क्रिप्टो करेंसी से विदेश भेजे जा रहे साइबर ठगी के पैसे
साइबर अपराधियों ने ठगी के पैसों को बिनांस एप के जरिए क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में निवेश करने का नया तरीका ढूंढ़ निकाला है। बिहार पुलिस ने इस नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसमें पाकिस्तान और नेपाल का...

साइबर अपराधियों ने ठगी से उड़ाये गये पैसे को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ़ निकाला है। यह अपराधी बिनांस एप के माध्यम से ठगी के पैसों का निवेश क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में कर रहे हैं। फिर इन पैसों को डॉलर में कन्वर्ट कर निकाला जा रहा है। बिहार पुलिस ने पाकिस्तान और नेपाल कनेक्शन वाले इस खेल का खुलासा पूर्वी चंपारण में किया है। इससे पहले सीमांचल के पूर्णिया सहित अन्य जिलों में भी साइबर ठगी के पैसे को डॉलर में कन्वर्ट कर निकाले जाने का खुलासा हो चुका है। बिहार पुलिस के इस खुलासे के बाद केंद्रीय एजेंसियां एनआईए, सीबीआई और ईडी भी सक्रिय हो गई हैं और नेटवर्क की पड़ताल में जुट गयी हैं। जल्द ही केंद्रीय एजेंसी की एक टीम मोतिहारी जाकर पूरे मामले की पड़ताल करेगी। बिहार पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक इसका मास्टर माइंड नेपाल में बैठा है और पाकिस्तानी सिम का इस्तेमाल करते हुए बिहार में नेटवर्क बना कर साइबर अपराध की गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा है।
सीमावर्ती जिलों में ऐसे साइबर अपराधियों के गिरोह सक्रिय
मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के सीमावर्ती जिलों में ऐसे साइबर अपराधियों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। सूत्रों के मुताबिक पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में क्रिप्टो निवेश में राशि दोगुना करने वाला गिरोह सक्रिय है, जो निर्धारित समय अवधि में रकम दोगुना-तिगुना करने का लालच देकर आमजन को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसके लिए स्थानीय युवाओं को एजेंट बनाया जाता है। लोगों को भरोसा जीतने के लिए शुरुआती निवेश की राशि बढ़ाकर देते भी हैं, लेकिन जब मोटी रकम लोग जमा कर देते हैं, तो सारी राशि क्रिप्टो में जमा कर साइबर अपराधी चंपत हो जाते हैं। पिछले दिनों पूर्णिया से तीन अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जिनका कनेक्शन भी पाकिस्तान और नेपाल से था।
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