बेपानी हुए मनरेगा से बने सूबे के 276 अमृत सरोवर
मुजफ्फरपुर में पर्यावरण संरक्षण के लिए मनरेगा योजना से बनाये गए 276 अमृत सरोवर पिछले दो साल से सूखे पड़े हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इन सूख चुके सरोवरों की स्थिति की जांच करने और...

मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। पर्यावरण बचाने के लिए मनरेगा योजना से तैयार किये गए अमृत सरोवरों के पानी अब सूख चुके हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सेटेलाइट सर्वे की जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके अनुसार मनरेगा से बने सूबे के 276 अमृत सरोवर पिछले दो साल से सूखे पड़े हैं। बड़ी लागत से बने इन अमृत सरोवरों की दुर्दशा के कारण और इसके जिम्मेवारों की खोज के आदेश दिये गए हैं। मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा ने मंत्रालय की रिपोर्ट जिलों को भेजी है। सभी संबंधित जिलों के उपविकास आयुक्त को मामले की जांच करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे बिहार के 276 अमृत सरोवरों में दो साल से पानी नहीं है, इनमें मुजफ्फरपुर के पांच अमृत सरोवर शामिल हैं। मुजफ्फरपुर के अलावा जिन जिलों में यह स्थिति पायी गई है, उनमें अररिया के एक, अरवल के 15, औरंगाबाद के पांच, बांका के 14, बेगूसराय के दो, भागलपुर के आठ, भोजपुर के 12, बक्सर व दरभंगा के तीन-तीन, गया के 17 व गोपालगंज के दो, जमुई के आठ, जहानबाद के 11, कैमूर के आठ, कटिहार और खगड़िया के एक-एक, किशनगंज के सात, लखीसराय के पांच, मधेपुरा के पांच, मधुबनी के छह, मुंगेर के 28, नालंदा के छह, नवादा के 21, पश्चिम चंपारण के सात, पटना के 15, पूर्वी चंपारण के एक, पूर्णिया के सात, रोहतास के छह, सहरसा के दो, समस्तीपुर के 12, सारण के तीन, शेखपुरा के चार, शिवहर के एक, सीतामढ़ी के छह, सिवान के छह, सुपौल के आठ व वैशााली के पांच सरोवर शामिल हैं। मनरेगा आयुक्त ने कहा है कि इन अमृत सरोवरों में पानी न होने के कारणों की भी पड़ताल की जाए और इसके लिए उठाये जा सकने वाले कदमों की जानकारी भी उपविकास आयुक्त अपनी रिपोर्ट में दें।
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