बिहार में फिल्म शूटिंग शुरू करने का किया जा रहा प्रयास : संजय झा
बिहार दिवस पर आयोजित वेबिनार में सूचना जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को लेकर लोगों के मन में सकारात्मक छवि बनी है। यह बड़ी बात है।...
बिहार दिवस पर आयोजित वेबिनार में सूचना जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को लेकर लोगों के मन में सकारात्मक छवि बनी है। यह बड़ी बात है। रिकॉगनाइजिंग बिहार कल्चरल आइकॉन विषय पर आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि कलाकारों के सुझाव को सरकार गंभीरता से लेती है। राज्य के सुदूर इलाकों में भी आप चार से पांच घंटों तक पहुंच सकते हैं। पटना के सौ किलोमीटर के रेंज में चार-पांच गांव को एडॉप्ट कर सिनेमा शूटिंग के लिए विकसित हो सकता है। इसके लिए जरूरी आधारभूत संरचना तैयार हो चुकी है। फिल्म की शूटिंग बिहार में हो इसके लिए सरकार की तरफ से सपोर्ट सिस्टम विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। मैं यह आश्वासन देना चाहूंगा इस वर्ष से ही अगर कोरोना का फैलाव नहीं हुआ तो राज्य में फिल्म की शूटिंग शुरू होगी।
फिल्म फ्रेंडली गांव पंचायत व निगम वार्ड बने : पंकज त्रिपाठी
अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने कहा कि मैंने बिहार आधारित दो फिल्में की थी। पहले की शूटिंग तामिलनाडू के सुगंधा जिले में और दूसरी की शूटिंग बनारस और जयपुर में हुई। कहानी पटना की, समस्तीपुर की और शूटिंग राजस्थान और उत्तर प्रदेश में। मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि हमने वैसा माहौल नहीं बनाया जिससे फिल्म वाले खुशी से शूटिंग करने बिहार आए। बिहारी किरदार को फिल्मों में गलत प्रदर्शित किया जाता है। मैं प्रयास में हूं कि बिहार की असली छवि लोगों के सामने रखी जा सके। बतौर इंसान और कलाकार मेरी जड़ बिहार में है और मैं इसे संभाल कर रखना चाहता हूं। हमारी सरकार चाहे तो पांच-छह ग्राम पंचायतों को फिल्म फ्रेंडली ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है। नगर निगम इलाकों में फिल्म फ्रेंडली वार्ड का निर्माण किया जा सकता है। हम सब की इच्छा है कि हम सब अपनी-अपनी फिल्में लेकर आए। फिल्म निर्माण के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस मिले तो बिहार में शूटिंग शुरू हो।
अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को न भूले
अभिनेता क्रांति प्रकाश झा ने कहा कि हमारे यहां मगही, मैथिली, भोजपुरी, वज्जिका और अंगिका जैसी कई बोलियां बोली जाती है। हम कहीं भी चले जाए, मातृभूमि और मातृभाषा हमारे साथ रहनी चाहिए। हम अपनी मातृभाषा को भूलते जा रहे हैं। जबकि केरल, चेन्नई, बैंग्लुरु और पंजाब जैसे शहर ने अपनी मातृभाषा को अपनाकर बहुत आगे निकल गई है। उन्होंने कहा कि चार-पांच साल पहले बिहार में फिल्म सिटी बनाने की योजना बनी थी। सरकार को इस क्षेत्र में सोचने की जरूरत है।
मैथिली ठाकुर ने दी बिहार दिवस की बधाई
निठरिया मोतियां हेरा गेलिय हे रामा... गीत गाकर मैथिली ठाकुर ने बिहार दिवस पर सभी को बधाई दी। वेबिनार के दौरान मैथिली ठाकुर ने सबसे पहले सभी को बिहार दिवस की शुभकामना दी। उन्होंने बताया कि मैं मैथिली गीतों का वीडियो बना कर सोशल साइट्स पर डालती हूं। बिहार से इसको बहुत सराहना मिली। लोगों ने इसे इतना पसंद किया जिससे मै इतना आगे बढ़ पायी हूं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में एक घर में पिछले 15 दिनों से मिथिला पेंटिंग की जा रही है। कई कलाकार इसे बना रहे हैं। इस घर के मिथिला पेंटिंग के माध्यम से बिहार की अलग-अलग चीजों को दिखाया जाएगा।
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