बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ाई, फिलहाल कोई नुकसान नहीं
मुंगेर में शनिवार रात बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि अभी तक किसी फसल को नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन ज्यादा बारिश से फसलों को खतरा हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि हल्की...
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मुंगेर, निज प्रतिनिधि। शनिवार रात तीन बजे से चार बजे तक हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि इस बारिश से कोई नुकसान अभी नहीं हुआ है पर किसान इस आशंका से सहमे हुए हैं कि अगर ज्यादा बारिश हो गयी तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। जानकारों की मानें तो इस बारिश का विभिन्न फसलों पर मिलाजुला असर पड़ने की संभावना है। हालांकि हर वर्ष इस मौसम में हल्की बारिश की आशंका बनी ही रहती है, लेकिन फिलहाल हुई बारिश को लेकर किसानों की फसलों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। अगर बारिश की संभावना लगातार बनी रही और बारिश हुई तो खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका बन सकती है। लेकिन इस बारिश से कुल मिलाकर फायदा ही हुआ है। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो हल्की बारिश से आम के पेड़ों पर लगे मंजर की एक तरह से धुलाई हो गयी इसका लाभ हुआ है। इन दिनों मौसम में बदलाव होने से यानि दिन में गर्मी और रात में तापमान में गिरावट होने से आम की पैदावार पर इसका असर पड़ सकता है। दूसरी ओर बदली और बूंदाबांदी के साथ साथ तापमान के असर से कुछ फसलों पर लाही कीट का आक्रमण हो सकता है क्योंकि ऐसा मौसम लाही कीट के बिल्कुल अनुकूल होता है।
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फसलों में लगी लाही से मिल सकता है छुटकारा:
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि लाही कीट के नियंत्रण के लिए दो तकनीकों को अपनाया जा सकता है। एक येलो स्टीकी ट्रैप द्वारा और दूसरा दवा द्वारा। इसमें किसी पीले टीन के डब्बे पर ग्रीस अथवा कोई चिकनाई युक्त न सूखने वाला चिपचिपा लेप लगाकर खेतों में फसल के थोड़ा ऊपर रखने से लाह के कीट उसमें आकर्षित होकर चिपक जाते हैं इससे उनका कंट्रोल हो जाता है। इसके अलावा दवा भी उपलब्ध है।
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क्या कहते हैं वैज्ञानिक:
हल्की बारिश से थोड़ी नमी की मात्रा में बढोतरी में इजाफा हुई है। लेकिन फसलों के ऊपर फिलहाल बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। अभी मौसम में बदलाव का असर आम के मंजरों को टिकोले में सेट होने में व्यवधान डाल सकता है। वहीं दलहनी एवं तिलहनी व गेहूं फसलों में लाही कीट की समस्या बढ़ सकती है, इसके लिए प्रति एकड़ 5 से 6 येलो स्टिकी अथवा दवा के रूप में इमिडाक्लोरोपिड 17.8 प्रतिशत एसएल घुलनशील दवा की एक मिलीलीटर दवा को ढाई से तीन लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करने से छुटकारा मिल जायेगा।
मुकेश कुमार, वरीय कृषि वैज्ञानिक सह प्रधान, केवीके मुंगेर
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