Hindi NewsBihar NewsPurnia NewsBihar s First Aquatic Species Health Lab Inaugurated in Purnia for Environmental Management

पूर्णिया में राज्य की पहली जलीय जीव प्रजातियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रबंधन प्रयोगशाला

-फोटो : 57 : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राज्य के जल संसाधन प्रबंधन में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पूर्णिया जिले में बिहार की पहली जलीय जीव प्रजा

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSun, 27 April 2025 03:59 AM
share Share
Follow Us on
पूर्णिया में राज्य की पहली जलीय जीव प्रजातियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रबंधन प्रयोगशाला

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राज्य के जल संसाधन प्रबंधन में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पूर्णिया जिले में बिहार की पहली जलीय जीव प्रजातियों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण प्रबंधन प्रयोगशाला का शुभारंभ किया गया है। यह प्रयोगशाला जिला मत्स्य कार्यालय पूर्णिया परिसर में स्थापित की गई है, जो कोसी बेसिन विकास परियोजना के अंतर्गत अधिष्ठापित की गई है। फिलहाल प्रयोगशाला का संचालन दो प्रशिक्षित मत्स्य प्रसार पदाधिकारी मृत्युंजय सिंह और राजेश रंजन द्वारा किया जा रहा है। दोनों अधिकारियों को किशनगंज स्थित मात्सियिकी महाविद्यालय से मिट्टी और पानी की जांच संबंधी 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। कोसी बेसिन विकास परियोजना के समापन के बाद इस प्रयोगशाला का प्रबंधन मत्स्य विभाग को सौंप दिया गया है। वर्तमान में उप मत्स्य निदेशक पूर्णिया परिक्षेत्र इस प्रयोगशाला के नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

-प्रयोगशाला में होने वाले प्रमुख कार्य :

पूर्णिया स्थित इस जलीय प्रयोगशाला में तालाबों के जल और मिट्टी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाती है। तालाब निर्माण के लिए भूमि चयन के दौरान भी स्थलीय मिट्टी की जांच की जाती है। इसके अलावा बीमार मछलियों के नमूनों की जांच कर उनके उपचार के लिए उपयुक्त विधियां सुझाई जाती हैं। वर्ष 2024 के जून माह से यह प्रयोगशाला कार्यरत है और अब तक अनेक किसानों और मत्स्य पालकों को इससे लाभ मिल रहा है। यदि प्रस्तावित 14 पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाती है और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं, तो यह प्रयोगशाला न केवल पूर्णिया बल्कि प्रमंडल के अन्य जिलों के मत्स्य उद्योग को एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। इससे मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की आय में भी महत्वपूर्ण इजाफा होगा।

-संसाधनों की भारी कमी, प्रयोगशाला संचालन में हो रहे बाधाएं :

-हालांकि प्रयोगशाला का विधिवत संचालन अब भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। प्रयोगशाला से जुड़े किसी भी प्रकार के वित्तीय आवंटन की व्यवस्था उप मत्स्य निदेशक कार्यालय पूर्णिया के माध्यम से नहीं की गई है। प्रयोगशाला के प्रभावी संचालन के लिए सहायक निदेशक (1 पद), मत्स्य प्रसार पदाधिकारी/कनीय जांच पदाधिकारी (3 पद), लिपिक (1 पद), चतुर्थ वर्ग कर्मचारी (2 पद) तथा रात्रि प्रहरी (1 पद) समेत कुल 14 पदों के सृजन की आवश्यकताहै। इस आशय का प्रस्ताव उप निदेषक मत्सय द्वारा निदेशक मत्स्य बिहार पटना को भेजा गया है। हालांकि प्रयोगशालाओं में संसाधनों और प्रशिक्षित कर्मियों की भारी कमी के चलते जांच कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

-प्रयोगशाला की सुरक्षा भी बनी चिंता का विषय :

-जुलाई 2025 तक जिला मत्स्य कार्यालय का स्थानांतरण संयुक्त भवन पशुपालन कार्यालय परिसर में किया जाएगा। इस नई स्थिति में प्रयोगशाला की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना एक बड़ी आवश्यकता बन जाएगी। पूर्णिया की इस प्रयोगशाला के बाद राज्य में सोनारू मत्स्य बीज प्रक्षेत्र फतुहा तथा बखरी मत्स्य बीज प्रक्षेत्र सीतामढ़ी में भी इसी प्रकार की प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।

-बोले अधिकारी :

-जिला मत्स्य पदाधिकारी जय शंकर ओझा ने बताया कि जिलाधिकारी के प्रयास का परिणाम है कोसी बेसिन विकास परियोजना के तहत जिला मत्स्य कार्यालय पूर्णिया परिसर मे राज्य का पहला है प्रयोगशाला स्थापित किया गया है। जहां मत्स्यजीवियों के लिए सभी प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें