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जमीन की रजिस्ट्री के लिए दिव्यांग का अपहरण, पहचान और सिम बदलकर घूमाते रहे आरोपी

मधुबनी जिले के बाबूबरही में बीते 7 फरवरी को किडनैप हुए दिव्यांग को पुलिस ने सकुशल बुधवार को बरामद कर लिया। दिव्यांग का 20 लाख रुपये की जमीन की रजिस्ट्री के लिए अपहरण किया गया था। किडनैपर पहचान और सिम बदलकर पुलिस को चकमा दे रहे थे।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, निज संवाददाता, बाबूबरही (मधुबनी)Wed, 12 Feb 2025 03:35 PM
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जमीन की रजिस्ट्री के लिए दिव्यांग का अपहरण, पहचान और सिम बदलकर घूमाते रहे आरोपी

बिहार के मधुबनी जिले में 20 लाख रुपये की जमीन की रजिस्ट्री के लिए एक दिव्यांग का अपहरण कर लिया गया। किडनैपर पहचान बदलकर और अलग-अलग मोबाइल सिम का इस्तेमाल करके घूम रहे थे। ताकि किसी को शक न हो सके। हालांकि, आखिरकार पुलिस ने दिव्यांग को ढूंढ निकाला। यह मामला जिले के बाबूबरही थाना क्षेत्र का है। महेशवाड़ा गांव के जिस दिव्यांग का 7 फरवरी को अपहरण किया गया था, उसे पुलिस ने बुधवार को खजौली रजिस्ट्री ऑफिस के पास से बरामद कर लिया गया।

एसपी के दिशा निर्देश मुताबिक थानाध्यक्ष चंद्रमणि के नेतृत्व में एएसएचओ संतोष कुमार, एसआई राजकेसर सिंह सभी अन्य अधिकारी अपहृत को बरामद करने में लगे थे। नामजद आरोपी का पता लगाने के लिए खजौली, राजनगर, जयनगर, मधुबनी, नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में जगह जगह छापेमारी की गई। अपहृत हुए भिखारी राय दोनों हाथ पैर से दिव्यांग हैं। उनकी पत्नी डोमनी देवी ने शिक्षक मोती दास, उपेंद्र यादव, रूपेश एवं रौशन यादव के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी।

भिखारी ने पुलिस को बताया कि साल 2022 में बड़ी बेटी की शादी के लिए उन्होंने गांव के उपेंद्र यादव से एक लाख रुपये उधार लिए थे। उनकी बेटी की 19 नवंबर 2022 को शादी थी। हिसाब करके उधार के पैसे 4 लाख 96 हजार रुपये वह वापस लौटाने में लगे हुए थे। इसी बीच उपेंद्र यादव और उसके साथी चौक से आगे मेन रोड किनारे की 20 लाख कीमत की दो कट्ठा 8 धुर रकवा वाली जमीन की रजिस्ट्री के लिए दबाव देने लगे।

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दिव्यांग भिखारी राय ने बताया कि 7 फरवरी को सुबह 10 बजे उन्हें गांव के ही शिक्षक मोती दास के यहां से उठा लिया गया। अपहरण होने के बाद आरोपी रूपेश और रौशन कभी दिव्यांग के बेटे तो कभी बेटी को जान से मारने की धमकी देते। रौशन बाइक चलाता था, भिखारी को बीच में बैठाता और रूपेश उसके पीछे बैठता था। आरोपी गमछे से उसका चेहरा ढंककर दिन में बाहर निकालते थे और रात में छुपा देते थे।

दोनों ही आरोपी गिरफ्तारी के डर से लगातार अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे। उन्होंने अपनी वेशभूषा भी बदल दी। आरोपी लगातार नए-नए मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी नाटकीय ढंग से हुई। थानाध्यक्ष ने बताया कि दिव्यांग भिखारी राय चार संतानों के पिता हैं। उनके पास रहने के लिए जमीन के अलावा कुछ भी नहीं है। लाचार हालत में वे गुजारे के लिए अपने बड़े बेटे के साथ मजदूरी करते हैं। उधार कर्ज चुकाने के लिए वह अपनी जमीन बेचने के लिए दिल्ली से घर आए थे।

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