बोले जमुई : बाजार से हटाएं अतिक्रमण, पार्किंग व शौचालय बनाएं
सिकंदरा पुरानी बाजार में कपड़ों की मांग बढ़ने के बावजूद व्यवसायियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी और बिक्री में 40% की गिरावट आई है। पार्किंग, शौचालय और...
कपड़ों की मांग हर दिन बढ़ रही है। पहले जहां पर्व त्योहारों में कपड़ों की मांग ज्यादा होती थी अब सालों भर कपड़ों की मांग बनी रहती है। इसके बावजूद कपड़ा व्यवसायियों की समस्याएं बनी हुई हैं। कोरोना काल में बहुत से लोग बेरोजगार हो गए। वर्ष 2020 में बाजार का डाउन फॉल हुआ था। व्यवसायी उस धक्के से धीरे-धीरे उबर रहे हैं। पहले हर दिन यदि 10,000 की बिक्री की होती थी, वह अब 6,000 पर आ गई है। बिक्री में लगभग 40 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं ऑनलाइन कंपनियों ने बाजार के कपड़ा व्यवसायियों के कारोबार को नुकसान पहुंचाया है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले के कपड़ा व्यवसायियों ने अपनी समस्या बताई।
02 सौ से अधिक दुकानें हैं कपड़ों की सिकंदरा पुरानी बाजार में
01 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं कपड़े की दुकानों में
05 हजार लोग हर दिन पहुंचते हैं बाजार में खरीदारी करने
जमुई की सिकंदरा नगर पंचायत में कपड़ा कारोबारियों का सबसे बड़ा मार्केट सिकंदरा पुरानी बाजार है। यहां 200 से अधिक दुकानें हैं जिनमें 1000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इस बाजार में आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग कपड़े की खरीदारी करने पहुंचते हैं। रोजाना करीब पांच हजार लोग यहां व्यापार करने आते हैं। इसके बावजूद यहां जनसुविधाओं की भारी कमी है। बाजार में काम करने वाले पुरुष व महिलाओं के लिए एक भी उचित शौचालय नहीं है। पार्किंग की गंभीर समस्या है। दुकानों के सामने तारों का मकड़जाल है। सिकंदरा पुरानी बाजार शहर की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है। इस बाजार के व्यापारी सरकार को हर साल बड़ी रकम टैक्स के रूप में अदा करते हैं। थोक में खरीदे गए कपड़ों को फुटकर में बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं और परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस बाजार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। व्यापारी बार-बार समस्याओं को लेकर संबंधित विभागों में शिकायत करते हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। सिकंदरा बाजार के व्यापारी परेशान हैं।
ऑनलाइन कंपनियों से हुआ घाटा
ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते क्रंज ने भी सीधे तौर पर छोटे-मंझोले कपड़ा व्यवसायियों की कमर तोड़ दी है। कपड़ा व्यवसायियों ने बताया कि उनकी हालात खराब है। व्यवसायियों को पर्व व त्योहारों पर ही उम्मीद टिकी रहती है। बढ़ती महंगाई आज देश की सबसे बड़ी समस्या है। कोरोना काल में बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं। वर्ष 2020 में बाजार का डाउन फॉल हुआ था, पर अब वह भी मेकअप हो रहा है। कपड़ा व्यवसाय में 40 फीसदी गिरावट आ गई है।
शौचालय की सुविधा नहीं
बाजार में आने वाले लोगों के लिए एक भी शौचालय नहीं है। यदि किसी को शौचालय जाना हो तो उसे पैदल गली नवाब तक जाना पड़ेगा। वहां भी पुरुष तो किसी तरह काम चला लेंगे, लेकिन महिलाओं के लिए समस्या गंभीर हो जाती है। इस बाजार में काफी संख्या में महिला ग्राहक भी खरीदारी करने आती हैं। दुकानदार लंबे समय से बाजार में शौचालय बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह छोटी-सी समस्या अब तक हल नहीं हो पाई है। व्यापारियों का कहना है कि यदि नगर पंचायत शौचालय बनाना चाहे तो जमीन भी उपलब्ध है।
बिजली के तारों का मकड़जाल
शहर के सबसे पुराने बाजार में यहां बिजली के तारों का मकड़जाल है। व्यापारियों के अनुसार कई साल पुराने कपड़ा बाजार के ऊपर से बिजली के खुले तारों का गुच्छा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर बिजली के तार और इंटरनेट केबल अंडरग्राउंड या बंच केबल डाल दिये जाएं, तो हालात सुधरेंगे। वहीं हादसों में भी कमी आएगी।
पार्किंग की समस्या बनी बड़ी मुसीबत
शहर के पुराने बाजार में पार्किंग की समस्या गंभीर बनी हुई है। दुकानदारों और ग्राहकों को पर्याप्त पार्किंग सुविधा न मिलने से हर समय जाम लगा रहता है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार की सड़कें बहुत चौड़ी नहीं हैं। जब ग्राहक सामान खरीदने आते हैं, तो अपने वाहन सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं, जिससे यातायात बाधित हो जाता है। व्यापारियों को प्रतिदिन छह से सात घंटे तक जाम की परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां से दोपहिया वाहन निकालना भी मुश्किल हो जाता है, जबकि चार पहिया वाहन लेकर बाजार से गुजरना लगभग असंभव हो जाता है। व्यापारी बताते हैं कि पार्किंग न होने से ग्राहक बाजार आने से कतराने लगे हैं, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। अगर बाजार में कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी व्यवस्था संभाल लें, तो जाम की समस्या थोड़ी कम हो सकती है।
ड्रेनेज सिस्टम नहीं, हल्की बारिश में भर जाता पानी
व्यापारियों ने बताया कि सीवर लाइन चोक होने के साथ ही यहां ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। हल्की-सी बारिश होने पर जलभराव हो जाता है। नाले-नालियां जाम होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती है। लोगों की दुकानों तक पानी घुस जाता है। नगर पंचायत की ओर से एक बार भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। व्यापारियों ने बताया कि यहां नियमित साफ-सफाई नहीं होती। सफाईकर्मियों का कोई अता-पता नहीं है। दुकानदारों ने सफाई के लिए अपने स्तर से इंतजाम कर रखे हैं। स्थानीय स्तर पर कई बार शिकायत भी है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। बाजार में आने वाले खरीदारों और दुकानदारों को काफी परेशानी होती है।
शिकायतें:
पार्किंग नहीं होने से लोग यहां आने से कट रहे लोग
बिजली के तारों का मकड़जाल व जर्जर खंभों से बना रहता है खतरा
पुराना बाजार में एक भी शौचालय नहीं होने से होती परेशानी
हर समय जाम की समस्या बनी रहती है
इतने बड़े बाजार में अग्निशमन की नहीं है कोई व्यवस्था
ई-रिक्शा, ठेला, रिक्शा के कारण होती है समस्या
नाला जाम होने से भर जाता है सड़क पर गंदा पानी
पानी पीने के लिए भी नहीं है बाजार में कोई व्यवस्था
सुझाव:
झूलते तारों व जर्जर खंभों से निजात दिलाकर बंच केबल या अंडरग्राउंड केबल डाला जाए
पार्किंग के लिए जगह चिह्नित कर व्यवस्था की जानी चाहिए
जाम से राहत के लिए वनवे व्यवस्था लागू कर ट्रैफिक पुलिस या गार्ड तैनात किए जाएं
नाले का सही तरीके से निर्माण कर ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाए
अग्निशमन की व्यवस्था कराने के साथ ही ई-रिक्शा आदि की इंट्री पर रोक लगाई जाए
सुनें हमारी बात
बाजार में जगह-जगह तार लटक रहे हैं। झूलते तारों को हटाकर बंच केबल डाला जाए। जर्जर खंभों को भी बदला जाए।
- सत्येंद्र कुमार
बाजार में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। इसे बनाने के साथ ही महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट भी बनाया जाए।
-पंकज कुमार
बाजार में अगर कोई घटना होती है तो पुलिस गश्त बढ़ा देती है। फिर बंद कर देती है। दिन में भी पुलिस की गश्त होनी चाहिए।
-मुमताज अंसारी
बाजार में गंदगी का अंबार है। नालियां बंद है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है।
-रंजीत केशरी
बाजार में जाम और अतिक्रमण की समस्या सबसे ज्यादा है। साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है।
-सोनू कुमार
बाजार में पार्किंग न होना बड़ी समस्या है। यहां रोजाना जाम लगता है। जिससे व्यापार भी प्रभावित होता है। इसकी व्यवस्था की जाए।
- नरेश कुमार
अन्य शहरों की तरह यहां भी बाजार का सुंदरीकरण किया जए। यहां व्यापारियों से टैक्स तो लिया जाता है, लेकिन सुविधा नहीं दी जाती।
-सुनील कुमार केसरी
ई-रिक्शा वालों ने बाजार की तस्वीर ही बिगाड़ दी है। इनकी अराजकता से कारोबारी-ग्राहक दोनों ही परेशान हैं।
-श्रवण कुमार केशरी
पार्किंग न होने से आराजकता का माहौल है। यातायात पुलिस को व्यापारियों की समस्या से कोई मतलब नहीं है।
-रामाकांत सिंह
टैक्स देने के बाद भी सुविधा के नाम पर व्यापारियों को कुछ भी नहीं मिलता है। हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता।
-राकेश कुमार केसरी
यूरिनल न होने से काफी परेशानी होती है। कई बार पार्षद समेत अधिकारियों को बताया लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई।
-उमेश रविदास
बाजार में बिजली के पोल जर्जर हालात में खड़े हैं। तार का मकड़जाल फैला हुआ है, कभी भी हादसा होने का डर रहता है।
- पंकज कुमार
व्यापारियों से केवल टैक्स वसूला जाता है पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। कोई भी ध्यान नहीं देता है।
-दिनेश सिंह
राजस्व देने में उद्यमी पीछे नहीं है, इसके बावजूद समस्याओं का जाल बिछा है। मामूली सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं हैं।
-मुन्ना बरनवाल
अधिकारियों को अन्य जिलों से सीख लेने की जरूरत है। व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करने को कोई गंभीर नहीं रहता।
-मिल्कु सिंह
हल्की बारिश में ही पानी भर जाता है। नाले-नालियां जाम होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। यह बड़ी समस्या है।
-मनोज साव
बोले जिम्मेदार
नगर पंचायत बनने के बाद हमारे द्वारा पंचायत की कमान संभालते ही कई मोहल्ला एवं गलियों के नाली की साफ सफाई की गई है। जरूरत पड़ने पर नाले की सफाई होती रहती है।
-रूबी देवी, मुख्य पार्षद, सिकंदरा नगर पंचायत
सिकंदरा चौराहा पर जाम लगने का कारण अतिक्रमण है। हमारी ट्रैफिक पुलिस हर समय वहां पर मौजूद रहती है। परंतु दुकान के आगे ठेला चालकों की मनमानी के कारण जाम लगता है। एसडीओ को लिखित आवेदन भी दिया गया है कि अतिक्रमण हटाया जाए।
-मिंटू कुमार सिंह, थाना अध्यक्ष, सिकंदरा
बोले जमुई असर
मानव बल को मिली काम करने की सभी सामग्री
जमुई, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में 250 मानव बल और विभाग के मिस्त्री हैं। इनपर 152 पंचायतों, दो नगर पंचायत झाझा और सिकंदरा सहित जमुई नगर परिषद की बिजली की गड़बड़ियां ठीक करने का दारोमदार है। जिले में 5205 ट्रांसफार्मर हैं। 3 लाख 28 हजार कंज्यूमर को अपनी सेवा से संतुष्ट करते हैं। जिले की दो एजेंसी मानव बल से काम ले रही है। अबतक मानव की सुविधा में थोड़ी कमी थी। उपयोग में लाने की वस्तु भी कम थी। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने मानव बलों की समस्या 12 फरवरी 2025 को प्रकाशित की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए दोनों एजेंसियों ने मानव बल को जरूरत की सारी सामग्री उपलब्ध करा दी है। मानव बलों ने हिन्दुस्तान को खबर के प्रकाशन के लिए धन्यवाद दिया है।
बिजली विभाग के जिला कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि मानव बल बिजली विभाग के एक अंग हैं। विभाग के लिए वे भी दिन-रात काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में मानव बल को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। समय पर वेतन दिया जा रहा है। मानव बल को वर्दी, रेनकोट, पिलास, टॉर्च, ग्लब्स, हेलमेट, जूता सहित उपयोग में लाने वाली सारी सामग्री उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि मानव बल को किसी भी तरह की दिक्कत होगी तो वे खुलकर बात कर सकते हैं। अपनी समस्या रख सकते हैं।
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