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कनकई नदी का कटाव पत्थरघट्टी पंचायत की सबसे बड़ी समस्या

बोले किशनगंज कनकई नदी का कटाव पत्थरघट्टी की सबसे बड़ी समस्याकनकई नदी का कटाव पत्थरघट्टी की सबसे बड़ी समस्याकनकई नदी का कटाव पत्थरघट्टी की सबसे बड़ी समस्या

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजMon, 24 Feb 2025 03:00 AM
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कनकई नदी का कटाव पत्थरघट्टी पंचायत की सबसे बड़ी समस्या

दिघलबैंक,एक संवाददाता कनकई नदी का कटाव दिघलबैंक प्रखंड के पत्थरघट्टी पंचायत की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। पिछले करीब दो दशकों से कनकई नदी के कटाव के कारण पंचायत के काशीबाड़ी, मालप्रति, कचना बस्ती, ग्वालटोली, गुवाबारी आदि गांवों के सैकड़ों परिवार और हजारों की आबादी विस्थापित हो चुकी है। हर वर्ष दर्जनों परिवारों का विस्थापन का दर्द झेलना पड़ता है। कनकई नदी के कटाव के कारण हीं करीब एक दशक पूर्व पत्थरघट्टी पंचायत के कचना बस्ती ,मालप्रति व काशीबाड़ी जैसे बड़े गांव कटाव के कारण अपने पूराने जगह से पूर्णत: विस्थापित हो चुके हैं। जबकि पिछले कुछ वर्षों में कनकई नदी के कटाव ने ग्वाल टोली जैसे बड़े गांव कि भी आधी से अधिक आबादी को विस्थापन का दर्द दे दिया है। पिछले दो दशकों में कनकई नदी के कटाव के कारण जहां पत्थरघट्टी पंचायत के सैकड़ों किसानों कि खेती के जमीन नदी में विलीन हो चुकी है। वहीं तेज कटाव के कारण लोगों के घर, विद्यालय भवन, कब्रिस्तान , सड़क तथा पुल पुलिया या तो क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या फिर नदी में समा रहे हैं। सैकड़ों लोगों के आवासीय घर नदी में विलीन हो चुकी है। पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली में स्थित प्राथमिक विद्यालय पांच वर्ष पूर्व हीं नदी में विलीन हो गया। नदी कि बदलती धाराओं के कारण कटाव का क्षेत्र कभी भी स्थायी नहीं रहता। ऐसे में पुल पुलिया और सड़क भी नदी के धार में कटते और धाराशायी होते रहते हैं। कनकई नदी के बदलते धार के कारण ही करीब पांच वर्ष पूर्व गुवाबारी पुल उद्घाटन से पहले ही बह गया था। जिसके बाद फिर से आननफानन में पुल का निर्माण किया गया,लेकिन पिछले वर्ष नये पुल का एप्रोच भी कनकई नदी के कटाव के चपेट में आ गया है। जिसे उस वक्त प्रशासन द्वारा दिन रात एक करके बचाने का प्रयास कर बचा लिया गया, लेकिन भारी वाहन का परिचालन आज भी पुल होकर संभव नहीं है। यही नहीं वर्तमान समय में अगर समय रहते पुल के एप्रोच को बचाने के लिए कारगर कदम नहीं उठाये जाते हैं तो आने वाले बारिश के मौसम में हालात बदतर हो सकते हैं। पुल का एप्रोच कट सकता है। ऐसे में बगल की बस्ती गुवाबारी और बच्चा गुवाबारी पर भी कटाव व विस्थापना खतरा मंडरा रहा है। लोग अभी से परेशान हैं और प्रशासन से नदी के दोनो ओर बोल्डर पीचिंग की मांग कर रहे हैं। यही नहीं पत्थरघट्टी पंचायत में हीं गुवाबारी से कुछ हीं दूरी पर मटियारी कुढ़ैली सड़क पर दोदरा के पास बना पुल का एप्रोच भी तीन वर्ष पूर्व हीं कनकई नदी में बह चुका है और लोगों के लिए बांस से बना चचरी पुल हीं कनकई नदी कि धार को पार करने का एक मात्र उपाय है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर हर वर्ष कुछ न कुछ नदी कटाव निरोधक कार्य कराए जाते हैं, लेकिन यह कार्य इन क्षेत्रों में नदियों के कटाव को रोकने में नाकाफी साबित हो रहा है।

बोले जिम्मेदार

दिघलबैंक प्रखंड के पत्थरघट्टी पंचायत में कनकई नदी द्वारा किये जा रहे कटाव के स्थाई समाधान को लेकर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। फिलहाल गुवाबारी के पास मजबूत तरीके से कटावरोधी कार्य को लेकर अगले सप्ताह हीं टेंडर है और बहुत जल्द कटावरोधी कार्य भी प्रारंभ कर दिया जायेगा। जिससे लोगों को आने वाले मानसून में राहत मिलेगी।

अंजार नईमी,राजद विधायक बहादुरगंज विधानसभा ।

बोले जिम्मेदार

दिघलबैंक प्रखंड के पत्थरघट्टी पंचायत में कनकई नदी का कटाव काफी होता है। हर वर्ष बड़े पैमाने पर नदी में कृषि योग्य भूमि विलीन हो रही है। लोग काफी परेशान है।सरकार को कनकई नदी के कटाव का स्थायी समाधान होना चाहिए ।

मुफ्ती अतहर जावेद

जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि क्षेत्र संख्या 04,दिघलबैंक, किशनगंज

स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधियों की राय

पत्थरघट्टी पंचायत कि लगभग तीन चौथाई से अधिक आबादी कनकई नदी के कटाव से त्रस्त है। ग्वालटोली, गुवाबारी, बालुबारी, दोदरा, कमरखोद,आदिवासी टोला,काशीबाड़ी आदि गांव कनकई नदी के कटाव से काफी प्रभावित है। लोगों के घर और खेत नदी में विलीन हो रहे है,लेकिन कटाव को रोकने की कोई स्थायी पहल नहीं की जा रही है। पूरे पंचायत में कटाव निरोधक कार्य की सख्त जरूरत है। नदी हर तीन चार साल में दिशा बदलती है। ऐसे में दोनो छोड़ पर बोल्डर पीचिंग की आवश्यकता है।

अब्दुल रज्जाक ,मुखिया प्रतिनिधि पत्थरघट्टी ।

पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली, गुवाबारी, बच्चा गुवाबारी, दोदरा ,कमरखोद आदि गांव कनकई नदी के कटाव की चपेट में रहता है। हर वर्ष बड़े पैमाने पर नदी कटाव होता है। लोगो के खेती योग्य सैकड़ो एकड़ भूमि नदी के गर्भ में समा चुकी है। कटाव से पत्थरघट्टी पंचायत के लोग काफी प्रभावित है ।

अरूण कुमार ,सामाजिक कार्यकर्ता कुढ़ैली हाट पत्थरघट्टी ।

पत्थरघट्टी पंचायत कनकई नदी के कटाव से सबसे अधिक प्रभावित है। हर वर्ष यहां बड़े पैमाने पर नदी कटाव होता है। प्रशासन के द्वारा नदी कटाव को रोकने के लिए मुक्कमल व्यवस्था नहीं की जा रही। कनकई नदी के किनारे बांध सह तटबंध के निर्माण होने से ही कटाव का समस्या का हल निकलेगा ।नदी कटाव से लोगो का विकास प्रभावित हो रहा है ।

जमील अख्तर, युवा समाजसेवी सह शिक्षक।

पत्थरघट्टी पंचायत के अधिकतर गांव हर वर्ष कनकई नदी के बाढ़ व कटाव के चपेट में रहता है। नदी के कटाव से लोग परेशान है, बड़े पैमाने पर घर, सड़क ,पुल -पुलिया सहित फसलों की क्षति होती है, लेकिन प्रशासन इस दिशा कोई ठोस पहल नहीं कर रही।

दिपक कुमार पंडित, सामाजिक कार्यकर्ता सह युवा व्यवसायी ,कुढ़ैली हाट पत्थरघट्टी।

पत्थरघट्टी पंचायत का ग्वाल टोला और गुवाबारी गांव कनकई नदी के कटाव से काफी प्रभावित है।गांव वर्तमान समय में भी कटाव के जद में है। गांव को बांकी जगहों से जोड़ने के लिए बने सड़क पर गुवाबारी के पास बना पुल का एप्रोच क्षतिग्रस्त हो चुका है। प्रशासन द्वारा गांव तथा पुल के एप्रोच को बचाने के लिए प्रयास तो किये गये हैं लेकिन हर प्रयास कटाव को रोकने में नाकाफी साबित हुआ है। आने वाला समय और अधिक मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता है ।

कैलाश पंडित ।पूर्व मुखिया प्रतिनिधि पथरघट्टी ।

पत्थरघट्टी पंचायत के गुवाबारी ,ग्वालटोली, दोदरा ,आदिवासी टोला आदि गांव कनकई नदी के कटाव से प्रभावित है हर वर्ष यहां बाढ़ आता है और कटाव भी होता है। लोगों के खेत और घर कट कर नदी में विलीन हो जाते हैं। नदी कटाव से लोगो को काफी क्षति हो रही है। नदी कटाव का स्थायी हल निकाला जाना चाहिए ।

युनूस आलम,किसान गुवाबारी पत्थरघट्टी।

पत्थरघट्टी पंचायत के लोग कनकई नदी के कटाव से त्रस्त है। सड़क,स्कूल,पुल -पुलिया, खेत व लोगो के घर नदी में विलीन हो रहे हैं। लोगो की खेती की जमीन खत्म हो रही है। लोग कटाव से काफी परेशानी में है। इस क्षेत्र के लोग पलायन को विवश हैं,लेकिन नदी के कटाव को रोकने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।

मो़ दिलनवाज आलम, सामाजिक कार्यकर्ता पत्थरघट्टी

पत्थरघट्टी पंचायत का अधिकतर गांव कनकई नदी के कटाव से काफी प्रभावित है। ग्वाल टोली और गुवाबारी पूरी तरह से कनकई नदी के कटाव की जद में है । यहां हर वर्ष काफी नदी कटाव होता है, लोगो के घर,खेत नदी में समा रहे हैं। इन गावों में कटाव निरोधक कार्य की सख्त जरूरत है। लोग कटाव से परेशान हैं।

मो़ नवाब आलम,सामाजिक कार्यकर्ता, पत्थरघट्टी दिघलबैंक

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