बलभद्रपुर में जर्जर सड़क व जाम नाला बड़ी समस्या
दरभंगा नगर निगम के बलभद्रपुर मोहल्ले में लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। खुली नालियां, गड्ढों वाली सड़कों और पेयजल की किल्लत से क्षेत्र के निवासी परेशान हैं। यहां के लोग नगर निगम की लापरवाही का...
दरभंगा नगर निगम क्षेत्र स्थित बलभद्रपुर शहर का चर्चित व वीआईपी मोहल्ला है। इसके बावजूद बलभद्रपुर के लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। मोहल्ले की खुली नालियां बजबजा रही हैं। गड्ढ़ों से भरी सड़कें, अतिक्रमण, धूल, गली-दरवाजे के आगे मंडराता आवारा पशुओं का झुंड लोगों की परेशानी का सबब है। बरसात में जलजमाव और गर्मी में पेयजल किल्लत सबसे बड़ी समस्या है। इस मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं की ऐसी किल्लत से प्रबुद्धजन चकित हैं। यहां के निवासी इस स्थिति का जिम्मेदार नगर निगम को बताते हैं। लोगों का कहना है कि वाटर टैक्स, कचरा शुल्क, होल्डिंग टैक्स आदि की वसूली में निगम कर्मी तत्पर रहते हैं। विलंब होने पर नोटिस भेजते हैं, पर असुविधाओं को दूर करने से पल्ला झाड़ लेते हैं। लोग बताते हैं कि ध्वस्त सड़कों के किनारे गाद से भरा खुला नाला है। वाहन से किसी तरह लोग उछलते-कूदते आवागमन कर लेते हैं, पर मॉर्निंग वॉक में परेशानी होती है। सुबह का ताजा मिजाज खुला बदबूदार नाला देख कसैला हो जाता है। मोहल्ले के लोग बरसात के दिनों में तीन माह तक हाउस अरेस्ट रहने का दर्द भी बताते हैं। साथ ही गर्मी में प्रतिवर्ष बढ़ रही पेयजल किल्लत की शिकायत भी करते हैं। स्थानीय महेश नारायण झा उर्फ मोहनजी का कहना है कि जर्जर सड़कों को पहले जल-नल की वाटर पाइप गाड़ने के लिए खोदा गया, फिर घटिया तरीके से पाइप बिछाने की वजह से जगह-जगह वाटर पाइप लीक हो गया है। शिकायत करने पर निगम के अधिकारी इसे ठीक करने का दायित्व पीएचईडी का बताकर कन्नी काट लेते हैं। अब गैस पाइपलाइन के लिए गड्ढ़ा खोदकर छोड़ा जा रहा है। इसका मेंटेनेंस कौन और कब करेगा, पता नहीं है। उन्होंने बताया कि सड़क और नाला बलभद्रपुर मोहल्ले की सबसे बड़ी समस्या है। वर्षों से इसके अभाव में मोहल्ले के लोग परेशान हैं। इस मोहल्ले में सांसद, विधायक, आईएएस, आईपीएस, प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता जैसे प्रबुद्धों का निवास है, फिर भी अपेक्षित सुविधाएं विकसित कर पाने में नगर निगम प्रशासन असफल है।
बलभद्रपुर का हुआ विस्तार, पर समस्याएं बरकरार: जिला मुख्यालय लहेरियासराय टावर से सटे बलभद्रपुर मोहल्ले का विस्तार निगम के दो वार्डों तक हो चुका है। इसका पश्चिमी-दक्षिणी भाग निगम के वार्ड 47 का हिस्सा है। इस क्षेत्र में करीब आठ हजार वोटर हैं और 40 हजार लोग निवास करते हैं। वहीं, एमएल एकेडमी स्कूल से सटे बलभद्रपुर का पूर्वी-उत्तरी भाग निगम के वार्ड 44 में है। इस हिस्से में करीब सात हजार शहरी मतदाता हैं और 30 हजार लोग रहते हैं। मोहल्लावासी राजीव सिंह बताते हैं कि आबादी बढ़ने से न्यू बलभद्रपुर के तौर पर नई कॉलोनी बन गई, पर समस्याएं जस की तस हैं। आवाज उठाने पर भी नगर निगम के अधिकारी पहल नहीं करते हैं। इसी से जलजमाव की समस्या दूर नहीं हो रही है। वार्ड 47 के पार्षद प्रतिनिधि पार्षद आशुतोष कुमार की मानें तो यह वीआईपी मोहल्ला जल्द ही चकाचक बनेगा। दशकों पुरानी सड़क व नाले की समस्या हल हो चुकी है। पार्षद प्रतिनिधि आशुतोष बताते हैं कि सड़क व नाला निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। तीन करोड़ 71 लाख की लागत से निर्माण होना है। उन्होंने बताया कि गर्मी में पेयजल किल्लत का स्थायी विकल्प नहीं हो रहा है। पीएचईडी की लापरवाही से कनेक्शन वाले घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इसे दूर कराने में नगर निगम के अधिकारी भी सुस्त बने हैं। इसी वजह से क्षेत्र में जलापूर्ति योजना बेकार बनी है। 30 प्रतिशत लोग गर्मी में पेयजल किल्लत के शिकार बन जाते हैं। ऐसी ही बात वार्ड 44 के पार्षद राकेश रौशन चौधरी उर्फ बिट्टू बताते हैं। कहते हैं कि इस बार भी पेयजल संकट से निजात के लिए वाटर टैंकर मंगवाना पड़ेगा। वैसे 70 प्रतिशत समर्थवान लोगों ने समरसेबुल गड़ा लिया है।
पार्क-मैदान के अभाव से युवा-बुजुर्ग निराश
शहरी क्षेत्र में खेल मैदान एवं पार्क का अभाव है। बलभद्रपुर मोहल्ले के युवा-बुजुर्ग दोनों ही पार्क और खेल मैदान नहीं होने की शिकायत करते हैं। पार्क नहीं होने से सुबह में सड़क पर ही टहलना पड़ता है।
रेलवे लाइन-नहर नाले की उड़ाही से दूर होगा जलजमाव
दरभंगा-लहेरियासराय रेल लाइन और वीआईपी रोड के बीच में बलभद्रपुर मोहल्ला है। इसका एक सिरा चट्टी चौक और दूसरा एमएल एकेडमी स्कूल को छूता है। कटोरीनुमा इस क्षेत्र के लोग बरसात होते ही जलजमाव से जूझने लगते हैं। वैसे, मोहल्ले के बुजुर्ग बताते हैं कि जलजमाव हाल के 20-25 वर्षों से हो रहा है। करीने से बसे इस मोहल्ले की नालियां सुव्यवस्थित थीं। बरसात का पानी आसानी से चौर-पोखर होकर रेलवे लाइन किनारे नाले से नहर में गिरता था। मोहल्ला वासी डॉ. अनिल नारायण सिंह बताते हैं कि मोहल्ले की आबादी बढ़ने से रेलवे लाइन से सटा चौर खत्म हो चुका है। वहां मौजूद एक पोखर भी गायब है। अब इमारतें खड़ी हैं, पर रेलवे लाइन किनारे नहर नाले का अस्तित्व बचा है। उन्होंने बताया कि दरभंगा-समस्तीपुर रेलवे लाइन दोहरीकरण के दौरान यह नाला बोल्डरों से भर गया। इसके बाद नालों से पानी की निकासी ठप हो गई। इसी के बाद बलभद्रपुर में जलजमाव की समस्या गहराई है। वार्ड-44 के पार्षद राकेश रोशन चौधरी बताते हैं कि रेल लाइन किनारे नहर नाले की सफाई का दो-तीन बार प्रयास हुआ है। नाले में इस कदर गाद भरी है कि निगम के लेबर एवं पोकलेन मशीन हटाने में सक्षम नहीं है। नहर से सटे खेतों के किसान भी इसे खोलने पर विरोध जताते हैं। नाले से गाद व बोल्डर हटाने के लिए निगम के अधिकारियों की विशेष पहल की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ढाई दशक से बलभद्रपुर में जलजमाव नासूर बना हुआ है। बरसात होते ही घुटनेभर पानी भर जाता है। इसे लेकर बोर्ड की बैठक में दोबारा आवाज उठाएंगे।
सड़क से अतिक्रमण नहीं हटाया तो कार्रवाई
बलभद्रपुर मोहल्ले के बारे में वार्ड 44 के पार्षद राकेश रोशन उर्फ बिट्टू बताते हैं कि दो फेज में सड़क निर्माण होगा। पहले फेज में बलभद्रपुर स्थित 22 नंबर रेलवे गुमटी से शाहगंज और वैदेही अस्पताल से खादी भंडार की सड़क बनेगी। इसके बाद दूसरे फेज में एमएल एकेडमी मोड़ से एनपी मिश्रा चौक होते हुए कांग्रेस ऑफिस से लहेरियासराय पेट्रोल पंप तक सड़क बनेगी। उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन सड़कों पर जगह-जगह अतिक्रमण है। उसे बार-बार हटाने की चेतावनी दी जा रही है। लोग निर्माण शुरू होने से पहले अतिक्रमण हटा लें अन्यथा निगम की ओर से फाइन के साथ जगह खाली कराने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बलभद्रपुर में किराए के कमरे में भी छात्र रहते हैं। मकान मालिक किराएदारों को सत्यापित कर रखें। साथ ही उनके आधार कार्ड की छायाप्रति पार्षद को भी दें। इससे आपराधिक घटनाओं को रोकने में पुलिस को आसानी होगी।
पीएचईडी जल्द दूर करे वाटर पाइप का लीकेज
वार्ड-47 के पूर्व पार्षद आशुतोष कुमार आशु बलभद्रपुर के आदर्श मोहल्ला बनने का आश्वासन देते हैं। बताते हैं कि बलभद्रपुर में सड़क व नाला निर्माण होते से ही सुविधाएं बढ़ जाएंगी, लेकिन इससे पूर्व वाटर लीकेज की समस्या को खत्म करना जरूरी है। पीएचईडी के अधिकारियों को अविलंब पहल करनी चाहिए। सड़क बनने के पूर्व पाइप लीकेज दुरुस्त नहीं होगा तो भविष्य में भी यह समस्या परेशान करेगी। उन्होंने बताया कि पीएचईडी द्वारा बिछाई गई नलजल योजना की पाइप में जमकर धांधली हुई है। यही कारण है कि शहर में पेयजल की किल्लत है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो मीटर के बदले दो फीट की गहराई पर पाइप गाड़ी गयी है। इसे लेकर विरोध जताया गया, पर कुछ नहीं हुआ। अब वाहनों की रगड़ से पाइप में जगह-जगह लीकेज हो गया है और पानी घरों में जाने के बजाय सड़क पर बहता है। उन्होंने बताया कि बलभद्रपुर जैसे ही शहर के अन्य हिस्सों में भी वाटर लीकेज है जिससे रोजाना हजारों लीटर पानी बहकर बर्बाद होता है।
- प्रस्तुति: राजकुमार गणेशन
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