राज्य के 26 हजार टोलों में नल का जल के लिए चलेगा विशेष अभियान
राज्य में 26,843 घरों में नल का जल पहुंचाने का कार्य तेज हो गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के टोलों को प्राथमिकता दी...

राज्य के 26 हजार 843 घरों में नल का जल पहुंचाने का काम तेज कर दिया गया है। इस गर्मी में इन टोलों के घरों तक नल का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। खासकर अनुसूचति जाति-जनजाति वर्ग के टोलों को प्राथमिकता दी जाएगी। वर्तमान में इन टोलों के निवासी चापाकल या कुआं के सहारे पानी पीते हैं। किसी न किसी कारणवश इन टोलों तक नल का कनेक्शन नहीं पहुंच पाया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) की ओर से किए गए सर्वेक्षण में छूटे हुए टोलों को चिह्नित किया गया है। अब इन टोलों तक नल का जल जल्द पहुंच जाएगा। इस वर्ष चुनाव भी है। इस कारण विभाग का प्रयास है कि इस गर्मी में इन टोलों तक नल का जल पहुंचा दिया जाए। बता दें कि राज्य में 1 लाख 23 हजार 936 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जा चुका है। इन योजनाओं के जरिए 1 करोड़ 74 लाख 47 हजार 55 घरों में नल कनेक्शन देकर पेयजलापूर्ति की जा रही है। बावजूद लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के क्षेत्र अंतर्गत 10,719 टोले और पंचायती राज विभाग क्षेत्र अंतर्गत 16124 टोले छूटे हुए हैं। इन टोलों में पेयजल कनेक्शन का कार्य शुरू कर दिया गया है। पीएचईडी के टोलों के लिए 4706.17 करोड़ की योजना पर कार्य शुरू है। वहीं, पंचायती राज विभाग के छूटे हुए टोलों में 3611.33 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हो चुकी है। दोनों तरह की योजना में पीएचईडी के स्तर से ही काम कराए जा रहे हैं।
विभागीय प्रधान सचिव पंकज कुमार ने संबंधित कार्यपालक अभियंताओं, सहायक अभियंताओं तथा कनीय अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति टोलों में कोई भी परिवार हर घर नल का जल से वंचित न रहे। ऐसे सभी टोलों की पहचान कर विशेष विकास शिविरों का आयोजन करने को कहा गया है। संबंधित प्रखंडों में कार्यरत कनीय अभियंता एवं संवेदक को संयुक्त रूप से चिह्नित टोलों का निरीक्षण करने को कहा गया है ताकि प्रत्येक परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो।
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