पेंशनरों के लिए कार्यालयों मेंे अलग से काउंटर की जरूरत
पूर्वी चंपारण में पेंशनधारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें बैंकों में अलग काउंटर नहीं मिलते, अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों में सुविधाओं का अभाव है। इसके अलावा, आवारा पशुओं का आतंक और...

जिले ले में सक्रिय पेंशनर समाज, पूर्वी चंपारण से संबद्ध पेंशनधारियों की समस्या भी कम नहीं है। सरकार व समाज की सेवा में अपनी अधिकाधिक उम्र गुजार चुके पेंशनधारियों की समस्या को गंभीरता से कहीं नहीं सुना जाता। उम्र के इस पड़ाव में उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। बावजूद इसके उनकी सुननेवाला कोई नहीं है। घर से निकलते ही उनकी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। शहर में टहलने निकलते हैं तो फुटपाथ पर अतिक्रमण व जाम मिलता है। यहां से काम के लिए बैंक पहुंचे तो विशेष काउंटर नहीं होने से कतार में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इतना ही नहीं अस्पतालों, रेलवे स्टेशन व सरकारी दफ्तरों में पेंशनरों के लिए हेल्पडेस्क तक नहीं बना है। काम के लिए चक्कर काटना होता है।
पेंशन से टैक्स की कटौती सही नहीं : पेंशनर समाज के उपाध्यक्ष व्यास प्रसाद सिंह, सचिव देवेंद्र कुमार सिंह, जिला प्रतिनिधि उदय नारायण सिंह, उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ शर्मा, सुनील प्रसाद आदि ने कहा कि पेंशनर समाज, पूर्वी चंपारण से जिले के तकरीबन 2500 पेंशनर जुड़े हुए हैं। हम सभी कर्मचारी सेवा में थे तो वेतन पर टैक्स देते थे। हमारी सेवा समाप्ति के बदले पेंशन दिया जाता है, अब पेंशन से टैक्स की कटौती सही नहीं है।
बैंकों में पेंशनरों के लिए अलग काउंटर नहीं : सोमेश्वर गिरि, रविंद्र नाथ तिवारी, श्यामाकांत प्रसाद सिंह, रामाकांत सिंह, पुण्यदेव राउत, लालबाबू प्रसाद आदि ने कहा कि सरकारी बैंकों में पेंशनरों के लिए अलग काउंटर नहीं है। छोटे काम के लिए कतार में खड़ा होना पड़ता है। छोटे-बड़े काम के लिए भी उन्हें सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ता है। अधिकारी व कर्मचारी उनकी सुनते नहीं, उनकी उम्र को देखते हुए भी कोई सुविधा नहीं दी जाती है। रेलवे स्टेशन व अस्पतालों में भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल पाती। सेवानिवृत्त शिक्षक मो. सलामुल्लाह ने कहा कि इस उम्र में कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। मुझे स्नातकोत्तर के प्रमाणपत्र की जरूरत है। विश्वविद्यालय में पेंशनरों की सुनवाई नहीं होती है। इस काउंटर से उस काटंटर तक चक्कर काटना पड़ता है। सरकारी दफ्तरों में हेल्पडेस्क नहीं है। मजबूरन, बिचौलियों की मदद लेनी पड़ती है।
65 वर्ष पर पांच प्रतिशत पेंशन बढ़ाए सरकार :
पेंशनर उदय नारायण सिंह व सोमेश्वर गिरि ने कहा कि पेंशनर की उम्र 80 वर्ष होने पर पेंशन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का सरकारी प्रावधान है, जबकि पेंशनरों को यह लाभ एक साल की देरी से दिया जाता है। इससे पेंशनरों को नुकसान उठाना पड़ता है। इतना ही नहीं 80 साल की उम्र सीमा भी अधिक है। सरकार को 65 वर्ष पर पांच प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत तक की वृद्धि का लाभ देना चाहिए। इससे अधिकतर पेंशनरों को लाभ होगा। पेंशनर अपना 40 प्रतिशत पेंशन 15 वर्ष के लिए बेचते हैं। कई राज्य सरकारों ने अवधि घटा दी है, जबकि बिहार में इस तरह का प्रावधान नहीं है। इससे बिहार राज्य के पेंशनरों को नुकसान उठाना पड़ता है।
शहर में आवारा पशुओं का आतंक, सताता है डर:
देवेंद्र कुमार सिंह, उदय नारायण सिंह, रमेश कुमार श्रीवास्तव आदि ने कहा कि शहर में चौक-चौराहों व गली-मुहल्लों में आवारा पशुओं का आतंक है। घर से बाहर निकलने पर हमेशा अनहोनी का डर सताते रहता है। आवारा पशुओं में सूअर, गाय, सांढ़ व कुत्ते अक्सर दौड़ा देते हैं। इससे कई पेंशनर घायल भी हो चुके हैं। शहर के अधिकतर मुहल्लों में गंदगी का अंबार है। नाला का कूड़ा सड़क का किनारे छोड़ दिया जाता है। इसमें भोजन ढुढ़ते हुए आवारा पशु मुहल्लों में पहुंच जाते हैं। इससे घर से निकलने में डर लगता है।
पेंशनर समाज के कार्यालय के समीप का पार्क हो विकसित:
अस्पताल रोड में मुफस्सिल थाना के समीप पेंशनर समाज के कार्यालय के समीप अवस्थित पार्क को विकसित कर सुबह-शाम टहलने के लिए बनाया जा सकता है। व्यास प्रसाद सिंह ने कहा कि शहर कीअधिकतर सड़कों के किनारे फुटपाथ पर अतिक्रमण है। शहर में टहलने के लिए बेहतर पार्क तक नहीं है। सड़क किनारे फुटपाथ पर टहलना उनकी मजबूरी है। सड़क किनारे ठेला-खोमचा, ई-रिक्शा, वाहन, एंबुलेंस का अवैध कब्जा रहता है। जिला प्रशासन को पेंशनरों के टहलने के लिए पार्क बनाना चाहिए, जहां शहर के पेंशनर महिला-पुरुष निश्चिंत होकर सुबह में टहल सकें।
पेंशनर भवन की लाइब्रेरी को समृद्ध बनाने की जरूरत
पेंशनरों ने बताया कि पंडित राजकुमार शुक्ल भवन में संचालित पेंशनर भवन में लाइब्रेरी भी है। लाइब्रेरी को और समृद्ध बनाने की जरूरत है। जिला प्रशासन की ओर से यहां कंप्यूटर कक्ष की व्यवस्था कर ऑपरेटर बहाल किया जाए। इससे पेंशनरों को ऑनलाइन काम के लिए अन्यत्र भागदौड़ नहीं करना पड़ेगा। पेंशनरों को बहुत सुविधा होगी। पेंशनर भवन में सुरक्षा गार्ड की भी प्रतिनियुक्ति की जाए।
ऑटो का रूट व किराया निर्धारित हो :शहर में जाम व अतिक्रमण बड़ी समस्या है। घर से बाहर निकलते ही मन बेचैन होने लगता है। ई-रिक्शा के परिचालन पर प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए। चालक सड़क पर जहां मन किया, वहीं ऑटो खड़ा कर देते हैं। प्रशासन इनके लिए रूट का निर्धारण करें, निर्धारित रूट से बाहर वे नहीं जा सकें। साथ ही किराया निर्धारित किया जाए।
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