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जर्जर सड़क-बजबजाते नाले, कहने को भगवानपुर पर भगवान ही मालिक

मुजफ्फरपुर के भगवानपुर में संकरी और अतिक्रमित सड़कों के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं। बजबजाते नालों और जलजमाव से दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। प्रशासन ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 26 April 2025 06:40 PM
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जर्जर सड़क-बजबजाते नाले, कहने को भगवानपुर पर भगवान ही मालिक

मुजफ्फरपुर। रेलवे ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ सड़क किनारे बनीं दुकानें और बसा मोहल्ला भगवानपुर शहर का पश्चिमी प्रवेश द्वार माना जाता है। ऊबड़-खाबड़, संकरी और अतिक्रमित सड़कें इसकी पहचान बन गई हैं। बजबजाते नालों और सालोंभर सड़क पर जलजमाव से त्रस्त स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके का भगवान ही मालिक है। दुर्घटनाएं यहां आम बात हो गई हैं। स्थानीय लोगों ने समस्याओं के समाधान के लिए एनएचएआई, जिला व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से अनेक बार गुहार लगाई, धरना-प्रदर्शन भी किया, मगर हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। स्थानीय लोगों का कहना है कि नासूर बन गई इस समस्या का स्थायी हल निकले, ताकि आवागमन बेहतर हो सके। शहर के भगवानपुर रेलवे ओवरब्रिज से पश्चिम छोर पर उतरकर या रेवा रोड से अगर भगवानपुर चौक पर आना-जाना हो तो दोनों तरफ बनी संकरी सड़क से ही गुजरना होगा। वैसे तो यह शहर से सटा इलाका है, लेकिन यह क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत आता है। ये सड़कें जितनी संकरी दिखती है, वास्तव में उतनी हैं नहीं। अतिक्रमण के कारण आज इनकी ऐसी हालत है। पांच फीट तक अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया गया है। सड़क के किनारे बनाए गए नाले पर रखा स्लैब टूट गया है। नाले की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। इससे नाले का गंदा पानी हमेशा सड़क पर बहता रहता है। सड़कें कहीं ऊंची तो कहीं नीची हैं। इससे नाले का गंदा पानी हमेशा सड़क के निचले स्थानों पर जमा रहता है। सड़क के पीछे घनी बस्ती वाले कई मोहल्ले हैं। गंदे नाले के पानी से आवागमन लोगों की रोजमर्रा की परेशानी बन गई है।

स्थानीय रत्नेश्वर ठाकुर, विशेश्वर सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि रेवा रोड में अवैध बस पड़ाव के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। रेवा रोड से भगवानपुर चौक की ओर जाने-आने के लिए ओवरब्रिज के नीचे वाली मुख्य सड़क है। इस मार्ग में बिजली विभाग का ऑफिस भी है। एक तरफ से एक ही बड़ी गाड़ी जा सकती है। पटना, सीतामढ़ी और मोतिहारी जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग होता है। इससे दोनों तरफ की सड़कों पर ट्रक, बस और बड़ी-छोटी गाड़ियों का हमेशा तांता लगा रहता है। कई स्थानों पर सड़कें धंसी हुई हैं। अक्सर इसमें फंसकर आटो और ई-रिक्शा पलट जाती है। इससे इसमें सवार लोग घायल हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार तो दुर्घटना में लोगों की जान भी जा चुकी है। छपरा से भगवानपुर की ओर आने वाले हिस्से में ओवरब्रिज के पास सड़क की स्थिति इतनी जर्जर है कि जरा-सी चूक होने पर बड़ा हादसा हो सकता है। कई बार गाड़ियां पलट भी गई हैं। वाहनों के दबाव के कारण जाम यहां की स्थायी समस्या बन चुकी है। कई बार एंबुलेंस तक फंस जाती है, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है।

तीन बार नोटिस फिर भी स्थिति ज्यों की त्यों

ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ की सड़कें कब बनीं, किसी को याद नहीं। स्थानीय विक्रम कुमार, बब्लू सिंह ने बताया कि मरम्मत के नाम पर बस खेल किया जाता है। सड़क के टूटे हिस्सों का पैचअप कर खानापूर्ति कर दी जाती है। जहां जलजमाव होता है, उस स्थान को थोड़ा ऊंचा कर दिया जाता है। इसके बाद बगल में नीचे स्थान पर नाला का पानी जमा हो जाता है। कभी भी योजनाबद्ध तरीके से इस सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। पिछले पांच वर्षों से तो इस सड़क की मरम्मत तक नहीं की गई। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण की विभागीय पहल शुरू की गई है। इसके लिए टेंडर भी हुआ है। एनएचएआई व जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमित भूमि को चिह्नित किया गया है। अतिक्रमण करने वालों को तीन बार नोटिस दिया गया। इस नोटिस के बाद विभागीय अधिकारी भी शांत हो गए, वहीं अतिक्रमणकारी भी निश्चिंत हैं। अब तो लोग समस्या के समाधान की आस भी छोड़ चुके हैं।

नाला व सड़क का काम अगले माह हो जाएगा पूरा

जगह संकरी होने के कारण लोगों को आने-जाने में असुविधा न हो, इस कारण दूसरी जगह प्री कास्ट कर के नाले के ढांचे का निर्माण कराया जा रहा है। 360 मीटर लंबे नाले का निर्माण किया जाना है। इनमें से 300 मीटर नाले की ढलाई का काम पूरा हो चुका है। जल्द ही शेष हिस्से की ढलाई पूरी कर नाले का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। नाला बन जाने के बाद टूटी हुई सड़क की मरम्मत का काम मई महीने में पूरा कर दिया जाएगा।

-राजू कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई, छपरा

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