ऑनलाइन इलाज मरीज के लिए राहत की जगह बना है आफत
ऑनलाइन इलाज मरीज के लिए राहत की जगह बना है आफत

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राज्य स्वास्थ्य समिति ने बेहतर एवं सहजता से इलाज उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सरकारी अस्पताल ऑनलाइन पद्धति अपनाया। ऑनलाइन पद्धति इलाज में मरीज को राहत देने के बजाय आफत बन गया है। ऑनलाइन पद्धति से इलाज की पहली कड़ी मरीज रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल होना अनिवार्य है। बिना मोबाइल का मरीज का रजिस्ट्रेशन नहीं मुमकिन है। जिसके कारण अभी भी मोबाइल से वंचित 20 प्रतिशत मरीज को रजिस्ट्रेशन कराने में ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने प्रतिदिन इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में 10 प्रतिशत को मोबाइल से राहत यानि सदर अस्पताल में मौजूद अन्य स्वास्थ्य कर्मी के मोबाइल से रजिस्ट्रेशन का सुविधा दिया है।
इसके बावजूद प्रतिदिन मोबाइल के अभाव में 10 प्रतिशत मरीज वापस लौट रहे हैं व मोबाइल की उपलब्धता के साथ इलाज के लिए दूसरे दिन अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज को दूसरे कॉल पर अस्पताल आने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन करना पड़ रहा है। जबकि मैन्युअल तरीके से मरीज को एक पर्ची पर एक महीने तक बिना रजिस्ट्रेशन के इलाज किया सुविधा उपलब्ध कराया जाता था। विभाग ने ऑनलाइन इलाज पद्धति में मरीज को एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद अगले 10 साल तक बिना रजिस्ट्रेशन के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने दावा किया था। जबकि मरीज को अब एक से दूसरे दिन भी दवा व इलाज के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन करना पड़ रहा है। ऑनलाइन पद्धति में मोबाइल की अनिवार्यता के कारण मरीज इन दिनों लगातार साइबर ठगी की घटना को देखते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए स्वास्थ्य कर्मी को अपना मोबाइल नंबर देने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए आए ओटीपी बताना नहीं चाहते हैं। ऑनलाइन पद्धति में विशेष रूप से कम पढ़े लिखे व मोबाइल से वंचित मरीज को काफी परेशानी होती है। जिन्हें सदर अस्पताल प्रबंधन सुरक्षा कर्मी के सहयोग से उनके मोबाइल से ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराकर राहत देने का प्रयास कर रहा है। जो प्रतिदिन सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज की संख्या के लिहाज से नाकाफी है। सुरक्षाकर्मी को एक मोबाइल से एक दिन में महज 10 मरीज का रजिस्ट्रेशन करने का ही छूट है। 3 जून को सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा का निरीक्षण करने के लिए आई केंद्र की टीम ने जब मरीज को इलाज उपलब्ध कराने में होने वाली परेशानी के बारे में प्रबंधन व चिकित्सक से पूछताछ किया तो प्रबंधन सहित चिकित्सक ने भी माना की ऑनलाइन पद्धति से मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में काफी परेशानी हो रही है। ऑनलाइन समीक्षा में राज्य स्वास्थ्य समिति से मरीज की संख्या में मोबाइल के अनुपात कम होने पर सवाल पूछा जाता है। चिकित्सक ने बताया कि चाह कर भी ऑनलाइन पद्धति के कारण मरीज को इलाज में विशेष सहयोग नहीं कर पाते हैं। ऑनलाइन बहुत सारी दवा है जो उनके कंप्यूटर सिस्टम में शो नहीं करता है जिसे चाह कर भी मरीज को परामर्श नहीं कर पाते हैं। ऑनलाइन पद्धति के कारण राहत के बजाय आफत की बात को स्वीकार करते हुए टीम ने समाधान के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति से समाधान निकालने का आश्वासन सदर अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सक को दिया। इधर डीएस डा. राकेश कुमार ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के समीक्षा बैठक में उनके अलावे राज्य के कई अस्पताल से इस समस्या के बारे में वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया जा रहा है। उनके स्तर से ही समाधान संभव है।
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