जमीन विवाद में हुई थी नीलेश मुखिया की हत्या, कांट्रैक्ट किलर से 25 लाख में डील; मुख्य आरोपी गिरफ्तार
बिहार की राजधानी पटना के चर्चित नीलेश मुखिया हत्याकांड के मुख्य आरोपित गोरख राय को पटना पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। जमीन विवाद को लेकर नीलेश मुखिया की हत्या की गई थी।

राजधानी पटना में तीन माह पूर्व हुए नीलेश मुखिया हत्याकांड के मुख्य आरोपित गोरख राय को पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने झारखंड के लोहरदगा से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि इसके दोनों भाई पप्पू और धप्पू अभी भी फरार हैं, जिसे शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह जानकारी नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) वैभव कुमार ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को पाटलिपुत्र थाना इलाके में दीघा के पार्षद पति नीलेश मुखिया को गाली मार दी गई थी। इलाज के क्रम में दिल्ली में उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में पप्पू, धप्पू और गोरख राय के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस घटना की जांच शुरू हुई तो इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों, लाइनर और कई संदिग्ध लोगों की पहचान हुई थी। इसमें अब तक नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चार अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।
जमीन विवाद को लेकर नीलेश मुखिया की हत्या की गई थी। नीलेश मुखिया का करीबी विशाल राय उर्फ अजय राय उनकी हत्या का साजिशकर्ता निकला। उसने पप्पू, धप्पू और गोरख के साथ वारदात को अंजाम देने की पटकथा लिखी थी। नीलेश को रास्ते से हटाने के लिये 25 लाख रुपये की सुपारी की बात अजय ने पप्पू-धप्पू और गोरख से की थी। सितंबर में ही पुलिस ने इस मामले में कुर्जी बालू पर के रहने वाले अजय के साथ संतोष कुमार और उदय कुमार को गिरफ्तार किया था।
नीलेश मुखिया की हत्या के कुछ ही दिनों बाद अजय की संलिप्तता की बात सामने आई थी। पुलिस ने जब उसकी खोजबीन शुरू की तो वह फरार हो गया। दरअसल, इंद्रपुरी इलाके में स्थित एक कह्वा जमीन नीलेश ने खरीदी थी। उसी के ठीक पीछे कुछ जमीन पर अजय अपना दावा कर रहा था। अजय नीलेश पर आगे की जमीन को बेचने का दबाव बना रहा था ताकि उसे रास्ता मिल जाये। नीलेश ने उससे 45 लाख रुपये में जमीन बेचने की बात कही थी। लेकिन अजय तैयार नहीं हुआ। पूर्व में वह नीलेश के साथ जमीन की खरीद-बिक्री के धंधे में पार्टनर भी रह चुका है। जब नीलेश से उसकी नहीं बनी तो वह पप्पू, धप्पू और गोरख के गुट में शामिल हो गया। इसके बाद चारों ने मिलकर नीलेश को मौत के घाट उतारने की साजिश रची।
शूटरों को दिये पांच लाख, बाकी 20 लाख खुद रखे
अजय राय ने पप्पू-धप्पू और गोरख को भी अंधेरे में रखा। उसने तीनों से सुपारी किलर को देने के लिये कुल 25 लाख रुपये लिये। पांच लाख रुपये हत्यारों को दिये गये। बाकी के 20 लाख रुपये अजय ने अपने पास रख लिये। उसने कुर्जी के ही रहने वाले अपने एक साथी के जरिये शूटर इमरान से संपर्क किया था।