अतिक्रमण ने बिगाड़ी मोबाइल दुकानों की सूरत, पार्किंग की सख्त जरूरत
मोतीहारी के थोक और खुदरा मोबाइल विक्रेता अपने घटते कारोबार से चिंतित हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों की चुनौतियों और शहर में पार्किंग की कमी के कारण बिक्री में गिरावट आई है। व्यवसायियों ने प्रशासन से उचित...
¸मोतिहारी। शहर के थोक व खुदरा मोबाइल विक्रेता अपने घटते कारोबार से परेशान हैं। ऑल इंडिया रिटेल मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि जिले में तकरीबन 250 थोक व खुदरा मोबाइल दुकानदार संगठन से जुड़े हुए हैं। इस व्यवसाय से तकरीबन 1000 लोगों का परिवार चलता है। वहीं शहर के मेन रोड व अन्य हिस्सों में तकरीबन 65 दुकानदार रजिस्टर्ड हैं और 150 लोगों का परिवार चलता है। ई-कामर्स कंपनियों से मिल रही चुनौतियों के बीच शहर में स्मूथ ट्रैफिक और पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है। मोबाइल की बिक्री लगातार घटती जा रही है। वाहन पार्किंग की व्यवस्था के बाद ही कटे चालान :ऑल इंडिया रिटेल मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार, सचिव राजीव कुमार, कोषाध्यक्ष अजय कुमार समेत पंकज केशरी, विजय कुमार व शिव कुमार ने कहा कि शहर में वाहन पार्किंग की समुचित सुविधा नहीं है। नगर निगम कार्यालय के पीछे एक पार्किंग स्थल है तो वहां लोग अपनी गाड़ी खड़ा करना सुरक्षित नहीं समझते। मेन रोड का फुटपाथ पूरी तरह से अतिक्रमित है। ग्राहकों को मजबूरन अपना वाहन सड़क किनारे ही लगाना पड़ता है। ग्राहक अपनी गाड़ी खड़ी कर दुकान में प्रवेश करते हैं कि उनके वाहन का चालान कट जाता है। ऐसे में ग्राहक मेन रोड में खरीदारी से परहेज करने लगे हैं। सबने एक स्वर में कहा कि पार्किंग की व्यवस्था के बाद ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटा जाए। अभी तो स्थिति यह है कि दुकान में मोबाइल देखने जाते है कि 1000 रुपये का चालान कट जाता है।
फुटपाथ अतिक्रमण से लगता है जाम, ग्राहक रुक नहीं पाते : सचिन सिंह, सिद्धार्थ कुमार, मोतीलाल कुमार, शुभंकर सेन ने बताया कि शहर के मेन रोड में सड़क किनारे फुटपाथ को अतिक्रमित कर लिया गया है। एक तो ठेला-खोमचेवाले दिन चढ़ने के साथ ही अपनी-अपनी दुकानें सजा लेते हैं। दूसरी ओर इस सड़क पर हमेशा वाहनों का दबाव रहता है। इस कारण जाम लगता रहता है। जाम के कारण ग्राहक अपनी पसंद की दुकान के सामने रुक नहीं पाते। इससे उनकी दुकानदारी प्रभावित होती है। प्रशासन ठेला-खोमचेवालों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट कराएं, तभी मेन रोड में स्मूथ ट्रैफिक बहाल हो सकेगी।
शौचालय व यूरिनल की सुविधा मिले : अरुण कुमार, राजीव कुमार, अजय कुमार, पंकज केशरी, विशाल गुप्ता, शुभंकर सेन आदि ने बताया कि शहर में शौचालय व यूरिनल की सुविधा नहीं है। इससे ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाले ग्राहकों को बहुत परेशानी होती है। उन्हें शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। स्थानीय मोबाइल व्यवसायियों ने कहा कि नगर प्रशासन शहर में हर तरफ 200 मीटर पर यूरिनल का निर्माण कराएं। इससे ग्राहकों को सुविधा तो होगी ही, शहर की छवि भी बेहतर हो सकेगी।
बगैर लाइसेंस कई दुकानें हो रही संचालित : मोबाइल व्यवसायियों ने बताया कि शहर में कई दुकानें ऐसी भी हैं जो बगैर लाइसेंस के संचालित हो रही हैं। स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान दें। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
सुझाव
1.शहर के मेन रोड में सड़क किनारे फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने की जरूरत है। इससे ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने व जाम हटाने में मदद मिलेगी।
2.नगर निगम प्रशासन शहर में जगह-जगह वाहन पार्किंग की व्यवस्था करे, जहां गाड़ी खड़ी कर ग्राहक बाजार में खरीदारी कर सकें।
3.मेन रोड में शौचालय व यूरिनल का निर्माण कराया जाए, ताकि ग्राहकों को बाजार आने व खरीदारी करने में सुविधा हो।
4.कई प्रोडक्ट पर ई-कॉमर्स कंपनियों से ज्यादा छूट अब दुकानदार देने लगे हैं। ग्राहक स्थानीय दुकान से खरीदारी करें।
5.शहर के विभिन्न हिस्सों में बगैर लाइसेंस लिए भी दुकानें संचालित की जा रही हैं। प्रशासन इसकी जांच कराए, इससे राजस्व की भी प्राप्ति होगी।
शिकायत
1.शहर के मेन रोड में खराब ट्रैफिक व्यवस्था के कारण जाम लगता रहता है। इससे ग्राहक अपनी पसंद की दुकान पर रुक नहीं पाते हैं।
2.नगर निगम प्रशासन की ओर से शहर में वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। इससे ग्राहकों को चालान कटने का डर रहता है।
3.शहर के मेन रोड में शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था नहीं है। इससे ग्राहकों व व्यवसायियों को बहुत परेशानी होती है।
4.ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी व बिक्री पर सरकार की नजर नहीं है। कुछ प्रोडक्ट ऑनलाइन ही लांच होता है। हमारी बिक्री घटी है।
5. बाजार क्षेत्र में जगह-जगह बिजली के तार का मकड़जाल फैला हुआ है। इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
ई-कॉमर्स से दुकानदारी प्रभावित, परिवार पर असर:
मोबाइल व्यवसायी अरुण कुमार, राजीव कुमार, अजय कुमार, पंकज केशरी व विजय कुमार ने बताया कि ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। इससे हमारी दुकानदारी प्रभावित हो रही है। मेन रोड में दुकान लेने से लेकर नई मोबाइल रख
बेचने में काफी पूंजी लगती है। उतनी पूंजी लगाने के बाद व्यवसाय प्रभावित हो तो इसका असर दुकानदारों के परिवार पर भी पड़ता है। परिवार की आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है।
प्रतिस्पद्र्धा केंद्र से नहीं की जा रही समुचित निगरानी:
ऑल इंडिया रिटेल मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी से स्थानीय दुकानदारी प्रभावित हो रही है। वर्ष 2014 से संगठन देश भर में काम कर रहा है। देशभर में 1.70 लाख दुकानदार रजिस्टर्ड हैं। विभिन्न मोबाइल कंपनियों की पॉलिसी पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। कुछ प्रोडक्ट को कंपनियां पहले ऑनलाइन पोर्टल पर ही लांच करती हैं। भारतीय प्रतिस्पद्र्धा केंद्र से इसकी सही निगरानी नहीं हो पा रही है। हालांकि संगठन दुकानदारों के हित में लगातार लड़ाई लड़ रहा है।
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