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विवेकानंद जयंती से पूर्णिया में शुरू होगा ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता अभियान

पूर्णिया में ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता अभियान की शुरुआत 12 जनवरी को विवेकानंद की जयन्ती से होगी। इसके बाद 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयन्ती पर पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा। गरीब छात्रों के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाFri, 27 Dec 2024 12:54 AM
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विवेकानंद जयंती से पूर्णिया में शुरू होगा ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता अभियान

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। लोकमंच के गठन के बाद अब इसके कोर कमेटी के सदस्य ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता अभियान चलाएंगे। नवगठित संगठन के संयोजन आशीष कुमार बब्बू ने एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यह कहा। उन्होने कहा कि अभियान की शुरूआत 12 जनवरी को युवा संत शिरोमणि विवेकानंद की जयन्ती से शुरू होगा। इसके बाद जिले में 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयन्ती के अवसर पर ब्राह्मण-बहुजन पदयात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए वे बहुजन के नेताओं से बात करेंगे एवं उनका सहयोग मांगेंगे। इतना ही नहीं नव गठित मंच की ओर से पूर्व घोषित मेधावी परन्तु गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत भी अगले साल 16 अगस्त से की जाएगी। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर छात्रवृत्ति योजना लायी जाएगी। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में सद्भाव कायम करना है। उन्होंने कहा कि हम आशंका में नहीं आत्मविश्वास में जीते हैं। हमे यकीन है कि ब्राह्मण की युवा पीढ़ी सामाजिक सद्भाव को संबलता प्रदान करेगी। उन्होंने इस बात को दुहराया कि ब्राह्मण ने सदा से समाज को दिया है, बावजूद इस समुदाय पर तोहमत लगती रही। 74 सालों में से महज 12 साल ही ब्राह्मण समुदाय से बिहार में मुख्यमंत्री बने, फिर भी टार्गेट सबसे अधिक इसी जाति को किया गया। लोग इस समुदाय से आने वाले बनैली स्टेट के टीएनबी विश्वविद्यालय तथा महाराजा कामेश्वर सिंह के दरभंगा यूनिवर्सिटी की देन, महामना मदन मोहन मालवीय के बाबू जगजीवन राम तथा परोरा के भूमिहार-ब्राह्मण समाज से आने वाले वैद्यनाथ चौधरी के स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री के प्रति निष्ठा व त्याग को भूल कर वोट बैंक की खातिर हमारे समाज को नीचा दिखाया जाने लगा। हमने जितने भी उदाहरण दिये, वह मनगढ़ंत नहीं बल्कि किताबों में उल्लिखित बाते हैं। यह वह दौर था, जब समाज में छुआछूत चरम पर था। हम जुड़ेंगे, लड़ेंगे तभी जीतेंगे के सिद्धांत पर काम करते हैं। हमारा मूल मंत्र बदले का नहीं, बल्कि बदलाव का है। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि लोकमंच के गठन कतई उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं है। उन्हें धमदाहा की विरासत को आगे को बढ़ाना है और इसके लिए वह आजीवन यथाशक्ति प्रयास करते रहेंगे। इस अवसर पर कोर कमेटी के सदस्य राहुल झा, राजेश पाठक, पुष्कर झा, अमित झा, अजीत पाठक, राजीव राय, संतोष मिश्रा, रोशन झा, मनोज मिश्र, सुमन झा, दिलखुश झा, राजीव मिश्रा आदि उपस्थित थे।

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