जीवन में शांति चाहिए तो सत्संग जरूर सुने
सपहा गांव में अखिल राष्ट्रीय संत महासभा का 62वां अधिवेशन आयोजित हुआ। आचार्य महर्षि योगानंद परमहंस जी ने बताया कि आजकल के लोग भौतिक संपत्ति के पीछे भाग रहे हैं, जिससे उन्हें जीवन में शांति नहीं मिल...

सौरबाजार संवाद सूत्र। प्रखंड क्षेत्र के खजूरी पंचायत स्थित सपहा गांव में अखिल राष्ट्रीय संत महासभा के सहरसा जिला के 62वां अधिवेशन का रविवार को संध्याकालीन सत्संग के दौरान समापन हो गया। इस अवसर पर अधिवेशन के दूसरे दिन के प्रथम पाली में अखिल राष्ट्रीय संत मां सत्संग महासभा के आचार्य पूज्यपाद महर्षि योगानंद परमहंस जी महाराज ने कहां की दौर में लोगों के पास संतान, संपत्ति, गाड़ी, बंगला जमीन जायदाद सबकुछ रहने के बावजूद भी उन्हें जीवन मे शांति नहीं मिल पा रही है। क्योंकि मनुष्य आज के दौर में सिर्फ अपना अपना पैसा, मकान करने में लगे हुए हैं और भगवान को ही भूल गए हैं। इसलिए मनुष्य को अगर जीवन में शांति चाहिए तो सत्संग की जीवन में आवश्यकता है। जिस गांव में सत्संग होता है उसे गांव के सामाजिक व्यवस्था, व्यवहार विचार सारी चीज में अंतर होने लगती है। उन्होंने कहा कि गुरु की भजन करने से जीवन में शांति ही नहीं मुक्ति भी मिल सकती है। सपहा गांव में महर्षि मेंहीं योगपीठ के नेतृत्व में आयोजित इस अधिवेशन में सहरसा, मधेपुरा, सुपौल समेत आसपास के जिले से हजारों की संख्या में संतमत से जुड़े लोग अधिवेशन स्थल पर पहुंचकर संतों के प्रवचन को सुने और प्रसाद ग्रहण किया।
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