गोगरी: शिविर में 153 गर्भवती महिलाओं की हुई जांच
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परबत्ता : प्रखंड मुख्यालय में कर्मियों का आवास जर्ज़र 1. बोले खगड़िया :
अपने घरों सें प्रतिदिन ड्यूटी करने के लिए हैं विवश
प्रखंड की स्थापना के पश्चात् विभाग द्वारा प्रखंड सह अंचल कर्मियों के लिए बनाए गए थे आवास
वर्तमान में सभी आवास पड़े हैं बदहाल
परबत्ता, एक प्रतिनिधि
परबत्ता प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मियों का आवास वर्षों से जर्जर है, लेकिन विभाग द्वारा इसकी मरम्मत को लेकर किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं कर रहा है। जिसके कारण कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि प्रतिदिन कर्मी अपने घरों से अथवा किराए के मकान में रहकर ड्यूटी करते हैं। आज स्थिति यह है की घर सें ड्यूटी करने वाले कर्मी गाड़ी के वजह सें कभी कभार विलम्ब से भी कार्यालय पहंुचते हैं। ऐसी स्थिति में जरुरतमंदो का जरुरी कार्य प्रभावित होता है। प्राप्त जानकारी अनुसार के वर्ष 1947-48 में परबत्ता प्रखंड की स्थापना हुई। प्रखंड की स्थापना बाद करीव 1954-55 में प्रखंड सह अंचल कार्यालय, अधिकारी व कार्मियों के रहने के लिए आवास बनकर तैयार हो गया। प्रखंड को अपना सुरक्षित भवन के मिलते ही प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में स्थानीय लोग का कार्य निबटाने लगा। सभी अधिकारी व कर्मी ऊर्जा के साथ अपना ड्यूटी करने लगे। आज प्रखंड सह अंचल मुख्यालय में कर्मी तो दूर अधिकारी के आवास भी जर्जर अवस्था में है। हालांकि अधिकारियों द्वारा अपने आवास का मरम्मत कराया जा रहा हैलेकिन कर्मियों के आवास की मरम्मती नहीं होने से समस्या विकराल होते जा रही है।
क्या है मामला: आज स्थिति यह है कि विभाग के पूर्व के अधिकारियों की उदासीनता व देख रेख के अभाव में गत एक दशक सें कर्मियों का सभी आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। आज आवास कि स्थिति यह है कि 95 प्रतिशत आवास टूटकर धराशाई हो चुका है । आवास की जर्जरता के कारण प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कुर्मी कुछेक को छोड़ अपने घरों सें ड्यूटी करने के लिए आवाजाही करते हैं। ऐसे में कर्मियों के देर से आने से कई बार लोगों का कार्य बाधित भी होता है, लेकिन कार्यालय में कार्यरत अधिकारी व्यवस्था को दुरुस्त करने में अभिरूचि नहीं दिखा रहे हैं। आज स्थिति यह है कि प्रखंड मुख्यालय में कर्मी का स्थाई रूप से नहीं रहने के कारण आम लोगों का कार्य बाधित होता है । वही प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मी को जल्दबाजी में कार्यालय का काम निपटाकर लौटने की टेंशन प्रतिदिन बना रहता है।
बोले अधिकारी :-
भवन की जर्ज़रता कि समस्याओं को दूर करने के लिए उच्चाधिकारी का ध्यान दिलाया जाएगा। जिससे जल्द समस्या का समाधान होसके।
संतोष कुमार पंडित, बीडीओ, परबत्ता।
फोटो :
कैप्शन: प्रखंड मुख्यालय सिथत बदहाल कर्मी का
बोले लोग :--
1. वर्ष 1948 में प्रखंड कि स्थापना हुई तथा वर्ष 1954 -55 में कार्यालय व कर्मियों का आवास आदि बनकर तैयार होकर कार्यालय संचालित होने लगा था।
विपीनचंद्र मिश्र, सीपीआई नेता।
2. प्रखंड सह अंचल कार्यालय के कर्मियों का भवन गत एक दशक सें जर्ज़र पड़ा हुआ है, लेकिन विभाग के अधिकारी इसके प्रति उदासीन बने हुए हैं।
डॉ संजय कुमार, सथानीय।
3. अंचल सह प्रखंड कर्मी का आवास के जर्ज़र रहने के कारण अधिकांश कर्मी अपने घर सें ड्यूटी करने आया जाया करते हैं। कई बार समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने से आमलोगों का काम काज प्रभावित होता है।
नवीन चौधरी, सीपीआएम नेता।
4. प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मी के भवन जर्ज़र रहने के कारण शरारती तत्वों द्वारा चोरी कि घटना को भी अंजाम दिया जाता है, लेकिन अभी तक भवन कि मरम्मत नहीं की जा सक ी है।
संजीव पोद्दार, सामजिक कार्यकत्र्ता।
5. प्रखंड सह अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मी का आवास अगर दुरुस्त किया जाता तो आने वाले समय में कार्यरत कर्मी मुख्यालय में रहकर समय पर अपनी ड्यूटी पर आते तथा आमलोगों का अधिक सें अधिक कार्य का निष्पदन किया जा सकता था।
मो. सुलेमान, युवा कार्यकत्र्ता।
6. कर्मी के आवास को दुरुस्त कराने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओ को अपने स्तर सें उच्चाधिकारी का ध्यान दिलाकर इसे दुरुस्त कराए जाने की जरूरत है। जिससे आने वाले दिनों में सभी कर्मी का ठहराव मुख्यालय में हो।
नवालकिशोर सिंह, स्थानीय।
2. बोले खगड़िया:
गोगरी: जमालपुर बाजार में हमेशा रहता जाम, प्रशासन उदासीन
जमालपुर बाजार में जाम की समस्या से निजात नही, रोष सड़क अतिक्रमण से जाम की समस्या से जूझ रहे लोग
जाम की समस्या से निदान में अधिकारी उदासीन
सड़क पर बेरोकटोक लगाए जा रहे सब्जी व फलों की दुकानें
दूसरी जगह शिफ़्ट को लेकर भी नहीं हो रही पहल
गोगरी, एक संवाददाता
जमालपुर गोगरी बाजार में जाम की समस्या हमेशा बनी रहता है लेकिन अनुमंडल प्रशासन उदासीन बने हुए है। जमालपुर बाजार सर अतिक्रमण कब हटेगा, यह एक सवाल होता जा रहा है। बाजार की सड़क का अतिक्रमण किए जाने से जाम की समस्या विकराल होते जा रही है। जाम के कारण बाजार में आम लोगो को काफी परेशानी हो रही है। लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण अतिक्रमण नही हटाया जा रहा है। सड़क अतिक्रमण के कारण बाजार की जाम में फंसने से लोगो को घंटो समय गवाना पड़ता है। उसरी के रहने वाले विकास यादव ने बताया कि गोगरी अनुमंडल का हार्ट जमालपुर बाजार है लेकिन हमेशा जाम की समस्या रहने से खासकर महिलाएं जमालपुर बाजार जाने से परहेज करते है। जाम के कारण महिलाएं को घंटों समय गंवाना पड़ता है। अतिक्रमण हटाने के प्रति स्थानीय पुलिस प्रशासन सुस्त बने हुए हैं। वही चांदपुर के राकेश कुमार ने बताया कि अनुमंडल प्रशासन को सक्रिय होकर सड़क से अतिक्रमण हटाना चाहिए ताकि अतिक्रमण हटाने के बाद ही जाम की समस्या दूर हो सकता है। खटहा गांव के रोहित राज ने बताया कि अनुमंडल प्रशासन चाहे तो एक दिन में अतिक्रमण हटाकर बाजार को जाम की समस्या से मुक्त कर सकते है लेकिन इच्छा शक्ति का आभाव दिख रहा है। बाजार में कई वर्षों से जाम की समस्य यथावत बना हुआ है लेकिन कार्रवाई कुछ नही हो रही है।
टावर चौक जमालपुर से शुरू होता है जाम की समस्या : अनुमंडल का मुख्य बाजार जमालपुर की सड़कों का अतिक्रमण होने से जाम की समस्या विकराल होता जा रहा है,लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन इस बाजार को जाम से मुक्त कराने की कोई ठोस पहल नही कर रहे है। जिसके कारण दिन प्रतिदिन बाजार में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। जमालपुर बाजार स्थित टावर चौक से लेकर यूनियन बैंक तक जाम की समस्या विकराल बना हुआ है। बताया गया कि टावर चौक से लेकर बघबा चौक होते हुए भिखारी गली तक इस कदर जाम की समस्य रहता है कि पैदल भी निकलने में आधे घंटे समय व्यतीत हो जाते है। उंसके बाद बघबा चौक से पूरब इमली तल तक ई-रिक्शा, ऑटो एवं से जाम की समस्या बनी रहती है। बाजार में खरीददारी करने वाले लोग बताते है कि जाम के कारण आधे घंटे का करने में दो घंटे व्यतीत हो जाता है। मुख्य सड़क पर स्थानीय फुटकर बिक्रेता ठेला खड़ी कर फल, सब्जी आदि बेचते है। किसी के विरोध करने पर मारपीट करने उतारू हो जाता है। बताया कि सड़क जाम का मुख्य कारण है कि स्थानीय लोगों ने अपने आगे की जमीन का अतिक्रमण कर सड़क को संकरी बना दी है। दूसरा है कि सैकड़ो की संख्या में ई-रिक्शा एवं ऑटो चल रहे है जिसका प्रवेश एवं निकास का कोई निर्धारित मार्ग चिन्हित नही है। जिस सड़क मार्ग से सवारी मिला उसी मार्ग से निकल गया। अगर प्रशासन के द्वारा वन-वे व्यवस्था शुरू किया जाता तो थोड़ा समस्या का समाधान हो सकता है।
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कैप्शन: मंगलवार को जमालपुर बाजार में जाम में फंसे लोग।
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