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पांच मार्च को पटना में युवा चौपाल

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Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईMon, 24 Feb 2025 04:22 AM
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पांच मार्च को पटना में युवा चौपाल

खैरा। निज संवाददाता खैरा दुर्गा मैदान स्थित संगत चबूतरा पर राजद युवा कार्यकर्ताओं की एक बैठक रविवार को हुई। जिसकी अध्यक्षता विजय कुमार यादव प्रखंड अध्यक्ष ने किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष विकास यादव ने किया। बैठक में उपस्थित जिला प्रभारी मो नसीम अहमद ने कहा कि 5 मार्च को पटना में युवा चौपाल कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर चलें। प्रदेश सचिव गोल्डन अंबेडकर ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर युवा को मजबूती के साथ काम करना है। बूथ कमेटी को गठन कर उसमें मजबूती प्रदान करना है। हर महिला को 2500 दिया जाएगा, वृद्ध , विधवा, दिव्यांग को 400 से बढाकर 1500 दिया जाएगा। उपेंद्र तांती ने कहा कि अगर बिहार को विकसित देखना चाहते हैं तो तेजस्वी यादव के मिशन को बढ़ाने में योगदान निभाना होगा। आपस के मतभेद को छोड़ कर एकजुट होकर काम करने के लिए हम सबों को आगे कदम बढ़ाना होगा। मौके पर बैठक में कार्यकारी जिला अध्यक्ष महेंद्र दास, प्रमोद यादव, अशोक रविदास, मो इम्तियाज अहमद ,इंद्रदेव यादव ,सिंडर दास, रंजन कुमार ,प्रकाश यादव ,नरेश यादव आदि उपस्थित थे।

सड़क हादसे में दिव्यांग घायल

फोटो-24- अस्पताल में भर्ती दिव्यांग मरीज

झाझा, नगर संवाददाता

सड़क हादसे में दिव्यांग घायल हो गया। घटना शनिवार देर शाम की है। जानकारी अनुसार झाझा के खैरन मोड़ कटहरा नदी पुल के निकट दिव्यांग स्कूटी सवार गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। एक बाइक सवार ग्रामीण ने ऑटो में लाद कर झाझा भेजने का कार्य किया। इसी बीच रास्ते में डायल 112 की पुलिस की मदद से इलाज के लिए झाझा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ दिनेश कुमार के द्वारा घायल मरीज का इलाज किया गया। घायल की पहचान झाझा थाना क्षेत्र के खैरन गांव निवासी शिवकुमार यादव के रूप में की गई है। बताया जाता है की शिव कुमार घर से स्कूटी लेकर कुछ जरूरी कार्य से झाझा बाजार आ रहे थे। एक अज्ञात वाहन ने उन्हें चकमा दे दिया जिससे वे स्कूटी से गिरकर घायल हो गए। चिकित्सक ने इलाज के बाद उन्हें खतरे से बाहर बताया।

नायाब पहल: बिहार में पहली बार प्रवासी पक्षियों को लगाए जा रहे ट्रांसमीटर

विभिन्न सुदूर देशों से आने वाले विदेशी मेहमां हवाई रूट व उनके मिजाज का अध्ययन-आकलन हो सकेगा मुमकिन

फोटो-25,26- पक्षियों को ट्रांस्मीटर लगाते विशेषज्ञ

झाझा, निज संवाददाता

पक्षियों का हाल-मुकाम आदि जानने के नजरिए उन्हें छल्ला (रिंग) पहनाए जाने की बातें तो आपने अक्सर सुनी होगी। किंतु,अब उन्हें ट्रांसमीटर से भी लैस किया जा रहा है। पक्षियों में अब ट्रांसमीटर भी लगाए जाने की नायाब पहल बिहार में पहली बार हो रही है। मक्सद है कि सुदूर देशों से आने वाले विदेशी मेहमानों के साथ-साथ देश के भी विभिन्न इलाकों से आने-जाने वाले पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों के हवाई उड़न मार्ग (फ्लाइंग रूट) और उनके व्यवहार का वस्तुपरक अध्ययन, आकलन करना। रामसर साइट के वैश्विक दर्जे के गौरव से नवाजे गए जमुई जिले के झाझा स्थित नागी पक्षी आश्रयणी में डेरा डाले पक्षियों को भी ट्रांसमीटर लगाने की कवायद शनिवार से शुरू हो चुकी है। ट्रांसमीटर लगाने का कार्य राज्य के पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। बीएनएचएस के उप निदेशक सह वैज्ञानिक डॉ.सथिया सेलवम की अगुवाई में परवान चढ़ रहे उक्त कार्य में बीएनएचएस की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य अरविन्द मिश्रा भी शामिल रहे। इनके सहयोग को बीएनएचएस की शोधार्थी (स्कॉलर) खुशबू रानी, वर्तिका पटेल, अविलाषा,अभय राय एवं सुष्मित बोले के अलावा बर्ड ट्रैपर मनीष कुमार,मो.शमशुल,मो.अख्तर हुसैन,मो.आरिफ,मो.ताहिर भी शामिल थे। जबकि मो.आशिक एवं राकेश यादव भी इस कार्य में सहयोग करते दिखे क जमुई के बर्ड गाइड मनीष कु.यादव,संदीप कुमार, श्याम कु.यादव व युगल कुमार एवं वनरक्षी मनोरंजन कुमार लगातार इस कार्यक्रम और पक्षियों की निगरानी में लगे बताए गए। श्री मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दो बार-हेडेड गूज यानि राजहंस पक्षियों में ट्रांसमीटर लगाया गया और फिर उन्हें तुरंत नागी झील में छोड़ दिया गया था। बताया कि रविवार को चीन और मंगोलिया के इलाके से आने वाले पक्षी रूडी शेलडक यानि चकवा में भी ट्रांसमीटर लगाने की योजना है।

बिहार में देश का चौथा बर्ड रिंगिंग एवं मॉनिटरिंग सेंटर भागलपुर में स्थित है। उक्त सेंटर द्वारा राज्य के विभिन्न पक्षी स्थलों पर दुनियां के विभिन्न देशों से आने वाले पक्षियों के आवागमन और व्यवहार को समझने के लिए पक्षियों को ट्रांसमीटर, अल्युमिनियम और प्लास्टिक के छल्ले पहनाने, कॉलर लगाने और टैग लगाने का कार्य किया जाता है। इन छल्लों में नंबर वाले कोड अंकित होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ये छल्ले प्राप्त होते हैं तो इसकी सूचना बीएनएचएस को दी जानी चाहिए ताकि उस पक्षी ने कहां से कहां तक का भ्रमण किया है,इसकी जानकारी प्राप्त हो सके। इस सेंटर द्वारा पक्षियों के प्रवास के अध्ययन के अलावा पक्षियों की पहचान,उनके व्यवहार और उनकी उपयोगिता के बारे में भी शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया जाता है। साथ ही आम लोगों, विशेषकर युवाओं को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाता है।

जिले के अन्य जलाशयों में डेरा डाले पक्षियों को भी ट्रांसमीटर लगाने की संभावना तलाशी गई:

इस दल ने जिले के नकटी पक्षी अभयारण्य, धमना आहर, गिद्धौर के निकट के गंगासागर, देवन आहर, बेलाटांड, तिलवरिया डैम, परमनिया डैम आदि जलाशयों में भी पक्षियों में ट्रांसमीटर,छल्ले, टैग और कॉलर लगाने की संभावनाओं को तलाशा। डॉ सथिया सेलवम ने बताया कि ये बार हेडेड गूज यानि राजहंस हमारे देश में तिब्बत,चीन और मंगोलिया जैसे सुदूर देशों तक से आते हैं। ट्रांसमीटर से लैस किए जाने से अब यह ज्ञात या अध्ययन करना सहज हो जाएगा कि बिहार में इनकी आबादी किस देश से आती है। कहा,उनकी तो ग्रे लैग गूज यानि सिलेटी सवन को भी ट्रांसमीटर लगाने की योजना थी,किंतु मौसम में अप्रत्याशित बदलाव के कारण ये पक्षी जमुई के इलाके से निकल चुके हैं। उधर अरविंद मिश्रा ने बताया कि जिन दो राजहंस पक्षियों को ट्रांसमीटर लगाया गया है,उनकी गतिविधियों की अब पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी। बताया कि अभी भागलपुर में 20 ग्रेटर एडजुटेंट यानि बड़ा गरुड़ पक्षियों में भी ट्रांसमीटर लगाने की योजना है, जो दुनियां के दुर्लभतम स्टोर्क पक्षी हैं।

विभागीय अधिकारियों ने इसे शानदार पहल करार दिया:

जमुई के वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) तेजस जायसवाल के अलावा राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) प्रभात कुमार गुप्ता ने भी बिहार में उक्त अध्ययन की शुरुआत को एक शानदार पहल करार दिया है।

रोचक:सात समंदर पार से भी साल-दर-साल नागी को ही ढूंढते हुए आते हैं सुदूर देशों के मेंहमां:

इस अंजुमन में आपको आना है बार-बार,दर-ओ-दीवार को......नागी और प्रवासी पक्षियों के रिश्ते के मामले में भी मानों उक्त मशहूर गजल पूरी तरह हकीकत प्रतीत होती है। नागी के मुरीद प्रवासी मेहमां सात समंदर पार करके भी हर साल नागी व नकटी को ही ढूंढते हुए फिर इन्हीं के आंचल में आकर उधम मस्ती करते हैं। यह बात पक्षीविद अरविंद मिश्रा द्वारा बताए गए एक रोचक किस्से से स्वत: साबित होती है। उन्होंने बताया कि अभी बीते दिसंबर माह में नकटी में एक राजहंस को गर्दन में बी05 की लाल रंग की कॉलर पहने हुए देखा गया था जिसे यह कॉलर बीएनएचएस के वैज्ञानिकों ने साल भर पहले नागी में ही पहनाई थी। सुदूर मंगोलिया जैसे क्षेत्र में रहने वाले इस राजहंस ने दोबारा नागी-नकटी को ही अपना आश्रय स्थल बनाया है,यह अत्यंत खुशी की बात है। यह दर्शाता है कि नागी-नकटी का यह क्षेत्र इन प्रवासी पक्षियों के लिए कितना अनुकूल और सुरक्षित है। श्री मिश्रा ने बताया कि इससे यह भी निष्कर्ष निकलता है कि इन पक्षियों में बार-बार पारंपरिक स्थलों पर लौटने की आदत होती है।

खैरा के शिवालयों में महाशिवरात्रि की तैयारी

फोटो-27- गिद्धेश्वर नाथ मंदिर की तस्वीर

खैरा। निज संवाददाता

खैरा प्रखंड के सभी शिवालयों में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारी की जा रही है। इसके लिए शिवालय से संबंधित कमेटी के सदस्य गांव के सक्रिय लोग भी इस कार्य में लगे हुए हैं। मेला स्थल की साफ-सफाई की जा रही है। महाशिवरात्रि में होने वाले पूजा अर्चना में महाशिवरात्रि का प्रथम स्थान है। इस दिन श्रद्धालु गण पूरे धार्मिक नियम के अनुसार पूजा पाठ करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में संपूर्ण सुख प्राप्त होता है। इस दिन व्रत पूजा पाठ रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। शिवरात्रि के दिन महादेव और पार्वती का पूजा अवश्य करना चाहिए। उसी दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था पौराणिक मान्यता है कि महादेव का पहला विवाह माता सती से दूसरा माता पार्वती से तीसरा माता उमा से और चौथा मां काली से हुई थी। इधर खैरा के रामेश्वर नाथ मंदिर, मनमहेश नाथ, कागनाथ, बोधनाथ नाथ धाम सहित सभी शिवालयों में विवाह की झांकी श्रद्धालुओं को दिखाने के लिए तैयारी की जा रही है।

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