सड़क पर पुलिया नहीं बनने से नहर की शाखा अधूरी
बाबूबरही में, सुरहा गांव के पास नहर पुलिया नहीं बनने से 25,000 से अधिक किसानों को सिंचाई में कठिनाई हो रही है। बारिश के मौसम में फसलों को नुकसान का डर बढ़ रहा है। किसान संघ ने सरकार से अधूरी नहर के...
बाबूबरही,निज संवाददाता। अंधराठाढ़ी कोसी नहर प्रमंडल अंतर्गत डेबहार वितरणी से जुड़ी शाखा नहर सुरहा गांव के पास मौआही रामपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर पुलिया नहीं बनने से अधूरी है। इस वजह से प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धमौरा, मुरहदी और बाबूबरही पंचायत अधीन 25 हजार से अधिक आम किसानों तथा बंटाईदारों को सिंचाई सुविधा और बेवजह पानी से फसलों के नुकसान को लेकर चिंता सता रही है। ज्यों ज्यों बरसात का समय आ रहा त्यों त्यों खेती के सहारे जीविकोपार्जन करने वाले लोगों की धड़कनें तेज हो रही है। संबंधित शाखा नहर का उद्धार जल संसाधन विभाग की ओर से चार सालों से कराया जा रहा है। उद्धार पूर्ण होने से किसानों को सिंचाई की सुविधा का लाभ होता। मगर नहर का पानी किसानों के लिए लाभदाई होने के बजाय नुकसान पहुंचा रहे। खासतौर पर बरसात से निकास हुए पानी नहर शाखा के जरिए आने पर खरीफ और रबी सीजन के फसलों का नुकसान हो जाता है। किसान संघ संगठन से जुड़े उमेश घोष, लालू प्रसाद, वीरबहादुर राय आदि ने केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित विभाग से अधूरी नहर को पूरी करने के लिए मांग करते हुए गुहार लगाई है। अधूरी कार्य पूरी होने से किसानों को सिंचाई का लाभ होगा।
बिजली आधारित सिंचाई योजना में आई तेजी: नदी नहर वाले क्षेत्र में बिजली पोल और वायरिंग का काम उर्जा विभाग स्तर पर युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा। मुरहदी, सतघारा, महेशवाड़ा, तिरहुता सहित अन्य विभिन्न पंचायतों के नदी नहर वाले स्थानों के लोग लंबे समय से खेती के लिए विद्युतिकरण की बाट जोह रहे। वहीं प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत किसानों की खेती व्यवस्था फिलहाल प्रकृति साधन संसाधन के बल बूते निर्भर है।
लाइनिंग कार्य शुरू होने का किसान कर रहे इंतजार: नहर सिंचाई को लेकर जलसंसाधन विभाग की ओर से नहर में लाइनिंग कार्य शुरू करने की घोषणा की है। उसके बाद से किसानों को इंतजार है। किसानों के हित में इस काम को लेकर अभियंताओं की माने तो लाइनिंग कार्य से हर सीजन में ही नहीं, जरूरत के हिसाब से पूरी हो पाएगी। इसलिए कि मुख्य नहर से जुड़े तमाम शाखा नहर में अंतिम छोड़ तक नहर का पानी निर्बाध पहुंच सकेगा।
मुख्य नहर में गाद की हो उड़ाही और मेंटेनेंस: पश्चिमी कोसी नहर की मुख्य नहर सीधे बराज से जुड़ी है। विडंबना यह भी है कि मुख्य नहर में गाद की सफाई होने और मेंटेनेंस होने के बाद भी जगह जगह पूर्ववत हाल में है। इसे दुबारा मेंटेनेंस की दरकार है। बड़ी आबादी वाले इलाकों के लोग पानी को लेकर सहमे हुए रहते हैं। बांध टूटने से तबाही का डर होता है।
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