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बीआरएबीयू : पांच कॉलेजों के टीआर गायब, 20 हजार की डिग्री फंसी

मुजफ्फरपुर के बीआरएबीयू में 2018-21 सत्र के छात्रों के पांच कॉलेजों के टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) गायब हैं। टीआर के न मिलने से 20,000 छात्रों की डिग्री अटकी हुई है। परीक्षा विभाग टीआर की खोज में लगा है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 26 April 2025 06:08 PM
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बीआरएबीयू : पांच कॉलेजों के टीआर गायब, 20 हजार की डिग्री फंसी

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में पांच कॉलेजों के टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) नहीं मिल रहे हैं। टेबुलेशन रजिस्टर सत्र 2018-21 के छात्रों के हैं। इनमें दो बड़े अंगीभूत और तीन संबद्ध कॉलेज शामिल हैं। परीक्षा विभाग इसे खोजने में जोर शोर से लगा हुआ है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुबा लाल पासवान ने बताया कि टीआर को खोजा जा रहा है। जल्द ही मिल जायेगा।

टीआर के नहीं मिलने से सत्र 2018-21 के विद्यार्थियों की डिग्री फंस गयी है। डिग्री बनाने से पहले टीआर से रिजल्ट का सत्यापन किया जाता है। पांच कॉलेजों के 20 हजार छात्रों की डिग्री टीआर नहीं मिलने से फंसी हुई है।

विवि उस समय के रिटायर कर्मचारियों से भी साध रहा संपर्क

विवि सूत्रों ने बताया कि टीआर की खोज पहले आईटी सेल में की गई। आईटी सेल ने परीक्षा विभाग को दिखाया कि उसने टीआर पार्ट थ्री सेक्शन को रीसिव कराया है, लेकिन पार्ट थ्री सेक्शन में रीसिविंग और टीआर नहीं मिल रहा है। विवि प्रशासन अब उस समय के रिटायर कर्मचारियों से संपर्क कर रहा है। इधर, डिग्री के लिए हर दिन विद्यार्थी विवि पहुंच रहे हैं। छात्रों का कहना है कि डिग्री नहीं मिलने से उनके कॅरियर पर असर हो रहा है।

टीआर के नहीं मिलने पर उठ रहे सवाल

टीआर के नहीं मिलने पर सवाल भी उठ रहे हैं। विवि सूत्रों का कहना है कि जब आईटी सेल से टीआर पार्ट थ्री सेक्शन में भेज दिया गया तो वह कहां चला गया। बिहार विवि में टीआर में छेड़छाड़ के कई मामले सामने आ चुके हैं। बीत दिनों टीआर में छेड़छाड़ कर बीएड की फर्जी डिग्री बनाने का भी मामला सामने आया था। इसके बाद जांच कमेटी भी बनी थी।

सौ से अधिक छात्रों के टीआर में लगा मिला लाल घेरा

बीआरएबीयू में लगभग 100 डिग्रियों के टीआर में लाल घेरा लगा मिला है। यह डिग्रियां वर्ष 2015 की हैं। आशंका जताई जा रही है कि डिग्री फर्जी है। विवि सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2015 में कुछ टेबुलेशन विवि में नहीं दूसरी जगह कराये गये थे। इसके बाद कुछ छात्रों की डिग्रियों पर संदेह पैदा हो गया। जिन छात्रों पर संदेह है टेबुलेशन रजिस्टर में उनके आगे लाल घेरा लगाया गया है।

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