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पंचायती राज विभाग को 20 वर्ष में नहीं मिला खर्च का हिसाब

मुजफ्फरपुर के पंचायती राज विभाग को 2003-04 से 2023-24 तक 130 करोड़ 98 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं दिया गया है। विशेष सचिव प्रीति तोंगरिया ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि लंबित राशि का ब्योरा और...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 20 Feb 2025 04:31 AM
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पंचायती राज विभाग को 20 वर्ष में नहीं मिला खर्च का हिसाब

मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। पंचायती राज विभाग को खर्च करने के लिए दी गई राशि का 20 वर्षों से हिसाब नहीं दिया गया है। इसे लेकर विभाग की विशेष सचिव प्रीति तोंगरिया ने सभी उप विकास आयुक्त को पत्र भेजकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003-04 से 2023-24 तक सभी जिलों में पंचायती राज विभाग को 130 करोड़ 98 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए थे। डीसी विपत्र में इसका अब तक समायोजन नहीं किया गया। साथ ही यह जानकारी भी नहीं दी गई है कि राशि शेष है या समाप्त हो चुकी है।

कहा कि अगर उक्त राशि का खर्च योजनाओं के क्रियान्वयन पर किया गया है तो इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र और बिल अविलंब उपलब्ध कराएं। इसे लेकर प्रत्येक समीक्षा बैठक में सभी जिलों को निर्देशित किया जा रहा है, लेकिन भोजपुर, सहरसा और सीवान को छोड़ किसी जिले के द्वारा इसपर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। महालेखाकार कार्यालय की ओर से लगातार पंचायती राज विभाग को पत्र भेजकर उक्त राशि का समायोजन करने को कहा जा रहा है। इसके बाद भी इसमें प्रगति नहीं देखी गई है। विशेष सचिव ने सभी जिलों को लंबित राशि का पूरा ब्योरा भेजकर अविलंब उपयोगिता प्रमाण पत्र देने को कहा है। इसमें सबसे अधिक राशि पूर्वी चंपारण जिले में (17.79 करोड़) रुपये का हिसाब नहीं दिया गया है। पटना में (8.40 करोड़), भागलपुर में (3.09 करोड़) और बक्सर में (4.93 करोड़) रुपये का समायोजन नहीं हुआ है।

जिलों में इतनी राशि का लंबित है उपयोगिता प्रमाण पत्र :

मुजफ्फरपुर- 10.25 करोड़, पूर्वी चंपारण- 17.79 करोड़, पश्चिम चंपारण- 6.87 करोड़, मधुबनी- 2.90 करोड़, समस्तीपुर- 2.28 करोड़, दरभंगा- 2.22 करोड़, सीतामढ़ी- 1.71 करोड़ व शिवहर- 1.12 करोड़।

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