चयनित राजस्व ग्रामों में अबतक चार सौ किसानों की हुई फार्मर्स रजिस्ट्री
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। इस योजना के तहत, किसानों को एक फॉर्मर आईडी दी जानी है, जो उनके भूमि विवरण से जुड़ी होती है। फार्मर्स रजिस्ट्री पूर्ण कर किसानों को 12 डिजिट की आईडी दी जायेगी। इसके आधार...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में जिला कृषि कार्यालय व भू राजस्व कार्यालय संयुक्त रूप से इन दिनों फॉर्मर रजिस्ट्री नामक योजना चला रहे हैं। इस योजना के तहत, किसानों को एक फॉर्मर आईडी दी जानी है, जो उनके भूमि विवरण से जुड़ी होती है। फार्मर्स रजिस्ट्री पूर्ण कर किसानों को 12 डिजिट की आईडी दी जायेगी। इसके आधार पर किसान भारत व बिहार सरकार की योजनाओं का सीधे लाभ उठा सकेंगे। योजनाओं के लाभ के लिए किसी दूसरे कागजात की आवश्यकता नहीं होगी। बताया जा रहा कि पांच अप्रैल से शिविर लगाकर जिले के 19 प्रखंडों के चयनित 159 राजस्व ग्राम में फार्मर्स रजिस्ट्री का कार्य शुरू है। जिले के करीब 1500 चयनित राजस्व ग्रामों में फार्मर्स रजिस्ट्री का कार्य पूरा करना है। जिले के राजस्व ग्राम में अबतक चार सौ किसानों की फार्मर्स रजिस्ट्री हो चुकी है। फॉर्मर्स रजिस्ट्री करने के दौरान सर्वप्रथम किसानों का ई-केवाईसी हो रहा है। इसमें अबतक 800 किसानों का ई-केवाईसी किया गया है। इसके अलावा किसानों के नाम, पिता का नाम समेत अन्य जानकारी का बकेट तैयार किया जा रहा है, साथ ही किसानों की भूमि की जमाबंदी आधार से लिंक की जा रही है। बहरहाल, जिला कृषि कार्यालय व भू राजस्व कार्यालय की संयुक्त फॉर्मर रजिस्ट्री योजना के तहत जिले के सभी जमाबंदी धारक किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री करनी है। इस कार्य में पीएम किसान योजना के किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिला कृषि कार्यालय के अनुसार, फॉमर्र रजिस्ट्री से किसानों को फसल ऋण, फसल बीमा मुआवजा व आपदा राहत प्राप्त करने में सहुलियत मिलेगी। किसान रजिस्ट्री का उपयोग कृषि के साथ-साथ गन्ना, उद्यान, मत्स्य, खाद्य एवं विपणन आदि अन्य संबंधित विभागों द्वारा अपनी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए कर सकेंगे। वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज के विपणन में आसानी होगी। फॉर्मर रजिस्ट्री कैसे कराएं जिला कृषि कार्यालय के अनुसार, फॉर्मर रजिस्ट्री के लिए किसान को अपना आधार कार्ड व भूमि का विवरण देना होगा। सबसे पहले किसान कृषि समन्वयक के पास अपना आधार कार्ड व जमीन का विवरण लेकर जाएं। इसके बाद कृषि समन्वयक द्वारा ई-केवाईसी किया जाएगा। इसके बाद, राजस्व कर्मचारी के लॉगिन आईडी पर विवरण अपलोड किया जाएगा, जहां से किसानों को 16 अंकों का फॉर्मर रजिस्ट्री आईडी मिलेगा। फॉर्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य -सही किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना -सब्सिडी, बीमा व अन्य लाभों के वितरण को व्यवस्थित करना -कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाना -किसानों की आजीविका में सुधार के लिए बेहतर योजना व नीति निर्माण को सक्षम बनाना फॉर्मर रजिस्ट्री का लाभ -सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल जाएगा। -सब्सिडी, बीमा व अन्य लाभों का समय पर वितरण होगा। -फॉर्मर आईडी का उपयोग करके भूमि संबंधी कार्यों को किया जा सकेगा ऑनलाइन क्या कहते सहायक निदेशक शष्य सहायक निदेशक शष्य आलेख कुमार शर्मा ने बताया कि जिला कृषि कार्यालय व भू राजस्व कार्यालय संयुक्त रूप से फॉर्मर रजिस्ट्री योजना चला रहे हैं। करीब 1500 चयनित राजस्व ग्रामों में फार्मर्स रजिस्ट्री कार्य पूर्ण करना है। फॉर्मर्स रजिस्ट्री के दौरान सर्वप्रथम किसानों का ई-केवाईसी हो रहा है। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाते हुए सही किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना व सब्सिडी, बीमा व अन्य लाभों के वितरण को व्यवस्थित करना है।
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