फर्जी बहाली में एक और नर्स पकड़ी गईं
मोतिहारी में फर्जी बहाली के मामले में एक नर्स कंचन कुमारी को पकड़ा गया है। वह पिछले दस साल से काम कर रही थी। सिविल सर्जन ने थाना में एफआईआर करने का निर्देश दिया है। इससे पहले भी कई नर्सों की फर्जी...

मोतिहारी,नगर संवाददाता। फर्जी बहाली के मामले में जिला से लगातार नर्स पकड़ी जा रही हैं। करीब दस साल से अधिक वर्ष से जिला में काम कर रहीं कंचन कुमारी नामक नर्स फर्जी बहाली से लेकर फर्जी कागजात के मामले में पकड़ी गई है। जिसके ऊपर सिविल सर्जन ने थाना में एफआईआर करने का निर्देश दिया है। बताया जाता है कि इससे पूर्व सदर अस्पताल में वर्षों से काम कर रहीं नर्स डेजी कुमारी की भी बहाली फर्जी ढंग से किए जाने के मामले में पकड़ी गई थी। बताते हैं कि जिला स्वास्थ्य विभाग से करीब आधा दर्जन नर्स और जीएनएम की बहाली के लिए सरकार को संपुष्टि लिए भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, फर्जी बहाली ,फर्जी संपुष्टि व फर्जी नियुक्ति पत्र का खेल जिला में वर्षों से चल रहा है। बताते हैं कि करीब तीन साल पहले तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह के समयकाल में सचिवालय के निदेशक के फर्जी पत्र पर जिला में 14 एएनएम की बहाली जिला में हो गई। लॉटरी सिस्टम से पदस्थापना भी कर दी गई। मगर जब इस बात की जानकारी सचिवालय स्वास्थ्य विभाग के सचिव को मिली तो उन्होंने सचिवालय से जारी पत्र की मांग की तो जांच में निदेशक का हस्ताक्षर जाली निकला और सभी की बहाली को निरस्त किया गया। निदेशक ने सचिवालय थाना में इन सबों पर केस भी किया था।
इससे पहले तत्कालीन सिविल सर्जन डॉक्टर मीरा वर्मा के समय भी करीब चौदह एएनएम की बहाली फर्जी पायी गयी थी। थाना को केस करने का निर्देश दिया गया। मगर केस तो नहीं हो सका लेकिन बहाली को निरस्त किया गया।
विभागीय सूत्र के अनुसार सचिवालय से आई नियुक्ति पत्र व संपुष्टि पत्र में बहुत बड़ा खेल होता है। सम्पुष्टि मांगी जाती है तो रजिस्ट्री से फर्जी संपुष्टि भेज दिया जाता है। इसलिए अब सरकारी मेल पर संपुष्टि मांगी जा रही है। यह निर्देश भी राज्य सरकार का आ गया है।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि उनके रहते यह खेल नहीं चलेगा। फर्जी पकड़े भी जाएंगे और जेल भी जाएंगे । अभी कंचन कुमारी रक्सौल सरकारी अस्पताल में काम कर रही थीं। उसकी
बहाली फर्जी मिली है। इसके ऊपर थाना में केस करने का निर्देश दिया गया है और वेतन बंद करते हुए अन्य प्रक्रिया चल रही है।
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