पीएम किसान योजना ने पूरा किया छह वर्ष: सांसद
सांसद राधामोहन सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि पीएम किसान योजना का शुभारंभ 2019 में पीएम मोदी ने किया था। इस योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 3.67 लाख करोड़ से अधिक की राशि...
पीपराकोठी, एक संवाददाता। किसानों को संबोधित करते हुए सांसद सह पूर्व केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि आज ही वो ऐतिहासिक दिन है, जिस दिन आज से 6 वर्ष पहले 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे किसान भाईयों को उनके कृषि संबंधित खर्चों के लिये सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये पीएम किसान योजना का शुभारम्भ किया था। यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व में पीएम-किसान योजना की परिकल्पना की गई तथा इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया। यह पहल किसानों को सरकार की प्रतिबद्धताओं के केंद्र में रखती है। यह सुनिश्चित करती है कि बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के लाभार्थियों को वार्षिक छह हजार की राशि सीधे हस्तांतरित किए जाएं। पीएम किसान में अब तक 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को रुपये 3.46 लाख करोड़ से अधिक जारी किए जा चुके हैं। 19वीं किस्त जारी होने के साथ, पीएम-किसान के तहत किसानों को जारी की गई कुल धनराशि 3.67 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगी। आज यह दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है। इस जिला के 4 लाख 44 हजार किसानों के खाते में आज 88 करोड़ 80 लाख रूपये डाले गए हैं। कहा कि कृषि समुदाय के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। समर्पित इरादे, व्यापक नीतियों और अभिनव योजनाओं के माध्यम से कृषि में अपने किसानों के लिए व्यापक समर्थन और सुविधा को सुनिश्चित किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए हमें इसके विकास को बढ़ावा देना चाहिए। कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के अलावा, पीएम-किसान योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करना हमारी ग्रामीण आबादी के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। यह पहल देश के अन्नदाता को सशक्त बनाने और उन्हें बनाए रखने के मिशन में एक शानदार सफलता साबित हुई है।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना ने छोटे और सीमांत किसानों के जीवन को बदल दिया है। पहले, उन्हें बीज या उर्वरक जैसे छोटे लेकिन आवश्यक खर्चों को पूरा करने के लिए उच्च ब्याज दरों पर अनौपचारिक ऋण स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब, पीएम-किसान योजना के तहत प्राप्त वित्तीय सहायता से, वे ऐसे ऋणदाताओं पर निर्भर हुए बिना अपने कृषि संबंधी खर्चों को पूरा कर सकते हैं। इस पहल ने किसानों की गरिमा को बहाल किया है, उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है।
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