Hindi NewsBihar NewsLakhisarai NewsDevotees Face Hardship Due to Lack of Facilities at Baba Gaurishankar Temple

प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर गौरीशंकर धाम में सुविधाओं की कमी

प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर गौरीशंकर धाम में सुविधाओं की कमी

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायMon, 24 Feb 2025 01:12 AM
share Share
Follow Us on
प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर गौरीशंकर धाम में सुविधाओं की कमी

राजेन्द्र राज, लखीसराय। प्रखंड मुख्यालय और नगर परिषद क्षेत्र के निकट के प्रसिद्ध पौराणिक मंदिर बाबा गौरीशंकर मंदिर धाम में सुविधाओं की कमी से श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। उपेक्षा का यह हाल है कि पेयजल के लिए सुविधा तक नहीं है। एक मोटा चापाकल खराब पड़ा है। बोरिंग कराने का कार्य नहीं किया गया है। एक पुराना कुआं है ओर लोग इसका उपयोग करते हैं। यहां के कई लोगों, समाज सेवियों और बुद्धिजीवियों ने चुनावी सभाओं, सीएम, मंत्री आदि के कार्यक्रमों में इसके सौंदर्यीकरण करने की मांग कई बार की है। पहले तो एनएच 80 से जाने के लिए संपर्क स्थिति खराब थी, लेकिन पूर्व जिपस बनवारी राय की पहल पर पीसीसी संपर्क सड़क का निर्माण कराया गया। अब तो इस संपर्क सड़क पर असंख्य अवरोधक बना दिए गए हैं। इससे गाड़ियों को आने जाने में कठिनाई होती है। इसके साथ ही वार्ड और गांव में जल की निकासी की व्यवस्था नहीं है और नाला का निर्माण अब तक नहीं किया गया है। बरसात के दिनों में बहुत कठिनाई होती है। यह भी कम आश्चर्य की बात नहीं है कि मंदिर को न्यास परिषद पटना से निबंधन नहीं कराया गया है। समिति के द्वारा संचालन करने की बात की गई। नगर परिषद के चार वर्षों के गठन के बाद भी सौंदर्यीकरण नहीं किया गया है। नगर परिषद सभापति रूपम देवी और प्रतिनिधि सजन कुमार के अनुसार प्रस्ताव में लिया जा चुका है। मास्क लाईट की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर को सफाई नियमित कराने का निर्देश है। मंदिर परिसर में विवाह और यज्ञ, हवन कुंड भवन की आवश्यकता बताई गई। श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए कोई धर्मशाला नहीं है। कई बार इस नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण की मांग की गई है। इसके अभाव में ठहराव में परेशानी होती है। खास कर महाशिवरात्रि को मंदिर परिसर में भगवान शिव पार्वती के भव्य विवाहोत्सव का आयोजन होता है। इलाके की भीड़ उमड़ पड़ती है। नियमित पूजा के अलावा हर माह की पूर्णमासी पर जलाभिषेक करने वाले लोगों की भीड़ रहती है। पावन सावन माह में बहुत भीड़ लगती है। जलाभिषेक के अलावा जाप, रूद्राभिषेक, मुंडन, वैवाहिक आदि कार्यक्रम किया जाता है। गौरीशंकर मंदिर धाम एक प्राचीन मंदिर है। यहां बाबा भोले और माता पार्वती की अर्द्ध नारीश्वर शिव लिंग व प्रतिमा है। शिव कुमार, पवन कुमार मिश्रा, उपेंद्र गिरि आदि ने बताया कि इस प्रकार के शिव लिंग व प्रतिमा दुर्लभ है। सौ सवा सौ साल पहले यहां गंगा नदी उत्तरवाहिनी होकर बहती थी। इस कारण से श्रद्धालु यहां विशेष रूप से पूजा करने आते थे। कहते हैं कि गिद्धौर के महाराजा का गंगा जल यहां से ही जाता था। धाम का आकर्षण शक्ति पीठ का होना ओर प्रसिद्ध श्मशान घाट का होना भी है। पहले जमुई, शेखपुरा, बरबीघा, नवादा आदि स्थानों के लोग पूजा ही नहीं करने आते थे, बल्कि शवों के दाह संस्कार के लिए आते थे। श्मशान घाट में दुर्गा पूजा से ले कर काली पूजा तक रात में तांत्रिकों का जमावड़ा अब भी होता है। ऐसा कहा जाता है कि मंत्रों की सिद्धि यहां आ कर ही तांत्रिक करते हैं।

पूर्व पुरातात्विक विभाग के कर्मी नीरज मिश्रा ने बताया था कि मंदिर परिसर में पाल राजाओं के काल की विष्णु, शिव, दुर्गा आदि की प्रतिमाओं के अवशेष देखे गए थे। कुछ प्रतिमाओं को लखीसराय के संग्रहालय में भी भेजी गई थी। एक नुकीला बिन्दुनुमा शिव लिंग अब भी पेड़ के नीचे है। धीरे धीरे प्रतिमाओं और अन्य पुरातात्विक अवशेष गायब होते गए और अब नाम मात्र के रह गए हैं। कभी यहां गिद्धौर के राजा के लिए यहां के गंगा का जल जाता था। राजा की बड़ी आस्था थी। माघी पूर्णमासी का मेला यहां लगता था। उस समय गंगा नदी उत्तर वाहिनी होकर बहती थी। गंगा नदी के सौ वर्ष पहले यहां से दूर जाने के कारण मेले की परंपरा बनी हुई है। इस स्थान का सौंदर्यीकरण आवश्यक है। कई प्रतिमाओं के अवशेष गायब हो गए हैं। केवल इलाके ही नहीं, बल्कि बाहर के श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर धाम के प्रति है। पूरे सावन माह में पूजा करने वाले,जाप, रूद्राभिषेक आदि करने वालों की भीड़ रहती है। छठ महाव्रत और महाशिवरात्रि तथा पूर्णमासी को यहां पूजा, जलाभिषेक, विवाह, मुंडन संस्कार आदि करने वालों का तांता लगा रहता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें