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बोले सासाराम : फूल कारोबारियों को पूरे साल नहीं मिलता है काम

सासाराम में फूल कारोबारियों को शादी-विवाह और त्योहारों के समय में अच्छी बिक्री होती है, लेकिन बाकी समय में कारोबार मंदा रहता है। उनके सामने कोल्ड स्टोरेज की कमी और स्थायी दुकान की समस्या है।

Newswrap हिन्दुस्तान, सासारामMon, 24 Feb 2025 07:08 PM
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बोले सासाराम : फूल कारोबारियों को पूरे साल नहीं मिलता है काम

बोले सासाराम : फूल कारोबारियों को पूरे साल नहीं मिलता है काम शादी-विवाह व त्योहारों के समय फूलों की डिमांड बढ़ जाती है। उस समय फूल कारोबारियों की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ती है। लेकिन, इसके बाद फूलों की बिक्री कम हो पाती है। ऐसे में चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात वाली कहावत फूल कारोबारियों पर सटीक बैठती है। फूल का करोबार मंदा हो जाता है। जिससे फूल कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फूलों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं है।

सुबह चार-पांच बजे से अपना दिन शुरू करने वाले फूलों के व्यापारियों की मेहनत को हमेशा से अनदेखा किया जाता रहा है। इनकी समस्याओं पर शायद ही कभी किसी का ध्यान जाता है। इस कारोबार को करने वाले कारोबारी प्रशासन या सरकार सुविधा नहीं दी जाती है। शादी-विवाह और त्योहारों के सीजन में तो इनका कारोबार चलता है। लेकिन, इसके बाद उनका धंधा मंदा हो जाता है। जिसके कारण कभी-कभी फूल कारोबारियों को कर्ज लेकर भी अपने घर का खर्चा चलना पड़ता है। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बोले सासाराम के संवाद के दौरान इनका दर्द उभर गया। बताया कि सुबह चार-पांच बजे उठकर दुकान खोलने और रात तक बिक्री करना हमारी दिनचर्या है। कभी-कभी बोहनी तक नहीं होती है। ऐसे में जो लोग कर्ज लेकर इस व्यापार को कर रहे हैं, उन्हें बिक्री नहीं होने से नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें फूल के कारोबार में मुनाफे की कम और नुकसान बचाने की चिंता अधिक रहती है। बताया जाता है कि सासाराम शहर सहित जिले भर में छोटी-बड़ी 300 से ज्यादा फूल की दुकानें हैं। जिसमें जिले की लगभग तीन हजार से अधिक लोग जुड़े हैं। सबसे अधिक जिले की धार्मिक जगहों पर फूल की दुकानें हैं। शहर के कुराइच मोहल्ला स्थित महावीर मंदिर, गौरक्षणी के दुर्गा मंदिर से लेकर मां ताराचंडी धाम में बड़ी संख्या में फूलों का कारोबारी हैं। साथ ही शहर के कई मंदिरों और धार्मिक जगहों पर सड़क के किनारे अस्थायी रूप से दुकानों, गुमटी या टेबल का ठिकाना बना कर फूल कारोबारी कारोबार करते हुए नजर आएंगें। फूल कारोबारियों द्वारा वाराणसी, कोलकता, पटना, दिल्ली से फूल मंगाया जाता है। लेकिन, इसे सुरक्षित रखने के लिए कोई कोल्ड स्टोरेज नही है। हालांकि शहर के अठखम्बवा में एक निजी कोल्ड स्टोर है। जहां वजन और साइज के अनुसार कारोबारियों को पैसे देने पर पड़ते हैं। एक फूल के बंडल को 150 से 200 रूपये तक कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए पैसे देने पड़ते है। इसके अतिरिक्त वाहनों और उसकी पलदारी का खर्च अलग से वहन करना पड़ता है।

फूल कारोबारियों का कहना है कि शादी-विवाह के दिनों में गजरे, जयमाला, सेहरा, गुलदस्ते आदि फूल की बिक्री होने पर अच्छी कमाई हो जाती है। साथ ही नवरात्र, दीपावली जैसे बड़े पर्व पर भी कारोबार खूब गुलजार रहता है। लेकिन, बाद में मंदी के कारण उन्हें अपना परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है। बताया कि सरकार को फूल कारोबारियों के लिए भी योजनाएं बनानी चाहिए। ताकि फूल के कारोबार को बढ़ावा मिल सके। इन्हें स्थायी दुकान खोलने के लिए जगह से लेकर फूलों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करना चाहिए। ताकि फूलों के खराब होने की गुंजाइज कम रहे। कई फूल कारोबारियों ने बताया कि वह अपना पुश्तैनी काम कर रहे हैं। उनके दादा-पिता ने इस कारोबार को किया था। तब कम लोग ही इस व्यवसाय को करते थे। लेकिन, अब धीरे-धीरे इस कारोबार में भी खूब प्रतिस्पर्धा हो गई है। फूल बेचने वालों की मानें तो इनकी सबसे बड़ी समस्या स्थायी बाजार का अभाव और कोल्ड स्टोरेज नहीं होना। इसके अलावा फूलों का कारोबार मुख्यत: सड़क किनारे ठेलों या अस्थायी दुकानों पर चलता है। बाजार में कोई निश्चित जगह नहीं होने के कारण फूल विक्रेता अक्सर नगर निगम के अधिकारियों की कार्रवाई का शिकार हो जाते हैं। सड़क किनारे फूलों की दुकानें चलाने वाले अक्सर अतिक्रमण के नाम पर हटा दिए जाते हैं। जिससे कई फूल बेचने वाले बड़े मंदिरों के परिसर और उसके बाहर अस्थायी दुकान लगाकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं। ऐसे में फूल कारोबारी सरकार से मांग करते है कि फूलो के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चलाए। कहा कि स्थायी मंडी के साथ कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए।

आर्टिफिशियल फूल कारोबार ने किया प्रभावित

फूल बेचने वालों को अक्सर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फूल कारोबारी बताते है कि त्योहारों और शादी के सीजन में व्यापार अच्छा चलता है, लेकिन बाकी समय में आमदनी बहुत कम हो जाती है। इससे परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाता है। तो दूसरी ओर इस समय बाजार में आर्टिफिशियल फूलों की खूब बिक्री हो रही है। इससे काफी हद तक फूल का कारोबार करने वाले व्यापारियों पर असर पड़ा है। क्योंकि अब से पहले शादियों में घरों को फूलों से सजाया जाता था। इसके लिए घरों के बाहर विभिन्न प्रकार की प्रजाति के फूलों वाले गेट को लगाया जाता था। लेकिन, अब तो आर्टिफिशियल फूलों का चलन बढ़ गया है। जिससे घरो को ताजे फूलों से सजाने के बजाए आर्टिफिशियल फूलों की सजावट हो रही है। बताया कि आर्टिफिशिल फूल ताजे फूलों से सस्ते भाव में सजाए जाते हैं। जिससे ताजे फूलों की तरफ लोगों का रुझान कम होने लगा है। कहा कि बाजार से आर्टिफिशियल फूलों का चलन कम होगा तो यह कारोबार भी फिर से अच्छा हो जाएगा। फूल विक्रेता अब ऑनलाइन ऑर्डर भी स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन, उनके सामने फूलों की ताजगी बनाए रखने की एक बड़ी चुनौती होती है। ताजे फूल जल्दी खराब हो जाते हैं। ऐसे में स्वीकार की गयी ऑनलाइन ऑडर को संबंधित ग्राहक द्वारा रद्द कर दिया जाता है तो, फूल कारोबारियों को काफी नुकसान हो जाता है। जिससे सुविधाओं के अभाव में फूल कारोबारियों को फूलों के कारोबार को लेकर आमदनी कम और ज्यादा नुकसान होने का भय सताता रहता है।

शिकायतें

1- कोल्ड स्टोरेज नहीं होना

फूल कारोबारी बताते है कि फूलों को ताजे रखने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण फूल खराब हो जाता है।

2- फूल कारोबार को बढ़ावा नहीं मिलना

फूल कारोबारियों का कहना है कि सरकार की ओर से हमलोगों के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कोई पहल नहीं की जाती है। जिससे अधिकांश माली इस धंधे से दूर होते जा रहे हैं।

3- फूल मंडी नहीं होना

फूल कारोबारियों का कहना है कि यहां फूल मंडी नहीं है। जिससे फूल को खरीदने से लेकर बेचने तक की समस्या होती है। मजबूरी में बाहर से फूल मंगाना पड़ता है।

4- स्थायी दुकान नहीं होना

फूल कारोबारियों का कहना है कि हमलोगों का फूल दुकान स्थायी नहीं है। किराये के मकान में या फिर सड़क के किनारे गुमटी या ठेला पर दुकानें लगायी जाती है। जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कुछ मुख्य सुझाव-

1- फूल कारोबारी बताते है कि फूलों को ताजे और सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बहुत जरूरी है। यदि सरकार हमलोगों को कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था कर देती है, तो फूल का नुकसान कम हो जाएगा।

2- फूल कारोबारी बताते हैं कि फूल मंडी के अभाव में फूल की खरीदारी या बिक्री करने को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को फूल मंडी की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए।

3- फूल कारोबारियों का कहना है कि हमलोगों को फूल के रख-रखाव के लिए सरकार द्वारा कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फूल कारोबारियों को प्रशिक्षिण दें, ताकि फूल के रख-रखाव सही से हो सके।

4- फूल कारोबारियों का कहना है कि किराये के मकान में या फिर सड़क के किनारे गुमटी या ठेला पर अस्थायी दुकानें लगायी जाती है। जिससे अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन जुर्माना वसूल करती है। ऐसे में सरकार दुकानदारों को स्थायी जगह दें।

बोले फूल विक्रेता-

25 साल से शहर के कुराईच स्थित महावीर मंदिर के समीप फूल का कारोबार करते आ रहा हूं। मेरे दुकान पर 15 कर्मी इस फूल के रोजगार से जुड़े हुए हैं।

संजीव कुमार चौबे

त्योहारों और शादी के सीजन में व्यापार अच्छा चलता है। लेकिन बाकी समय में आमदनी कम हो जाती है। जिससे परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाता है। मजबूरन दूसरा धंधा करना पड़ता है।

दिनेश पाण्डेय

फूलों की ताजगी बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है। क्योंकि कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण ताजे फूल जल्दी खराब हो जाते हैं। सरकार कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करानी चाहिए।

-सुजीत कुमार

रोजगार के बढ़ावा को लेकर सरकार की ओर कोई मदद नहीं दी जाती है। जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को फूल के कारोबार को लेकर ब्याज मुक्त लोन की व्यवस्था करना चाहिए।

दिलरूब साह

कहा कि सरकार द्वारा फूल कारोबारियों के लिए अब तक कोई योजना की शुरूआत नहीं की है। जिससे हमलोगों को फायदा हो सके। सरकार सिर्फ दूसरे कारोबार के लिए ध्यान देती है। ऐसे में फूल कारोबार पर ध्यान देना चाहिए।

विजय माली

बताया कि सबसे ज्यादा चुनौती ताजे फूल को सुरक्षित रखने की है। संसाधन के अभाव में कई बार ताजे फूल भी खराब हो जाते हैं। सरकार को चाहिए कि हमलोगों को स्टोरेज मुहैया कराये।

अनिल कुमार

आर्टिफिशियल फूलों की डिमांड काफी बढ़ गयी है। जिस कारण ताजे फूले का कारोबार बुरी तरह प्रभावित आ रहा है। आर्टिफिशियल फूल ताजे फूल के अपेक्षा कम पैसे में मिल जाता है।

सुदामा कुमार

सुविधाओं के अभाव में फूल कारोबारियों को अपने कारोबार को लेकर आमदनी कम और ज्यादा नुकसान होने का भय सताते रहता है। इस धंधे के को बचान के लिए योजना लानी चाहिए। ताकि इस धंधे में अच्छी मुनाफा मिल सके।

बिहारी कुमार

फूल के कारोबार करने में कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, सरकार हमलोगों के प्रति कुछ नहीं करती है। ना हमें कोई सरकारी लाभ दिया जाता है और न ही कोई सुरक्षित ठिकाना।

धनजी कुमार

फूल को कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार को चाहिए कि ब्याज मुक्त लोन मुहैया कराये। ताकि छोटे फूल के कारोबारी इस कारोबार से का बढ़ा सकें। जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण चल सके।

राहुल कुमार

बताया कि महावीर मंदिर परिसर में एक छोटे से दुकान में फूल का कारोबार करता हूं। कई परेशानियों को सामना करना पड़ता है। सरकार को छोटे कारोबारियों पर भी ध्यान देना चाहिए।

प्रिंस कुमार

फूल के विक्रेताओं को कारोबार के लिए सब्सिडी मिलना चाहिए। ताकि इस कारोबार को बढ़ावा मिल सके। सरकार को इस पर अमल करना चाहिए। ताकि फूल विक्रेताओं की रोजी-रोटी सही से चल सके।

अयोध्या भगत

बाजार में कोई निश्चित जगह नहीं होने से फूल विक्रेताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि फूल विक्रेताओं के लिए स्थाई दुकान लगाने की व्यवस्था की जाए। ताकि वे सुरक्षित अपने कारोबार को कर सके।

मो. सद्दाम

फूल के रख-रखाव के लिए सरकार द्वारा कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फूल कारोबारियों को प्रशिक्षिण दें। ताकि फूल कारोबारियों को नुकसान नहीं उठाना पड़े।

अजीत कुमार

फूल कारोबारियों को फूल मंडी के अभाव में फूल की खरीदारी या बिक्री करने को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार को फूल मंडी की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए। ताकि विक्रेताओं का लाभ मिल सके।

कौशल कुमार

सड़क किनारे ठेला या अस्थायी दुकान लगाकर फूल कारोबार करने वाले दुकानदारों को नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर कार्रवाई की जाती है। जिससे काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है।

दीपक चौबे

महंगे फूल खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या घट रही है। क्योंकि, शहर के अधिकांश दुकानों पर फूल बाहर से मंगाए जाते हैं। जिससे उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में फूल की खरीदारी करने से ग्राहक कतराते है।

मनीष कुमार

फूल व्यवसायियों के पास कोई स्थायी मंडी नहीं है। उन्हें सड़क किनारे या अस्थायी जगहों पर फूल बेचना पड़ता है। जिससे उनका व्यापार प्रभावित होता है। इस पर भी सरकार या जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

- कृष्ण कुमार

प्रस्तुति : मंतोष पटेल

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