हिसुआ : वार्ड 21 में पौराणिक धरोहरों को संवारने की है जरूरत
हिसुआ नगर के वार्ड 21 में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से साफ-सफाई और संसाधनों की स्थिति बेहतर है। हालांकि, नलजल पाइप लीकेज की समस्या से लोग नाराज हैं। वार्ड में प्राचीन धरोहरों की देखभाल की...

हिसुआ, संवाद सूत्र। हिसुआ नगर के मध्य में स्थित वार्ड 21 पुराने हिसुआ नगर पंचायत का मुख्य भाग रहा है। लेकिन हिसुआ नगर के अन्य सभी वार्डों की तुलना में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से यह वार्ड अन्य वार्डों की तुलना में काफी बेहतर है। फिलहाल नलजल में पाइप लीकेज की समस्या को छोड़कर अन्य संसाधनों से सम्पन्न इस वार्ड में कई सहुलियतें बेहतर हाल में हैं। वार्ड में साफ-सफाई की भी स्थिति काफी बेहतर है। जबकि नाली और गली की छिटपुट समस्याओं को छोड़कर अगर किसी चीज की कमी इस वार्ड में दिखती है तो वह है यहां के प्राचीन धरोहरों को संजोने और संवारने की। वार्ड की आबादी लगभग 06 हजार के आसपास है जबकि वार्ड में 15 सौ मतदाता हैं। मतदाता सूची में इस वार्ड में महिला एवं पुरुष मतदाताओं का लिंगानुपात लगभग सामान्य है। यह इस वार्ड की जनता की जागरूकता को दर्शाता है। वार्ड का सीमांकन पूरब में महावीर स्थान के समीप से बीच बाजार रोड से लेकर पश्चिम में गुहिया पोखर तक है। जबकि दक्षिण में नया काली स्थान मंदिर (गुहिया पुल) से लेकर अर्चना गली तक है। आबादी के लिहाज से देखा जाए तो यह वार्ड अतिपिछड़ा बाहुल्य है। वैश्य मतदाताओं की यहां सर्वाधिक संख्या है। उम्मीदवारों की जीत-हार में वैश्य मतदाताओं की भूमिका निर्णायक होती है। शहर के प्रमुख व्यवसायिक केंद्र होने के साथ ही यह वार्ड स्थानीय लोगों के आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां अति प्राचीन काली मंदिर सहित राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी के अलावा शिखरबंद जैन मंदिर भी है, जिसके प्रति आज भी दिगंबर जैन धर्म के लोगों की भरपूर आस्था बरकरार है। हिसुआ का इकलौता वार्ड, जहां उपलब्ध है सामुदायिक शौचालय वैसे तो संसाधनों के लिहाज से देखा जाए तो नगर यह एकमात्र ऐसा इकलौता वार्ड है, जहां संसाधनों की कमी कम ही खटकती है। साथ ही, यह हिसुआ नगर परिषद का इकलौता ऐसा वार्ड है, जहां 12 सीट का सामुदायिक शौचालय उपलब्ध है। इस कारण वार्ड की नालियों और गलियों में गंदगी नहीं दिखती है। इसका निर्माण बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कराया गया है। इसके साथ ही, इस वार्ड में बच्चों के सामूहिक तैयारी करने के लिए पुस्तकालय भवन, सांस्कृतिक भवन, सामुदायिक भवन, कृषि भवन के साथ ही सभागार भी उपलब्ध हैं। यह स्थानीय पार्षद के कार्यों और उनकी लगनशीलता को दर्शाता है। बड़े घोटाले की ओर इंगित करता है पाइप लीकेज की समस्या अगर इस वार्ड के लोगों को किसी चीज को लेकर नाराजगी है तो वह है नलजल के ठेकेदार और उसे बिना काम के नियमित भुगतान करने वाले नगर परिषद के अधिकारी के प्रति। लोगों का कहना है कि बिना कार्य किए ही मोटे कमीशन के बल पर नियमित भुगतान कर नगर के लोगों के टैक्स के रुपए में सेंधमारी कर एक सुनियोजित घोटाला किया जा रहा है। नल-जल के ठेकेदार की कार्यशैली पर नगर परिषद के प्रत्येक वार्ड के लोगों में आक्रोश है। लोग इस तरह के जनहित के कार्य बाहरी ठेकेदार को सौंपने का जमकर विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोग इसमें हुए घोटाला की जांच कर इसमें शामिल रहे नगर परिषद कर्मियों पर कड़ी कार्यवाई की मांग कर रहे हैं। अन्य वार्डों की ही तरह एक मात्र बोरिंग के सहारे पूरे वार्ड में सप्लाई किए जाने वाले पानी के पाइप के लीकेज के कारण प्रत्येक घरों तक पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। इसका खामियाजा वार्ड के आधे से अधिक लोगों को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोग लीकेज की समस्या को दूर करने के साथ ही वार्ड में एक और बोरिंग कराए जाने की मांग काफी जोर-शोर से कर रहे हैं। राधा कृष्ण ठाकुर बाड़ी को संवारने और संजोने की है जरूरत कभी हिसुआ बाजार एवं उसके आसपास के इलाके के लोगों का आस्था का प्रमुख केंद्र रहा यह अतिप्राचीन धर्मस्थल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर दिख रहा है। इसके जर्जर हो चुके भवन के नवनिर्माण और कैम्पस के भीतर नियमित साफ-सफाई की सख्त आवश्यकता है। कभी आस्था का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा यह स्थल वर्तमान समय में गंजेड़ियों और जुआड़ियों का अड्डा बनकर रह गया है। मंदिर परिसर पर शहर के असामाजिक तत्व के युवकों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इन तत्वों द्वारा इसकी धार्मिक पहचान और आस्था को मिटाने का कुंठित प्रयास किया जा रहा है, जिसे समय रहते रोकना स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए जरूरी है। जैन समुदाय के आस्था का प्रमुख केंद्र है हिसुआ का जैन मंदिर इस वार्ड में जैन धर्म के लोगों का प्रमुख आस्था का केंद्र रहा अति प्राचीन जैन मंदिर भी है, जिसकी भी ख्याति काफी दूर-दूर तक है। इसकी देखभाल स्थानीय जैन समुदाय के लोग स्वंय करते हैं। हिसुआ बाजार के मध्य में लाल पत्थर का बना शिखरबंद जैन मंदिर अपने आप में अद्भुत है। जैन समाज में शिखरबंद मंदिर को अति दुर्लभ माना जाता है, जो अपनी खास बनावट एवं आकर्षक कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। जैन समुदाय के शिखरबंद मंदिर में मुख्य रूप से टावर, शिखर और गुंबदों के साथ ही वास्तुकला शामिल रहता है। यह नक्काशीदार संगमरमर, बलुआ पत्थर या फिर किसी अन्य पत्थरों से बना होता है। हिसुआ का यह शिखरबंद मंदिर लाल पत्थरों से बना हुआ है, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। इस मंदिर के भीतर जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर भगवान चंद्र प्रभु की मूल वेदी स्थापित है। प्रत्येक वर्ष यहां हजारों जैन एवं हिन्दू पर्यटक मंदिर में स्थापित चंद्र प्रभु की मूल वेदी का दर्शन कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। इस अति प्राचीन जैन मंदिर का इतिहास लगभग 300 वर्ष पुराना रहा है, जो आज भी कायम है। नगर परिषद के आय का बड़ा स्त्रोत बन सकता है गुहिया पोखर वार्ड के पश्चिमी छोर से होकर गुजरने वाली गुहिया पोखर का भी इतिहास काफी पुराना रहा है। जमींदारी काल में निर्माण कराए गए पोखर का भी अपना महत्त्व था। यह पोखर यहां के लोगों के लिए किसी जीवनदायिनी से कम नहीं हुआ करती थी। लेकिन आधुनिकता के इस बदले दौर में बढ़ते शहरीकरण के बीच अब शायद इसकी महत्ता समाप्त हो गई है। अब यह पोखर नाले के बजबजाते पानी और इसमें फेंके जाने वाले कूड़ा और कचरा से दलदल का रूप ले चुका है। अब तो हाल यह है कि इसमें एक बार गिरने के बाद बाहर निकलना भी मुश्किल है। इस कारण इसके आसपास के इलाके के लोगों के लिए खतरा भी बना रहता है। यह पोखर आज भी जमींदारी काल के बने पुल के सहारे हिसुआ के सबसे बड़े कॉलनी में शुमार रहे प्रोफेसर कॉलनी और दरबार चौक को सीधे जोड़ता है। आज भी इस पुराने पुल की महत्ता बरकरार है, जिसके ऊपर से आदमी और छोटे वाहन धड़ल्ले से आते-जाते हैं। सिंचाई विभाग के पीछे से लेकर वार्ड 21 पुस्तकालय के समीप तक इसका बहुत ही चौड़ा पाट आज भी मौजूद है, जो उत्तर से दक्षिण तक काफी दूरी में फैला हुआ है। स्थानीय लोगों की चाहत है कि इस पोखर में जमे गाद की सफाई कराकर यहां वोटिंग सहित पार्क एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कर नगर निकाय अपना आय का स्रोत बढ़ा सकती है। लोगों का कहना है कि अगर नगर परिषद अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर इस पोखर की सफाई और सौंदर्यीकरण करा दे तो दलदल बना यह पोखर हिसुआ नगर की खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है। जरूरत है इसे सिर्फ संजोने और संवारने की। --------------------------- आम लोगों की व्यथा : वार्ड के विकास में स्थानीय पार्षद का अबतक का प्रयास काफी सराहनीय रहा है। नगर परिषद के भीतर गतिरोध कायम रहने से विकास प्रभावित होने के बावजूद भी वो हमेशा हमलोगों के साथ डटकर खड़े रहते हैं। -दीपक कुमार, वार्ड वासी मुझे शिकायत अंचल कार्यालय और नगर परिषद के उन भ्रष्ट कर्मियों से है, जिनके शह पर लोग दूसरे की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करते हैं। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। समाज में हर किसी को बराबर का भागीदारी होनी चाहिए। -प्रभा देवी, वार्ड वासी। वार्ड में पाइप लीकेज की समस्या काफी गंभीर है। इस कारण जहां-तहां गलियों में पानी बहता रहता है। इस कारण वार्ड के आधे से अधिक घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। पाइप लीकेज कि समस्या दूर कर एक और बोरिंग होना जरूरी है। -प्रशांत कुमार, वार्ड वासी। गुहिया पोखर के गाद की सफाई कराकर बोटिंग और पार्क निर्माण की पहल करनी चाहिए। इसके सौंदर्यीकरण कर हिसुआ शहर की खूबसूरती को निखारते हुए इसके मिटते अस्तित्व को बचाने की पहल करना आवश्यक है। -सुमित कुमार, वार्ड वासी। ------------------------ क्या कहते हैं जिम्मेदार: नगर परिषद में गतिरोध होने के बावजूद भी वार्ड में जहां तक हो सका, विकास को मैंने प्रभावित होने नहीं दिया। नलजल के पाइप में लीकेज की गंभीर समस्या है। नगर परिषद में कम्प्लेन करने पर ठेकेदार से सम्पर्क करने को कहा जाता है जबकि ठेकेदार पार्षदों का फोन तक नहीं उठाता है। उसे सिर्फ नगर परिषद कार्यालय से नियमित भुगतान उठाने से मतलब रहता है। स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से मुलाकात कर उसके भुगतान पर रोक लगाने की मांग करूंगी। वार्ड में एकमात्र आंगनबाड़ी केंद्र है, वो भी भवनहीन है, जिसके भवन निर्माण का भी प्रयास जारी है। जल्द ही नगर विकास मंत्री और सांसद से मिलकर गुहिया पोखर के सौंदर्यीकरण कराने के साथ ही इसमें वोटिंग और पार्क की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करूंगी। -रेखा कुमारी, वार्ड पार्षद, वार्ड 21, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।
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