होली नजदीक, शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सजने लगे कपड़ों के बाजार
होली नजदीक, शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सजने लगे कपड़ों के बाजार होली नजदीक, शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सजने लगे कपड़ों के बाजार
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जमुई। नगर प्रतिनिधि जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में होली को लेकर कपड़ा व रेडीमेड की दुकानें सजने लगी हैं। कुछ लोग अभी से अपनी पसंद से कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार की दुकानों पर कुर्ता, पायजामा, धोती, साड़ी, शूट टंग गए हैं। व्यवसाइयों को उम्मीद है कि इस बार बेहतर कारोबार होगा क्योंकि फसल की उपज अच्छी हुई है। जिले में रंगों के पर्व को चटख बनाने की तैयारी हर तरफ शुरू हो गई है। होली को लेकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र के बाजार गुलजार होने लगे हैं। ग्राहक जरूरत की सामग्री खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंचने लगे हैं। होली को लेकर अभी से ही बाजार कपड़ों से सज गए हैं। दुकानदारों ने कोलकाता, दिल्ली आदि जगहों से कपड़ों के स्टॉक मंगवाए हैं। पर्व नजदीक आते ही खरीदारी के लिए दुकानों में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। बच्चे-बड़े अपनी पसंद के कपड़ों के सेलेक्शन करने में जुटे हैं। किसी को होली के लिए ट्रेडिशनल तो किसी को डिजाइन वाले रंग-बिरंगे कुर्ता-पायजामा चाहिए। कुछ लोग कपड़ा खरीदकर दर्जी के पास कुर्ता-पायजामा सिलवाने के लिए दे रहे हैं। दुकानदार विष्णु वरणवाल ने बताया कि होली को लेकर अभी से ही कपड़ों की बिक्री शुरू हो गयी है। इस बार अधिक बिक्री होने की उम्मीद है। अधिकतर लोग सफेद कुर्ता व रंग-बिरंगे कुर्ता-पायजामा खरीद रहे हैं। रंग व गुलाल लगने के कारण लोग कम कीमत वाले कपड़े अधिक पसंद कर रहे हैं। कॉटन सफेद कुर्ता 200 से 600 रुपए, रंगीन में 800 से 1000 रूपए तक का कपड़े उपलब्ध हैं। 1500 से 1800 तक लहंगा चोली व कुर्ता-पायजामा 250 से 800 रुपए तक ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। रेडीमेड कारोबारी गुड्ड ने बताया कि बच्चों के बीच बाबा सूट की काफी डिमांड है। उन्होंने बताया कि होली में कुर्ता-पायजामा, धोती व साड़ी की मांग ज्यादा रहती है। कपड़ा खरीदने आए रतनपुर के अखिलेश पांडेय ने बताया कि होली नजदीक रहने पर बाजार में भीड़ बढ़ जाएगी और आइटम की भी कमी हो जाएगी इसलिए अभी ही खरीद ले रहा हूं। बाद में दुकानदार भी ज्यादा कपड़ा निकालकर नहीं दिखा सकेंगे क्योंकि दुकान पर ज्यादा भीड़ रहती है।
अभी ग्रामीण बाजार में बिक्री कम
कुर्ता की खरीदारी कर रहे युवक रितेश कुमार ने बताया कि होली में कुर्ता पहनकर अबीर-गुलाल खेल लेंगे और गर्मी में भी उसका उपयोग कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के भी बाजार सजने लगे हैं। हालांकि लक्ष्मीपुर, मलयपुर, मंझवे, महादेव सिमरिया में अभी होली की खरीदारी कम हो रही है। फिर भी व्यवसायी कपड़ा, रेडीमेड व अन्य सामग्री मंगाने लगे हैं।
बाजारों में दिख रही होली की रंगत
रंगों और मस्ती के महापर्व होली को लेकर बाजारों में रंगत दिखने लगी है। रंगोत्सव में चंद दिन शेष रह गए हैं। 13 मार्च को होलिका दहन व 14 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। चौक चौराहों पर होलिका दहन को लेकर लकड़ी जमा करने की भी तैयारी हो रही है। युवाओं का दल लकड़ियों का इंतजाम करेगा, ताकि होलिका दहन अच्छे से हो सके।
रंग, गुलाल, पिचकारी की सजेंगी दुकानें
जिले में अभी रंग-गुलाल, मास्क, टोपी और पिचकारियों की दुकानें नहीं सजी हैं। फुटपॉथ पर उक्त चीजों का कारोबार करने वाले गणेश कुमार व नरेंद्र केशरी ने बताया कि उन्होंने माल मंगा लिया है। दस दिनों बाद दुकानें सजनी शुरू हो जाएंगी। पूछने पर दुकानदारों ने बताया कि पिछले वर्ष की मांग को देखते हुए इस बार हर्बल और सिल्की गुलाल मंगाया गया है।
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