Innovative Navankur Sangam Festival Promotes Early Childhood Development in Bihar आकांक्षी प्रखंड बायसी में प्रारंभिक बाल्यावस्था को बढ़ावा देने के लिए नवांकुर संगम मेला, Purnia Hindi News - Hindustan
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आकांक्षी प्रखंड बायसी में प्रारंभिक बाल्यावस्था को बढ़ावा देने के लिए नवांकुर संगम मेला

-बच्चों के सर्वांगीण विकास प्रदर्शन के लिए लगाया गया 14 स्टॉल्स पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले के आकांक्षी प्रखंड में शामिल बायसी प्रखंड में बच

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 15 May 2025 05:11 AM
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आकांक्षी प्रखंड बायसी में प्रारंभिक बाल्यावस्था को बढ़ावा देने के लिए नवांकुर संगम मेला

जिले के आकांक्षी प्रखंड में शामिल बायसी प्रखंड में बच्चों के सफल विकास के लिए नवांकुर संगम कार्यक्रम का आयोजन बायसी प्रखंड के हरिणतोड़ पंचायत के मध्य विद्यालय माला में किया गया। बाल विकास परियोजना बायसी, पंचायती राज विभाग एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नवांकुर संगम मेला का उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास को बढ़ावा देना तथा इससे जुड़े विभिन्न विभागों व हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना रहा। कार्यक्रम में क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका, आशा, एएनएम, जनप्रतिनिधि, स्कूल शिक्षक, स्वास्थ्य व पोषण विभाग के अधिकारी, गैर-सरकारी संगठन, विशेषज्ञ तथा बाल कल्याण से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।

-बच्चों के सर्वांगीण विकास प्रदर्शन के लिए लगाया गया 14 स्टॉल्स : -बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए 14 रचनात्मक स्टॉल्स की स्थापना की गई। जिनमें संज्ञानात्मक, सामाजिक व भावनात्मक विकास को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियां प्रस्तुत की गई। आयोजित कार्यक्रम में आईने में देखा, रंगों की पहचान, ध्वनि से मिलान, स्पर्श अनुभव, रचनात्मक गतिविधियाँ और कहानी कहने जैसे खेल बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श, वृद्धि निगरानी एवं हाथ की साफ-सफाई के स्टॉल से लोगों ने न केवल स्वास्थ्य, भरण-पोषण एवं साफ-सफाई के भी महत्व को समझा, इन इंटरैक्टिव स्टॉल्स ने न केवल बच्चों का मनोरंजन किया, बल्कि उनके सीखने और विकास की प्रक्रिया को भी मज़बूत किया। यह मेला बिहार में अपनी तरह का पहला प्रयास था, जो प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास (ईसीडी) के विषय को समुदाय के बीच रोचक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करता है। -अधिकारियों द्वारा बाल्यावस्था विकास की महत्ता की दी गई जानकारी : -कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों द्वारा बाल्यावस्था विकास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि जीवन के पहले छ: वर्ष बच्चे के भविष्य की नींव रखते हैं और इस अवधि में पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा और शिक्षा का समन्वित प्रयास अत्यंत आवश्यक होता है। इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी बायसी कुमारी तोषी, प्रखंड विकास पदाधिकारी नूतन कुमारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मनीषा कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उषा किरण, हरिणतोड़ पंचायत के मुखिया असगर अली, यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ डॉ. अंतर्यामी दास, पोषण पदाधिकारी डॉ शिवानी डार, राज्य समन्वयक अनूप कुमार झा, ईसीडी राज्य समन्वयक राघवेन्द्र कुमार तथा कृषि विश्ववद्यालय, पूसा की ईसीडी टीम की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। सैकड़ों की संख्या में आए बच्चों और उनके अभिभावकों ने भी इस आयोजन को उत्साहपूर्वक अपनाया। -बच्चों के प्रारंभिक वर्षों में समुचित देखभाल की दी गई जानकारी : -उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा नवाचारों की प्रस्तुतियां दी गईं। जिन्होंने समुदाय को यह समझाने का प्रयास किया कि बच्चे के आरंभिक वर्षों में समुचित देखभाल और सीखने के अवसर कितने जरूरी हैं। क्षेत्र में कार्यरत फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशाओं और एएनएम को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। नवांकुर संगम मेला ने यह सिद्ध किया कि जब समुदाय, शासन और सामाजिक संगठन मिलकर कार्य करते हैं, तो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ठोस बदलाव संभव हैं। यह पहल न केवल एक प्रेरणास्पद उदाहरण है, बल्कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।

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