बाढ़ क्षेत्र के जर्जर सड़कों की नहीं ली जा रही सुध
2. बोले खगड़िया:बाढ़ क्षेत्र के जर्जर सड़कों नहीं ली जा रहीबाढ़ क्षेत्र के जर्जर सड़कों नहीं ली जा रहीबाढ़ क्षेत्र के जर्जर सड़कों नहीं ली जा रही

परबत्ता । एक प्रतिनिधि प्रखंड के कई पंचायतों में कई माह पूर्व गंगा की बाढ़ में ग्रामीण सड़के जर्जर हो गई है, लेकिन अभी तक इस जर्जर सड़कों कि सुध नहीं ली जा रही है। सड़क की जर्जरता के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी क़ा सामना करना पड़ रहा है। वही विभाग इसके प्रति उदासीन बने हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत अगस्त माह में गंगा में आई उफान के कारण जीएन बांध के अंदर बसे आधा दर्जन से अधिक गांवों में गंगा की बाढ़ का पानी तबाही मचा दिया था। बाढ़ के आते ही लोगो के बीच काफ़ी बेचैनी बढ़ गई थी। गंगा के पानी का तेज धारा के कारण ग्रामीण सड़क जगह-जगह टूट कर बर्बाद हो चुकी है। बाढ़ को गए तकरीबन एक माह होने के करीब है,लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने जर्जर सड़कों की सर्वे तक शुरू नहीं कर सका। खासकर गंगा में आई बाढ़ कि तबाही से प्रखंड के माधवपुर, कबेला, लगार, तेमथा करारी भरसो आदि की सड़क टूटकर बर्बाद हो चुकी है। सड़क की जर्जरता के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क अगर बाढ़ क्षेत्र के एक गांव मुरादपुर गांव के ग्रामीण सुनील झा साजन झा आदि कि माने तो नयागंव माधवपुर रिंग बांध से मुरादपुर गाँव की ओर जाने वाली सड़क बाढ़ की चपेट में आने से खंडित हो गया है। सड़क की खस्ता हालत से उस गांव के वाहनों का आना-जाना दूसरे रास्ते से किया जा रहा है। वहां के लोगों की स्थिति यह है कि करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर जाने की विवशता है। यह समस्या बाढ़ क्षेत्र के सिर्फ एक गांव की नहीं है, बल्कि कमोवेश सलारपुर, जागृति टोला, लगार आदि सड़कों की जर्जर स्थिति बनी हुई है। वही सीओ मोना गुप्ता ने बताया कि बहुत जल्द बाढ़ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जा रही है। इस पर गंभीरता सें पहल की जाएगी।
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