फसलों की उपज दर का आकलन जरूरी
बाबूबरही में 2024-25 के रबी मौसम के फसल कटनी प्रयोग के सफल संपादन के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें तीन प्रखंडों के कृषि समन्वयकों ने भाग लिया। मास्टर ट्रेनरों ने कृषि...
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बाबूबरही, निज संवाददाता। बाबूबरही टीपीसी भवन सभागार में मंगलवार को वर्ष 2024-25 के तहत रबी मौसम के फसल कटनी प्रयोग के सफल संपादन को लेकर अंचल प्रखंड स्तरीय एक दिवसीय आवृत्तिचर्या सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिले की तीन प्रखंड क्रमश: बाबूबरही, खुटौना व अंधराठाढ़ी के कृषि समन्वयक तथा सलाहकार प्रशिक्षण ले रहे। शुरूआत राजस्व अधिकारी विजय कुमार, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, बाबूबरही संतोष कुमार एवं सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, खुटौना मृणाल कांत चंदा के द्वारा किया गया। मौके पर मास्टर ट्रेनरों के द्वारा स्पष्ट रूप से अवगत कराया कि कृषि सांख्यिकी के अंतर्गत राज्य की जनसंख्या निरंतर बढ़ रही। उन जनसंख्या को भोजन मुहैया कराने को कृषि उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। इसलिए हर वर्ष फसलों का उपज दर का आकलन होना जरूरी है। सीसीई और जीसीसीई एप के संचालन को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही पंचायत स्तरीय फसल कटनी प्रयोग को संपादित करने के बारे में प्लॉट का चयन तथा चयनित प्लॉट पर फसलों के कटनी को लेकर सिस्टम के पालन के लिए आवश्यक तौर तरीकों से अवगत कराया गया। कटनी प्रयोग में हो रही गलतियों से बचना होगा और डेटा की शुद्धता को बनाए रखना होगा। तभी प्रशिक्षण का उद्देश्य सफल होगा। मौके पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी, फुलपरास अनिल कुमार सिंहा सहित बाबूबरही, खुटौना व अंधराठाढ़ी के कृषि समन्वयक तथा सलाहकार थे।
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