महाशिवरात्रि : धीमा गांव में सजने लगा बाबा उग्रेश्वर नाथ महादेव
बाबा उग्रेश्वर नाथ महादेव मंदिर में शिवरात्रि के आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां मेला लगने लगा है और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। रविवार को लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।...
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बनमनखी, संवाद सूत्र। मिनी बाबा धाम के रूप में प्रसद्धि बाबा उग्रेश्वर नाथ महादेव मंदिर में शिवरात्रि के आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर के प्रांगण में मेला लगना भी शुरू है। रविवार को शिवरात्रि से पहले तकरीबन पांच हजार श्रद्धालुओं ने बाबा उग्रेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया। वहीं महाशिवरात्रि पर मेले के आयोजन को लेकर मंदिर कमेटी की ओर से तैयारी जोर-जोर से चल रही है। मंदिर प्रांगण में जगह-जगह बेरीकेटिंग की जा रही है। भव्य पंडाल का नर्मिाण कराया जा रहा है। शिवरात्रि के पूर्व से ही लगातार श्रद्धालुओं का सैलाब यहां दर्शन के लिए एवं जलाभिषेक के लिए उमड़ रहा है। महाशिवरात्रि के दौरान यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। प्राचीन काल से ही यहां शिवरात्रि के मौके पर भव्य मेले का आयोजन हो रहा है। यह मंदिर अपनी प्रसद्धिि के कारण पूरे बिहार में मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसद्धि है। श्रावण मास में सरकारी खर्चे से एक महीने तक श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है।
मंदिर का इतिहास:- धीमा की उग्रेश्वर नाथ महा महादेव मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है। कहा जाता है कि कालांतर में यहां नर्जिन जंगल हुआ करता था। एक किसान अपने खेत में हल चला रहे थे। इसी दौरान उन्हें यह शिवलिंग मिला। शुरुआती दिनों में झोपड़ी में यह शिवलिंग विराजमान था। कई वर्षों बाद धीमा ग्राम निवासी शिव के अनन्य भक्त प्रताप झा द्वारा जन सहयोग से यहां मंदिर का नर्मिाण कराया गया। बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही लोगों की आस्था बाबा उग्रेश्वर नाथ महादेव से जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए असुर हिरण्यकश्पय यहां आकर तपस्या किया करते थे। उग्रेश्वर नाथ महादेव के रूप में साक्षात भगवान शिव ने प्रकट होकर असुर हिरण्यकश्यप को अमर होने का वरदान दिया था। वहीं यहां दरभंगा महाराज चंपानगर के राजा समेत शिव के कई अनन्य भक्तों ने बाबा उग्रेश्वर नाथ महादेव की पूजा की है।
उग्रेश्वर नाथ महादेव की महिमा है अपरम्पार:- धीमा के महादेव की महिमा अपरंपार है। कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु बाबा के दरबार में सच्चे मन से मुराद मांगता है बाबा उनकी मुरादें अवश्य पूरी करते हैं। यही कारण है कि यहां सालों भर काफी दूर दराज इलाकों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का तांता लगा रहता है। रविवार को सुबह से ही यहां काफी भीड़ होती है। सालों भर रविवार के दिन यहां संध्या के समय विशेष पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है। यही कारण है कि दूरदराज के श्रद्धालु मुरादें पूरी होने के बाद बाबा के दरबार में खींचे चले आते हैं।
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