कालाजार रोग को लेकर प्रखंड में चलेगा सर्वे अभियान, नौ हॉट स्पॉट स्थल पर फोकस
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले के अंदर कालाजार रोग को लेकर सभी प्रखंड में 9 जून से सर्वे अभियान चलेगा। दस दिनों तक चलने वाले इस सर्वे अभियान

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।जिले के अंदर कालाजार रोग को लेकर सभी प्रखंड में 9 जून से सर्वे अभियान चलेगा। दस दिनों तक चलने वाले इस सर्वे अभियान में नौ हॉट स्पॉट स्थल पर फोकस किया गया। दस दिनों तक चलने वाला यह अभियान 19 जून को समाप्त होगा। इस अभियान को आशा और आशा फेसिलिटेटर के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए आशा को जरूरी प्रशिक्षण भी दिया गया है। भीडीसीओ रविनन्दन सिंह ने बताया की जिले के सभी 14 प्रखंड में कालाजार रोग की खोज को आशा के माध्यम से पूरा किया जायगा। इसके लिए जिले के ऐसे प्रखंड जहां नए या फिर पूराने रोगी मिले हैं।
इन जगहों के आसपास के पांच सौ मीटर के दायरे को रोगी खोज में शामिल किया गया। उन्होंने बताया की ऐसे किसी गांव जहां कालाजार के रोगी मिले हैं। ऐसे रोगी के घर से समीप के पांच सौ मीटर के दायरे में आशा फेसिलिटेटर के देखरेख में आशा रोगी की खोज करेंगे। कालाजार संदिग्ध होने की स्थिति में ऐसे रोगी को समीप के पीएचसी में जांच के लिए भेजा जायगा। यहां जांच उपरांत रोगी की समुचित उपचार और सरकार के दायरे में मिलने वाले सभी प्रोत्साहन का लाभ दिया जायगा। ....जिले में अभी कालाजार के 13 रोगी की पहचान: जिले में अभी जून माह गुजर रहे हैं। इन माह में कालाजार के कुल 13 रोगी की पहचान हुई है। इन रोगी में 3 रोगी पूराने पीकेडीएल और 10 रोगी नए भीएल रोगी की पहचान हुई हैं। इनमें केनगर में चार, जलालगढ़ में दो, पूर्णिया पूर्व में दो, डगरुआ में एक और श्रीनगर में एक शामिल हैं। जबकि 3 पीकेडीएल के रोगी में एक बीकोठी, एक श्रीनगर और एक पूर्णिया पूर्व शामिल हैं। इसके पूर्व पिछले वर्ष 2024 में कुल 20 केस कालाजार के मिले थे। इनमें 8 केस वीएल और 12 केस पीकेडीएल शामिल थे। ....जिले के कालाजार नौ हॉट स्पॉट स्थल: जिले में कालाजार खोज अभियान में नौ हॉट स्पॉट जगह को फोकस किया गया है। इस सर्वे अभियान में ऐसे स्थल जहां न केवल अभी कालाजार के रोगी मिले हैं बल्कि पूर्व से कालाजार रोगी मिलने को लेकर मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थलों को हॉट स्पॉट में शामिल करते हुए सर्वे अभियान का हिस्सा बनाया गया है। विभाग की माने तो इन स्थलों पर भी विशेष रूप से कालाजार खोज सर्वे अभियान में शामिल किया गया है। विभागीय जानकारी में इन हॉट स्पॉट स्थल में मुख्य रूप से पटराहा और ढ़ोंगी बीकोठी, पनसोई केनगर प्रखंड, मैनी गांव रूपौली, विनोवा ग्राम बनमनखी, महाराजपूर पूर्णिया पूर्व, धरहरा जमुनिया धमदाहा, जलालगढ़ मिश्रीनगर समेत एक अन्य प्रखंड के गांव शामिल हैं। ....कालाजार रोग के लक्षण और इसका उपचार आसानी से संभव: कालाजार बीमारी बालूमक्खी के काटने से होने वाला रोग है। यह नमी एवं अंधेरे वाले स्थान पर कालाजार की मक्खियां ज्यादा फैलती है, लेकिन इससे ग्रसित मरीजों का इलाज आसानी से संभव है। दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार में वृद्धि, भूख नहीं लगना, उल्टी होना, शारीरिक चमड़ा का रंग काला होना आदि कालाजार बीमारी के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण वाले मरीजों को विसरल लीशमैनियासिस वीएल कालाजार की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसा लक्षण शरीर में महसूस होने पर ग्रसित मरीज को अविलंब जांच कराना जरूरी होता है। इसका इलाज कराने के बाद भी ग्रसित मरीज को सुरक्षित रहने के आवश्यकता होती है। इसके उपचार में विलंब से हाथ, पैर और पेट की त्वचा काली होने की शिकायतें मिलती हैं जिसे पोस्ट कालाजार डरमल लिश्मैनियासिस पीकेडीएल कालाजार से ग्रसित मरीज कहा जाता है। मुख्य रूप से पोस्ट कालाजार डरमल लिश्मैनियासिस पीकेडीएल एक त्वचा रोग है जो कालाजार के बाद होता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।