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बोले सहरसा: एक एलोपैथ चिकित्सक के सहारे चल रहा सदर पीएचसी

बरियाही सदर पीएचसी, जो जिला का पहला अस्पताल है, गंभीर संकट का सामना कर रहा है। यहां एलोपैथ चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। अस्पताल में केवल एक...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 19 June 2025 03:22 AM
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बोले सहरसा: एक एलोपैथ चिकित्सक के सहारे चल रहा सदर पीएचसी

प्रस्तुति: विजय कुमार झा जिले का पहला और अंग्रेज जमाने में ही बने जिला का सदर पीएचसी बरियाही खुद बीमार है। अस्पताल खुद के अस्तित्व के लिए तारणहार का बाट जोह रहा है। लोगों को इस अस्पताल में इलाज कराना किसी जंग जीतने से कम नही है। एलोपैथ चिकित्सकों की कमी के कारण लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार बनगांव नगर पंचायत स्थित राजकीय औषधालय बनगांव को अपग्रेड कर सदर पीएचसी का दर्जा दिया गया था। हिन्दुस्तान के साथ संवाद में लोगों ने कहा कि पूर्व में इस सदर पीएचसी में महिला रोग विशेषज्ञ, ऑर्थो, दंत विशेषज्ञ, सर्जन, जेनरल फिजिसियन सहित अन्य चिकित्सक पदस्थापित थे।

वर्तमान में बरियाही बाजार स्थित सदर पीएचसी में लोगों के इलाज के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में मात्र एक एलोपैथ चिकित्सक एवं एक आयुष चिकित्सक ही बच गये है। आयुष चिकित्सक के द्वारा ही आपातकालीन सेवा एवं ओपीडी का संचालन हो रहा है। यहां प्रत्येक माह औसतन दो सौ से ज्यादे गर्भवती महिलाओं का प्रसव करवाया जाता है। बावजूद यहां वर्षो से महिला रोग चिकित्सक और अन्य सुविधा बहाल करने में विभाग मौन धारण किये हुए है। आपातकालीन को आए अधिकतर मरीज को संसाधन उपलब्ध रहने के बावजूद भी एलोपैथ चिकित्सक की कमी के कारण सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जिस कारण मरीज के परिजन बेहतर इलाज के लिए सीधे सदर अस्पताल या निजी अस्पताल जाना ही श्रेयस्कर समझते हैं। बनगांव नगर पंचायत के बरियाही बाजार स्थित सदर पीएचसी में इस डिजिटल युग में भी डिजिटल के बदले मैन्युअल एक्सरे मशीन से लोगों का एक्सरे किया जाता है। जानकारी के अनुसार इस मशीन से एक मरीज का एक एक्सरे करने मे कम से कम आधा घंटा लगता है। कई बार एक्सरे अस्पष्ट होने के कारण एक से ज्यादे बार एक ही मरीज का एक्सरे भी करना पड़ता है। जबकि डिजिटल मे कार्य गुणवता पूर्ण एवं तेजी में होता है और इलाज के लिए चिकित्सक को आसान एवं स्पष्ट भी होता है। सभी हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में सीएचओ नहीं: ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लिए हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड किया गया। पर प्रखण्ड क्षेत्र स्थित कुल 16 में से 6 में सीएचओ पदस्थापित है। परिणामस्वरूप इन पदस्थापित सीएचओ को ही अन्य केन्द्र का अतिरिक्त प्रभार दे किसी तरह संचालन किया जा रहा है। अत्याधुनिक संसाधन बनी है शोभा की वस्तु प्रखण्ड क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लिए बरियाही बाजार स्थित सदर पीएचसी परिसर में 30 बेड का कॉम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनवाया गया। सीएचसी में आवश्यकता के अनुरूप अधिकतर आवश्यक संसाधन उपलब्ध है। लेकिन विशेषज्ञ एलोपैथ चिकित्सक के अभाव में अधिकतर उपलब्ध संसाधन सिर्फ दिखावा प्रतीत हो रहा है। परिणामस्वरूप स्वास्थ्य संबंधी जरूरी संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद भी एलोपैथ विशेषज्ञ चिकित्सक के कमी के कारण आपातकाल में आए मरीजों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। एपीएचसी का हाल भी है बेहाल, मरीज हलकान लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए संचालित बनगांव दक्षिणी, खड़गपुर, भरौली, परमिनिया एवं पटूआहा में भी एपीएचसी का भी यही हाल है। इन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खड़गपुर एवं परमिनिया एपीएचसी को आज भी अपना जमीन एवं भवन नहीं है। इन एपीएचसी में भी लोगों के समुचित इलाज के लिए एक भी एलोपैथ चिकित्सक नहीं है। आयुष चिकित्सकों के द्वारा ही एलोपैथ दवा से लोगों का इलाज किया जाता है। बोले जिम्मेदार बरियाही सीएचसी में एलोपैथिक चिकित्सक एवं अन्य कर्मी के कमी के लिए विभागीय वरीय पदाधिकारी को प्रत्येक माह रिपोर्ट भेजा जा रहा है। सिविल सर्जन द्वारा भी राज्य स्वास्थ्य समिति को इस संबंध में लिखा गया है। आशा हैजल्द ही इस दिशा में बेहतर कार्यवाही की जाएगी जिससे लोगों को सुविधा मिलेगी। -डॉ. एके गुप्ता , प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बरियाही अस्पताल पीएचसी में आउट सोर्सिंग द्वारा मरीजों को दिए जा रहे भोजन के गुणवत्ता का वरीय पदाधिकारी से जांच करवाया जाए। -गौरव बरियाही अस्पताल में मोबाईल के बिना आए गरीब मरीजों के भी इलाज की व्यवस्था हो। वहीं प्रसूति के लिए व्यवस्था हो। -गणेश महतो सभी हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में सीएचओ का पदस्थापन सुनिश्चित किया जाए। जिससे लोगों को यहां पर सुविधा मिले। -देवानन्द झा सीएचसी तो बना लेकिन अन्य सुविधा नदारद है। ग्रामीणों के सुविधा के लिए चिकित्सक पदस्थापन हो। -घनश्याम महतो सदर पीएचसी में पुराने मैन्युल एक्सरे मशीन को बदलवाकर डिजिटल मशीन लगवाया जाए। वहीं अन्य सुविधा बहाल हो। -शिवन सादा यहां प्दो सौ से ज्यादे गर्भवती महिलाओं का प्रसव एएनएम के भरोसे करवाया जाता है। महिला चिकित्सक का पदस्थापन हो। -राघव मिश्र सबसे पुराना अस्पताल है। इसलिए यहां समुचित संख्या में चिकित्सकों का पदस्थापन शीघ्र किया जाना आवश्यक है। -रंजीत झा परिसर में जर्जर हुए चिकित्सक आवास को तोड़वाकर नया आवास बनवाया जाए। वहीं मरीजों कीसुविधा बढाया जाए। -जनार्दन सादा परिसर में जर्जर पड़े सभी भवन को तोड़वाकर अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का आवास बनवाया जाए। सुविधा बढाए। -राजन गोस्वामी पीएचसी में आर्यवेद एवं होमियोंपैथिक दवा का भी आपूर्ति की जाए। यहां पर डिजिटल एक्सरे मशीन लगवाया जाए। -सहदेव साह एपीएचसी में रिक्त पड़े पद पर भी एलोपैथ चिकित्सक का पदस्थापन किया जाए। पुराने मैन्युल एक्सरे मशीन को बदले। -विजय मिश्र अस्पताल में ओपीडी में आए मरीजों एवं परिजनों के लिए परिसर में शौचालय का निर्माण करवाया जाए। -सुमन झा सदर पीएचसी में अतिशीघ्र एलोपैथ चिकित्सक का पदस्थापन कर आयुष चिकित्सक से अंग्रेजी विधि से करवाए जा रहे इलाज बन्द करवाया जाए। -निर्मल मिश्र हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में पदस्थापित सभी एएनएम का सदर पीएचसी में किए गए प्रतिनियुक्ति को निरस्त किया जाए। -विनय बिहारी पूर्व की तरह क्षेत्रीय लोगों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए स्वीकृत सभी पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सक का पदस्थापन किया जाए। -सुमन समाज यहां 13 स्वीकृत पद के विरुद्ध अभी प्रभारी के रूप में मात्र एक एमबीबीएस चिकित्सक पदस्थापित है। एलोपैथिक चिकित्सक पदस्थापित की जाए। -मिथुन कुमार शिकायत 1. सबसे पुराना अस्पताल में एलोपैथ चिकित्सक का घोर अभाव है। 2. संसाधन है पर चिकित्सक की कमी से सुविधाएं नहीं मिल रहीं। 3. आयुष चिकित्सक द्वारा ही सभी तरह के मरीजों का अंग्रेजी दवा से इलाज किया जाता है। 4. समुचित इलाज के अभाव में मरीज किए जाते रेफर। सुझाव 1. पीएचसी एवं एपीएचसी में मरीजों को सभी सुविधा मिले। 2. समुचित संख्या में चिकित्सक व अन्य कर्मी के पदस्थापन हो। 3. पीएचसी में मरीजों को मिलने वाले आहार की समय-समय पर जांच कराई जाए। 4. हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में सीएचओ का पदस्थापन हो।

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