सासाराम गोलीकांड: CID के जिम्मे जांच, आरोपी DSP बिलाल पुलिस मुख्यालय से अटैच, अब तक 3 FIR
सासाराम के बादल कुमार सिंह मर्डर केस की जांच की जिम्मेदारी अब अपराध अनुसंधान विभाग यानी सीआईडी को सौंपा दी है। ये जानकारी पुलिस मुख्यालय ने जारी की। साथ ही डीएसपी मो. आदिल बेलाल को पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। अभी तक इस मामले में 3 एफआईआर दर्ज हुई है।
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सासाराम के कथित बादल मर्डर केस की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपी गई है। इसकी जानकारी बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जारी की गई है। रोहतास जिले के टाउन पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। सभी एफआईआर को सीआईडी ने आगे की जांच के लिए ले लिया है। इस मामले में राणा ओमप्रकाश उर्फ बादल की गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि उसक दो दोस्तों को चोटें आई थीं। 27 दिसंबर की देर रात सासाराम ट्रैफिक डीएसपी मो. आदिल बेलाल और उनके अंगरक्षक फायरिंग का आरोप है।
पहली एफआईआर डीएसपी के अंगरक्षक चंद्रमौली नागिया (31) ने दर्ज करायी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वो और डीएसपी मोहम्मद आदिल बेलाल करगहर मोड़ से पोस्ट ऑफिस चौक की ओर जा रहे थे। पुलिस वाहन को देखकर मोटरसाइकिल पर सवार दो संदिग्धों ने भागने की कोशिश की, लेकिन नागिया ने पीछा कर उन्हें कालिका सिंह का हाता परिसर में पकड़ लिया। लोगों के एक समूह ने अचानक उन पर हमला कर दिया और उनकी सर्विस रिवॉल्वर छीनने की कोशिश की। अपनी रिवॉल्वर बचाने के चक्कर में गलती से गोली चल गई, बाद में उसने आत्मरक्षा में एक राउंड फायरिंग की। दूसरी प्राथमिकी सासाराम टाउन थाने के प्रभारी राजीव रंजन राय के बयान के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आईएमएफएल की बोतलें, तीन पीस मिट्टी चिलम, एयर गन, मौके से चलाई गई खाली गोलियां बरामद करने के आधार पर दर्ज की गई है।
तीसरी प्राथमिकी बादल के भाई राहुल रंजन के बयान के आधार पर डीएसपी, उनके अंगरक्षकों और अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका भाई अन्य लोगों के साथ मिलकर शिवम सिंह का जन्मदिन मना रहा था, जिसमें कुछ लोग शराब पी रहे थे। डीएसपी ने जबरन वहां एंट्री की, उनके साथ बहस की, धमकी दी और अपनी पिस्तौल से छह से अधिक राउंड गोलियां चलाईं। जिसमें मेरे भाई की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त गोलीबारी में घायल हो गए। डीएसपी ने बादल की हत्या कर दी क्योंकि उसने पुलिस टीम को रिश्वत देने से इनकार कर दिया था। ये आरोप राहुल ने एफआईआर में लगाया है।
रोहतास एसपी रोशन कुमार ने एचटी को बताया कि रोहतास पुलिस और डीआइजी सहाबाद ने संयुक्त रूप से सीआइडी जांच के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है. एसपी ने कहा, पीएचक्यू ने हमारी अपील को मंजूरी दे दी है, और आगे की जांच सीआईडी करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस डीएसपी और उनके अंगरक्षक के बयान दर्ज कर रही है। हम सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रहे हैं। एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा कि पीएचक्यू ने डीएसपी और उनके अंगरक्षक को तत्काल प्रभाव से पुलिस मुख्यालय से अटैच करने को कहा है।
हालांकि, बिहार के मंत्री नीरज कुमार सिंह, पूर्व भाजपा सांसद सुशील सिंह और शिवहर विधायक चेतन आनंद सहित राजनेताओं ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और 48 घंटे के भीतर डीएसपी की गिरफ्तारी की मांग की। अगर न्याय में देरी हुई तो हम राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।