस्तेमाल करें

● क्यूआर कोड अस्पष्ट दिख रहा हो तो उसे स्कैन न करें

● क्यूआर कोड केवल पैसे भेजने के लिए स्कैन किया जाता है, पैसे प्राप्त करने के लिए नहीं

स्रोत: वित्त मंत्रालय, (नोट इसमें क्यूआर कोड से धोखाधड़ी के सभी प्रकार शामिल हैं)

धोखाधड़ी से बचने के लिए ये करें

दुकान खोलने के बाद क्यूआर कोड स्कैन कर चेक कर लें कि आपका नाम और अकाउंट डिटेल्स सही दिख रहा है या नहीं

अपनी दुकान या स्टोर का क्यूआर कोड दुकान के अंदर लगाएं, ताकि बाहर से इसे कोई बदल न सके

पेमेंट से पहले ग्राहकों से पूछें कि स्कैन करने पर क्या नाम दिख रहा

पेमेंट करने के बाद बैंक का नोटिफिकेशन अवश्य चेक करें

हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें

संसद में दिए वित्त मंत्रालय के जवाब के अनुसार धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार, आरबीआई और भारतीय राष्ट्रीय पेमेंट निगम (एनपीसीआई) ने समय-समय पर कई पहल की हैं। इसमें ग्राहक के मोबाइल नंबर और डिवाइस के बीच डिवाइस हॉन्डिंग, पिन के माध्यम से टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन, हर दिन लेनदेन की सीमा इत्यादि शामिल है। साइबर घटना की रिपोर्ट के लिए पोर्टल (www.cybercrime.gov.in, और हेल्पलाइन नंबर 1930 लॉन्च किया है।

वित्तीय वर्ष घटनाएं धोखाधड़ी की राशि

2021-22 14625 19.35 करोड़

2022-23 30340 41.73 करोड़

2023-24 39638 56.34 करोड़

2024-25 18167 22.22 करोड़

(सितंबर तक)

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